Tuesday, December 3, 2024
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मोबाइल नशे की तरह उतर चुका है हमारी रगों में , आज इसके बिना कुछ भी सम्भव नही लगता, हमारा बचपन भी मानो छिन गया हो।

*यादें बचपन की। 😊*

वो भी एक दौर था जब…

1.पापा शाम को घर आने में लेट हो जाते और हम चिंता ही करते रह जाते क्योंकि मोबाइल नहीं था..😄

2.घर के बाहर बरामदे में दोस्तों के साथ बैठकर गपशप लड़ाते क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

3.स्कूल की सारी टीचर हमारी कंप्लेन हमारी ही डायरी में लिख कर देती क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

4. दूरदर्शन के 15 मिनट के समाचार शांति से बैठ कर सुन लेते क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

5. इधर-उधर ध्यान दिए बगैर घरवालों के साथ बैठकर खाना खा लेते क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

6. ट्रेन लेट हो जाने पर कई बार रेलवे स्टेशन जाकर बार बार पूछना पड़ता था क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

7. हर बर्थडे पर पापा मम्मी के साथ फोटो स्टूडियो पर एक फोटो खिंचवाने जाते क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

8. पापा-मम्मी को बाजार से क्या सामान लाना है अगर बताना भूल जाते तो फिर से नहीं बता पाते क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

9. बचपन की यादें दिल में है तस्वीरों में नहीं क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

10. दुनिया की चकाचौंध से दूर हमारी खुद की एक दुनिया थी क्योंकि मोबाइल नहीं था…😄

👌👌👌👍👌👌👌
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