Saturday, July 27, 2024
Homeप्रेरकलुत्फुल हक़ की महक से एक बार फिर महका पाकुड़, मुंबई में...

लुत्फुल हक़ की महक से एक बार फिर महका पाकुड़, मुंबई में पुनः हुए सम्मानित।

एक बार फिर समाजसेवी “लुत्फुल हक”को वर्ष का सबसे प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्त्ता का अवार्ड

पाकुड़ नगर के मशहूर समाजसेवी लुत्फुल हक को वर्ष का सबसे प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता (मोस्ट इंस्पायरिंग सोशल वर्कर ऑफ द ईयर) इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया है। रविवार की देर शाम मुंबई के पांच सितारा होटल में आयोजित इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड कार्यकर्म में बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कियारा आडवाणी ने अपने हाथों से लुत्फुल हक को अवार्ड और सर्टिफिकेट देकर नावाजा है।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को अवार्ड से नावाजा गया।
बताना लाजमी होगा कि लुत्फुल हक पाकुड़, साहेबगंज जिले के अलावा बंगाल के फरक्का, धुलियान आदि क्षेत्र में भी समाजसेवा का काम कर रहे है।
पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ गरीब लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराते है। वर्तमान में फर्श से अर्श तक पहुंचने की राह में कई परेशानियों को झेला है। श्री हक अवार्ड प्राप्त करने के बाद कहते है कि फर्श से अर्श तक जाने का मकसद केवल ऊंचाइयों को छूना ही नहीं, बल्कि हरेक परेशानियों को निगलते हुए उस अर्श को छू लेने से है, जो कि फर्श से कोसों दूर है। मुश्किलें परेशानियां दुःख और तकलीफ तो हर मंज़िल की खूबसूरती होती हैं।
उन्होंने कहा कि ईमानदार मेहनत ही आदमी को जमीन से उठाकर आसमान तक ले जाता है। ज़रूरत है आसमान की ऊँचाइयों से जमीन को याद रखना, और उस जमीन पर अपने अतीत को देखना तथा सेवा भाव से गरीब और जरूरतमंदों के साथ खड़ा रहना।
सवालों पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि हम हमेशा ये याद रखते हैं कि ” परिंदों को पता है कि आसमान में कोई ठिकाना नहीं होता, आशियाना जमीं पर ही बनाया जाता है”।
उन्होंने कहा हम सेवा पुरस्कारों के लिए नहीं करते , ये तो लोगों और संस्थाओं का बड़प्पन है, कि वे मुझे सम्मान देते हैं। लुत्फुल जी ने हँसते हुए कहा कि ये पुरस्कार और एवार्ड मुझमें सेवा भाव को और मजबूत करता है।
ये बताना लाज़मी होगा कि लुत्फुल हक़ जी को देश-विदेशों में भी दर्जन भर पुरस्कार तथा सम्मान मिल चुका है। इतने के बाद भी उनकी सादगी किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को प्रभावित किये बिना नहीं रह सकता।
इधर बधाइयों का तांता लगा पड़ा , लेकिन लुत्फुल नामक फूल की महक से पूरा पाकुड़ गौरवान्वित है।

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments