क्रशर संचालकों को दिया सख्त निर्देश ट्रैक्टर वाहन में 100 सीएफटी चालान से ज्यादा लोड करने पर ट्रैक्टर को जप्त कर कार्रवाई की जाएगी
पाकुड़ जिला अंतर्गत पत्थर खनिज का परिवहन के क्रम में प्रायः यह देखा जा रहा है कि खनिज लदे ट्रैक्टर में 100 सीएफटी का चालान रहता है परन्तु 200-250 सीएफटी चिप्स लोड किया जाता है। ऐसे खनिजों का अवैध परिवहन मामले की रोकथाम हेतु शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी श्री हरिवंश पंडित ने उपस्थित सभी क्रशर संचालकों को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में ट्रैक्टर वाहन में 100 सीएफटी चालान के अनुसार ही चिप्स दिया जाय। यदि 100 सीएफटी से ज्यादा चिप्स छापेमारी के क्रम में पाया जाता है तो ज्यादा से ज्यादा ट्रैक्टर को जप्त करते हुए कार्रवाई की जाएगी तथा संबंधित क्रशर यूनिट को सील करते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन ट्रैक्टर वाहन में पटरा लगाया जाता है तत्काल अभियान चलाकर उन पर जुर्माने की राशि वसूली करते हुए वेल्डिंग के माध्यम से लगाये गये छड़ इत्यादि को कटिंग कराया जाय जिसका खर्च भी वाहन मालिक को उठाना पड़ेगा।
मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक मु०, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पाकुड़ एवं महेशपुर, जिला खनन पदाधिकारी, खान निरीक्षक, संबंधित अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी एवं क्रशर व खदान संचालक उपस्थित थे।
अमड़ापाड़ा अंचल क्षेत्र के आलूबेड़ा फुटबॉल मैदान में गुरुवार को जिला प्रशासन एवं बीजीआर माइनिंग के सहयोग से सीएसआर के तहत पीवीटीजी के बच्चों के बीच सोलर लैम्प का वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राजमहल लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री विजय हांसदा, उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार वरणवाल शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान प्रमुख जुहीप्रिया मरांडी, आलूबेड़ा पंचायत की मुखिया सरिता मरांडी ने सांसद, डीसी, बीडीओ कुमार देवेश द्विवेदी सहित अन्य अतिथियों के कलाई पर राखी बांधा।
निम्लिखित स्कूलों के पीवीटीजी बच्चों को दिया गया सोलर लैम्प :-
पचुवाड़ा नार्थ कोल ब्लॉक अंतर्गत संचालित कोयला कंपनी बीजीआर के द्वारा सीएसआर के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सजनीपाड़ा, प्राथमिक विद्यालय पाडेरकोला, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय खांडोकाटा, प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी, प्राथमिक विद्यालय बाँधकोई, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, पहाड़िया आवासीय विद्यालय डुमरचिर,पहाड़िया आवासीय विद्यालय कुंजबोना के सैकड़ों छात्र-छात्राओं के बीच सोलर लैम्प का वितरण किया गया।
माननीय सांसद श्री विजय हांसदा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर घर में बिजली जिला प्रशासन और कोल कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। बच्चों अंधेरे में ना पढ़ाई करें इसको लेकर कंपनी के द्वारा सोलर लैंप का वितरण माइनिंग क्षेत्र के विस्थापित ग्रामीणों के बच्चों के बीच वितरण किया गया है। बच्चों सोलर लाइट से पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्जवल बनायेंगे।
उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने स्कूली बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि मेहनत कर आप अपने पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य का नाम रौशन करें। उपायुक्त ने कहा कि सुविधाएं कम या ज्यादा हो सकती हैं लेकिन मेहनत में कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोयला के माइनिंग के रॉयल्टी से डीएमएफटी का फंड आता है। कहा कि जिस क्षेत्र में कोयला का खनन हो रहा है सबसे पहले विकास उस क्षेत्र का ही होना चाहिए यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। कहा कि बीजीआर के पदाधिकारियों को खनन क्षेत्र एवं अमड़ापाड़ा का विकास करने का सख्त निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में सीएसआर के तहत सभी सुविधाएं लोगों को मिलनी चाहिए।
मौके पर सांसद प्रतिनिधि श्री श्याम यादव, बीजीआर के वाइस प्रेसिडेंट अनिल रेड्डी, बीडीओ कुमार देवेश द्विवेदी, थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण यादव, पीआरओ संजय बेसरा सहित सैकड़ों स्कूली बच्चे मौजूद थे।
पाकुड़। सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के द्वारा आगामी 09 सितंबर को पूर्वाहन 9 बजे से अपराह्न 04:30 बजे तक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित मामले का निष्पादन किया जायेगा।
सुलहनीय आपराधिक वाद
N.I. Act., U/S138 से संबंधित वाद
धन वसूली वाद
मोटर-दुर्घटना क्षतिपूर्ति वाद
श्रम विवाद
बिजली बिल और पानी बिल से संबंधित वाद
पारिवारिक/वैवाहिक वाद
भूमि अधिग्रहण संबंधि विवाद
वेतन, भत्ते, सेवानिवृति आदि से संबंधित सेवा मामले
राजस्व वाद-दाखिल खारिज से संबंधित वाद
अन्य सिविल वाद, जिन्हें लोक अदालत के माध्यम से सुलझााया जा सकता है
राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक- 09.09.2023 के लिए इसकी प्री -लोक अदालत कन्सीलिएसन सीटिग्ंस नियमित रुप से दिनांक 09.07.2023 से प्रत्येक कार्य दिवस को सम्बंधित न्यायालय मे आयोजित की जा रही है। तदनानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत एंव इसके प्री-लोक अदालत कन्सीलिएसन सीटिग्ंस मे सभी पक्षकारगण उपस्थित होकर अपने-अपने वादो का दिनांक- 09.09.2023 के राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए निष्पादन करायें।निवेदन है कि निर्देशित माध्यम से उपस्थित होकर अपने-अपने मामलों का निष्पादन करा कर इस अवसर का पूर्ण लाभ उठायें।
एक समय पाकुड़ के लिए ऐसा भी था, जब साहित्य और संस्कृति, गीत और संगीत के अनेक मंच थे, और आये दिन इससे जुड़े लोग ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया करते थे।
साहित्य के मंचों पर कविताएं, गजल कही जातीं थी, संगीत के मंचों पर गीत गाये जाते थे, रविंद्र एवं नज़रुल की गितियाँ सुरों और वाद्ययंत्रों के साथ लहरतीं थीं। एशिया प्रसिद्ध पत्थरों की ओट में रंगों के जादूगर स्वर्गीय वैद्यनाथ जय सवाल की जीवंत पेंटिंग आज भी एकांत एवं स्वप्न में पाकुड़ की कलाप्रेमियों से पूछता है, कहाँ खो गए वो पाकुड़ के लोग, वो महकता मंच और हमारी साहित्य, संगीत की महफ़िलें!
