पाकुड़ यूँ तो पत्थरों के लिए मशहूर रहा , अब कोयले ने भी इसमें अपना स्थान बनाया है। बाँकी कई और कारणों से पाकुड़ चर्चे में समय समय पर आता रहा, लेकिन साहित्यकारों तथा कलाकारों के साथ कई सकारात्मक सृजन के लिए भी पाकुड़ चर्चा का विषय रहा है, इसमें पत्रकारिता ने भी अपनी उपस्थिति बनाये रखी है।
ठीक एक वर्ष पहले एक सकारात्मक ऊर्जा ने कुछ लोगों में उबाल ली , और एक गहरी प्रसवपीड़ा ने दो अखबारों को जन्म दिया। पत्रकारिता ने वर्षों बाद अँगड़ाई ली तथा पाकुड़ की आवाज़ को पाकुड़ की धरती से शब्द मिलने शुरू हुए।
बुधवार को पाकुड़ जिला से प्रकाशित अख़बार झारखंड नामा पाक्षिक अख़बार और जागता झारखंड दैनिक अख़बार का पहला स्थापना दिवस पाकुड़ बैंक कॉलोनी स्तिथ स्टेडियम मे मनाया गया इस स्थापना दिवस के मुख्य अतिथि के रूप मे जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राहुल कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पाकुड़ दयानद आज़ाद रहे मुख्य अतिथियों का स्वागत बुके देकर किया गया साथ साथ मंचासिन अतिथियों का भी माल्यार्पण कर स्वागत किया गया इस स्थापना दिवस के अवसर सभी ने झारखंड नामा पाक्षिक अख़बार और जागता झारखंड दैनिक अख़बार के प्रति अपनी शुभ कामनाये दी और निरंतर इसी प्रकार आगे बढ़ने की और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए धन्यवाद दिया इस अवसर पर प्रभात खबर जिला ब्यूरो रमेश भगत, लोजपा के जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह, जनता दल (यू) जिला अध्यक्ष गौतम मंडल सामाजिक कार्यकर्त्ता विक्रम मिश्रा पत्रकार अविनाश मंडल, प्रीतम सिंह यादव, वरिष्ठ पत्रकार मकसूद आलम, जयदेव कुमार, बलराम ठाकुर सभी ज़िलें से आये हुए जिला ब्यूरो संवाददाता एवं झारखंड नामा के सह संपादक एवं जागता झारखंड प्रधान संपादक अहसान आलम एवं संपादक डॉक्टर कृपा शंकर अवस्थी मौजूद थे
पाकुड़ की आवाज़ को शब्द देने के एक वर्ष हुआ पूरा , मनाया गया स्थापना दिवस।
Comment box में अपनी राय अवश्य दे....