क्या हो गया है हमारे समाज को ? किस मानसिकता का शिकार हो गया है युवावर्ग ? क्यूँ हो गई है सोच इतनी हिंसक ?
अजीबो-गरीब घनाएं सामने आ रही हैं।
पाकुड़ के मालपहाड़ी ओपी क्षेत्र के चंगाडंगा बागान टोला में बीते दिनों सनकी पति द्वारा पत्नी की दिनदहाड़े हत्या कर भागने की कोशिश के नकाम प्रायस के दौरान पुलिस के गिरफ्त में आ जाने की खबर। हाज़त में चिल्लाने और बार बार बेहोश होने के कारण पुलिस ने मानवीयता दिखाते हुए,अपने रूम में सुलाया। अमानवीय व्यवहार वाले उस युवक ने पुलिस वालों को चकमा दे अपनी फरारी से पुलिस पर दाग लगाया और सस्पेंशन का सामूहिक दण्ड भी दिलवा दिया।
गुरुवार को उसी थाना क्षेत्र के चंगाडंगा बागान टोला में ही रात को सनकी पत्नी ने पति सजारुल शेख का हत्या करने की कोशिश की, नाकामयाब रही। फिलहाल पत्नी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है और पति सजारुल शेख का सदर अस्पताल सोनाजोरी में इलाज चल रहा है।
इधर अन्नपूर्णा कालोनी के एक युवक ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली।
पूरे पाकुड़ समाज का हर वर्ग सम्प्रदाय हतप्रभ है। क्यूँ पूरा युवा समाज स्वयं एवं अन्य तथा परिवार के प्रति इतना हिंसक हो गया है ? पूरे समाज को मनोवैज्ञानिक इलाज की जरुरत है। मैं स्वयं अवाक हूँ ।
अभी इससे ज़्यादा लिखने में भी स्वयं को असमर्थ पाता हूँ।😥