प्रशासनिक करवाई कर रहा कंफ्यूज्ड , खदानों को क्यूँ नहीं हो रही नापी ?
एक सुधि भारतीय नागरिक होने के नाते प्रशासनिक सक्रियता की दिशा से मैं हतप्रभ तथा कंफ्यूज्ड हूँ। ED ने झारखंड में छापा क्यूँ मारा है ? क्या क्रशर अवैध चल रहे हैं , या खनन अवैध हो रहा है, इसलिए ? ED ने छापा मनरेगा घोटाले पर मारा। बिच्छू के बिल से साँप निकल आया। ED ने साँप पर तहकीकात शुरु की। पन्नें खुलते गए, कारवां बढ़ता गया।
चलिए प्रशासन की ED के ख़ौफ़ से हो रही कन्फ्यूज करने वाली कार्रवाइयों को समझते हैं—
क्रशरों को क्यूँ तोड़ा जा रहा है ?
क्रशर पूरे संथालपरगना के हर जिले में तोड़ा जा रहा है। सबसे पहले ये समझें कि अगर क्रशर बिना किसी आदेश के सरकारी जमीन पर है। तो अंचलाधिकारी उसे भेकेट कराने की करवाई नियमानुसार कर सकते हैं। अगर क्रशर रैयती जमीन पर है, तो उसे किस नियम के अनुसार तोड़ा जा रहा है ? तथा उसे तोड़ने पर अवैध खनन कैसे बंद हो सकता है ? कोई कागज़ी कमी नियमानुसार है तो सम्बंधित विभाग करवाई करेगा, तोड़ने के अलावा। क्या क्रशर में पत्थर आसमान से बरसता है ? नहीं ।
अब तक खदानों पर क्या हुआ ?
उन क्रशरों को पत्थर कहाँ से प्राप्त होता है ? खदानों से ही न ? तो अवैध खनन अगर हुआ तो कहाँ हुआ ?
स्वाभाविक रूप से खदानों से। अब तक कितने खदानों की नापी कर घनफुट के हिसाब से मूल्यांकन कर रॉयलटी पर डिमांड के लिए FIR हुआ। एक भी FIR में इस बात का उल्लेख है ? एक सुधि और सजग नागरिक होने के नाते कहूँगा अभी भी समय है। प्रशासन सप्लीमेंट्री FIR दर्ज कर।
अनुज्ञप्ति के अनुसार हो नापी
खनन लेसी की अनुज्ञप्ति के अनुसार नापी कर खनन किये गए पत्थर की मात्रा निकाली जाय। फिर उसका मिलान उसके रिटर्न से मिलान कर करवाई हो तो सरकार को राजस्व की हुई हानि की रिकभरी हो। लेकिन सिर्फ क्रशरों को तोड़ आईवॉस हो रहा है।
लीज एरिया से बाहर हुआ है खनन
पाकुड़ के छः प्रखण्डों के सैकड़ों खनन एरिया में लीज एरिया से बाहर खनन किया गया है। ये लोग पहुँच वाले हैं। लीज दस एकड़ में है, तो खनन तीस एकड़ में है। सभी सम्बंधित पदाधिकारी इससे वाक़िब हैं, पर हजूर के पेट में विद्या के अलावे सबकुछ है। नतीज़न लक्ष्मीपुत्रों से सरस्वतीपुत्र मजबूरन हार जाते हैं। मेरे जैसे बीचवाले ताली बजानेवाले पत्रकार और गाल बजानेवाले छुटभैये नेता अपनी ज़मीर बेच लेते हैं। वो भी कौड़ी के भाव।
खैर ये लोग 14/4 , 16/4 के कन्वेनर तोड़ कर करवाई का झांसा दे रहे हैं। कोई बोल्डर क्रशर ध्वस्त होते किसी ने देखा ? अरे अब तो लोग पैसे ख़र्चा कर अपना बेकार पड़ा क्रशर भी तोड़वाने की फ़िराक़ में हैं। बकाए के कारण रैयत और मजदूर उन्हें बंद बेकार पड़े क्रशर उठाने नहीं देते। वे लोग उसे प्रशासन के पेलोडर से तुड़वा और फर्जी जप्ती दिखाकर स्क्रेप में बेचने की जुगत लगा रहे हैं।
ग़ज़ब का तमाशा चल रहा है भाई ! अभी बहुत कुछ खुलेगा मेरे पेज़ पर। मैं भी कार्रवाइयों नियमों की खनन में लगा हूँ। बेचारी Puja जेल में कीड़ों-मच्छरों से कटवा रही, और इधर अवैध खनन के कार्रवाइयों में ही कीड़े लग गए हैं।
इसे भी पढ़े –
- आदरणीय सर आप पत्रकारों से किये वादे निभाये होते, तो Puja Singhal मामले में जाँच में ED से आगे रहते पर हाय रे छूट गया रेलवे और मौका
- Puja सिंघल एंड ग्रुप ने कर दिया गुड़ गोबर, वरना हिम्मत को भी हिम्मत नहीं थी अवैध खनन रोकने की हिम्मत
- पत्थर खदानों ने सिर्फ़ Puja को पूजा नहीं, बल्कि सैकड़ों जिंदगियों को लीला भी हैं
- कार्रवाई के नाम पर मत भरमाओ, PUJA से पूछो बनींदी रातें, बेदर्द कीड़े मकोड़ों की कहानियां
- Puja Singhal, ED जाँच में जेल में कीड़ों-मच्छरों से कटवा रही है, इधर कारवाई के नाम पर तोड़े जा रहे सिर्फ़ कन्वेनर। अवैध खनन को क्यूँ छुपाया जा रहा ?