Sunday, December 22, 2024
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वो क़त्ल भी करें तो चर्चा नहीं होतीं, मैं आह भी करूँ तो हो जाऊँ बदनाम ! क्यूँ साहब ?

वो बंगाल का था , झूल गया ।  ये संरक्षण में है, आप गिरफ्तारी ही झूला रखे हैं !

पिछले दिनों नगर थाना पाकुड़ के हाज़त में एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली। आरोपी पश्चिम बंगाल के शमशेरगंज थाने क्षेत्र का निवासी था। पाकुड़ मुफस्सिल थाना के एक युवक के अपहरण का आरोप इस युवक पर था।

खैर आरोपी युवक ने अपनी कमीज़ से फाँसी लगा ली। जाँच अभी चल रही है। आरोपी को पुलिस ने बंगाल से पकड़ लिया था। सक्रियता स्वाभाविक रूप से सराहनीय है। लेकिन सरकारी काम मे बाधा और पुलिस अभिरक्षा से डम्फर ले कर भागनेवाले आरोपी थानेदार के सामने राजनैतिक छाँव में कितने सुरक्षित हैं। राजनीति की ठंढी छाँव में कानून व्यवस्था कैसे दम तोड़ती ओर हाँफती नज़र आती है ! आप पाकुड़ में देख सकते है।

यह तश्वीर 3 जुलाई 2022 का है जिसमें कांग्रेस के तनवीर आलम माल पहाड़ी थाना के चेंगा डंगा में एक सभा कर रहे हैं। जिसमे मुफसिल थाना के एक कांड के अभियुक्त बदरुल शेख भी मौजूद है। इसके ऊपर सरकारी कार्य मे बाधा औऱ जप्त ट्रक लेकर भगाने का आरोप है। यह सरेआम पुलिस के सामने घूम रहा है। आश्चर्य तो यह है कि इस सभा में माल पहाड़ी ओ पी प्रभारी भी मौजूद है।

झारखंड की कानून व्यवस्था क्या सवालों के घेरे में नहीं है ? बेचारा बंगाल का आरोपी आत्महत्या कर ले और पाकुड़ का आरोपी …..? दुखद अतिदुखद।

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