Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिराज्य के सबसे बड़े साहब बनते ही अपना वादा भूल गए हजूर,...

राज्य के सबसे बड़े साहब बनते ही अपना वादा भूल गए हजूर, ये तो वादाखिलाफी है !😢

 

शिक्षाविद निर्मल मुर्मू की कलम से —-

 

एक बार फिर से युवाओं के सपनें को जोरदार धक्का लगा।
————————————————————————–
जब झारखंड के युवाओं ने भरी सदन में झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन जी को यह कहते हुए सुना कि हमने 5 लाख सरकारी नौकरी नहीं, रोजगार का वादा किया था और स्थानीय नीति खतियान आधारित कभी नहीं बन सकती हैं। क्योंकि झारखंड के युवाओं ने युवा मुख्यमंत्री को बहुत ही आस भरी निगाहों से देखी थी उनसे ऐसी बातों का कभी उम्मीद ही नहीं किया थे। आज युवाओं के सपनें को फिर से जोरदार धक्का लगा और टूट कर बिखर गई। उन युवाओं का क्या होगा जो दिन रात नौकरी की आस में तैयारी कर रहे हैं, डिग्रियां ले रहे हैं, घर द्वार छोड़कर तैयारी करने में जुटे हुए हैं। और उन अभिभावकों का भी क्या होगा? जो खून पसीना बहा कर है सारे धनराशि अपना बेटा बेटी की पढ़ाई में लगा देते हैं।

वादा तो आपने मुख्यमंत्री जी बहुत सारा किया था। आपने कहा था बेरोजगार युवाओं को 5 हजार और 7 हजार बेरोजगारी भत्ता देंगे, 3 लाख का आवास देंगे, अनुबंध कर्मियों को नियमित करेंगे, 1932 का खतियान लागू करेंगे, समान काम का समान वेतन देंगे, निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करेंगे आदि जो अभी गिना पाना संभव नहीं है, लेकिन इससे भी युवाओं को कोई फर्क नहीं पड़ता था। उनका सपना को तब धक्का लगा जब आपने कहा हम नौकरी की बात नहीं रोजगार की बात किए हैं और खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति नहीं बना सकते।

क्या इसी झारखंड के लिए यहां के युवाओं ने, नौजवानों ने, मां बहनों ने और बुजुर्गों ने अपना खून पसीना बहा कर झारखंड की लड़ाई लड़ी थी? झारखण्ड मिलने के बाद भी अगर यहां के लोगों को रोजगार ना मिले, उनको अपना हक ना मिले, उनका यहां कोई पहचान ना हो, बाहरी लोगों से ठगा महसूस करें, तो ऐसे झारखंड का क्या औचित्य है? सुन लीजिए मुख्यमंत्री जी यहां के लोग अगर झारखंड को लड़कर ले सकते हैं तो आपसे सत्ता छिनने का हिम्मत भी रखते हैं।वह दिन दूर नहीं कि आप खुद को झारखंड का दूसरा राहुल गांधी महसूस करेंगे।

✍️ निर्मल मुर्मू

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments