पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद पुलिस ने फेंसीडील सिरफ की बड़ी खेप पकड़ी। ये फेंसीडील भारत से तस्करी कर बंग्लादेश ले जाया जा रहा था।
फेंसीडील सिरफ में अल्कोहल और नशीली दवाओं की मात्रा इतनी ज्यादा रहती है, कि इसकी खुमारी मझोले शराब की बोतल से कम नहीं होतीं , जिसे भारत मे अद्धा खम्भा के नाम से शराबियों में प्रचलित है ।
नशे के शौकीन बंग्लादेश में भी कम नहीं है , नतीजतन यहाँ से फेंसीडील सिरफ वहाँ भेजा जाता है , जो खाँसी की दवाई के नाम पर आसानी से वहाँ शौकीनों को उपलब्ध हो जाता है।
रही बात शराब की तो इस्लामिक देश होने के कारण वहाँ ये हराम है , और आसानी से शराब वहाँ उपलब्ध नहीं होता।
कुछ कॉस्मेटिक , नमक सहित कई अन्य सामानों और गौ तस्करी के साथ फेंसीडील सिरफ भी बंग्लादेश भारत के सीमाई क्षेत्र से किया जाता है , और वहाँ से ड्रग्स की तस्करी कर सीमा के इस पार लाया जाता है।
फेंसीडील सिरफ झारखंड से भी आपूर्ति की जाती है , जो ट्रांसपोटिंग कम्पनियों के द्वारा झारखंड के सीमाओं पर बसे शहरों में लाया जाता है।
कुल मिलाकर सीमा के दोनों और , एक दूसरे की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर , नशीले पदार्थो की आपूर्ति की जाती है , जो कभी कभी पुलिस की गिरफ्त में आ ही जाती हैं।
ऐसी बरामदगी इस बात के सबूत हैं , कि ऐसा होता आया है। जिसमें सन्देह की सुई कई ओर इंगित करती हैं।
सीमा के दोनों ओर की अवैध आवश्यकताओं के तस्कर रखते हैं ध्यान , और आपूर्ति करते हैं नशें के सौदागर।
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