लेकिन एक लंबे अंतराल के बाद पाकुड़ के आँगन में पढ़े-लिखे, खेले-कूदे और शब्दों को बुनने सीखनेवाले “डॉ आर. के. नीरद” ने मानो पाकुड़ को एकबार फिर से झकझोर कर उठाया और निद्रा से उठाकर बताया कि, उठो तुम्हारा अतीत सिर्फ़ पेट की गहराइयों तक सीमित नहीं बल्कि, हे पाकुड़ तुम्हारा तो सृजनशीलता के असीमित आसमान तक उड़ने की चिंतन वाला इतिहास रहा है।
इसी प्रयास में डॉ आर के नीरद ने अपनी सम्पादित पुस्तक के साथ साथ सात और पुस्तकों के बिमोचन के लिए पाकुड़ के आँगन और मंच को चुना।
ऐसे ही पिछले मंगलवार को एक कार्यक्रम ने पाकुड़ को एकबार फिर अपने अतीत से परिचित कराया।
हिंदी के प्रख्यात समालोचक-साहित्यकार प्रो. मनमोहन मिश्र की चौथी पुण्यतिथि पर मंगलवार को पाकुड़ में प्रो मनमोहन मिश्र स्मृति न्यास द्वारा संगोष्ठी का आयोजन योग भवन में हुआ। कार्यक्रम के शुभारंभ से स्वर्गीय प्रो. मनमोहन मिश्र प्रोफेसर स्वर्गीय श्रीकांत तिवारी एवं स्वर्गीय पत्रकार कुमार रवि दिगेश (दिगेश त्रिवेदी) की तस्वीर पर साहित्यकारों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर किया। इसके बाद प्रो. मनमोहन मिश्र की पत्नी कृष्णा देवी, डॉ. कृपाशंकर अवस्थी, प्रो. रामजन्म मिश्र, त्रिवेणी प्रसाद भगत, डॉ. आर.के नीरद सहित अन्य साहित्यकारों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कई लेखकों और कवियों की पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। दूसरे सत्र स्मृति आचमन में प्रो. मनमोहन मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्याख्यान शुरू हुआ। प्रो. मनमोहन मिश्र के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए देवघर से आए हुए सर्वेश्वर दत्त द्वारी ने कहा कि उनके बारे में कहने के लिए शब्द काफी कम पड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रो. मिश्र वाचिक परंपरा के साहित्यकार ही नहीं, बल्कि साधक भी थे। उनमें बालसुलभ चंचलता थी। कहा कि देवघर में बच्चे से लेकर 80 वर्ष के व्यक्ति तक उनके मित्र थे। हम उनके हमेशा ऋणी रहेंगे।
दुमका के वरिष्ठ कवि शंभुनाथ मिस्त्री, अरुण कबीर, डॉ. आरके नीरद, डॉ. अमरेंद्र सुमन, विद्यापति झा, दुर्गेश चौधरी, अंजनी शरण, नंदन झा, जामताड़ा के देवेश आत्मजयी, पश्चिम बंगाल के आसनसोल से कवि नवीनचंद्र सिंह, देवघर से डॉ. शंकर मोहन झा, उमाशंकर राव ‘उरेंदु’, अनिल कुमार झा, सर्वेश्वर दत्त द्वारी, हिमांशु शेखर झा, गोड्डा से डॉ. मनोज कुमार राही, रामगढ़ रांची से सरोज झारखंडी, बिहार के बांका से परमानंद प्रेमी, पोडैयाहट से अर्पणा कुमारी, साहिबगंज से विजय कुमार भारती सहित अन्य ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
मौके पर डॉ. रामजन्म मिश्र, डॉ. अरेंद्र सिन्हा, डॉ. शंकर मोहन झा, डॉ. अनिल कुमार झा, विजय कुमार भारती, त्रिवेणी प्रसाद भगत सहित अन्य ने भी अपनी स्मृतियां साझा की। वरिष्ठ पूर्व पत्रकार ओमकार भगत, कसीनाथ साह को मंच ने सम्मानित भी किया।
अंग सहित अन्य प्रदेशों से आये कवियों ने काब्य पाठ कर समां बाँधा, मंच संचालन पत्रकार कृपासिन्धु तिवारी “बच्चन” एवं आर के नीरद ने अलग अलग सत्रों में की। रामरंजन सिंह ने स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन गंगाधर मिश्र ने किया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम की व्यवस्था तथा आगन्तुकों के स्वागत, भोजन एवं आवासीय व्यवस्था भी आंनद मिश्र “छोटू” ने की थी। कुल मिलाकर साहित्य के दीवानों के इस मेले ने पाकुड़ की धरती पर एकबार फिर साहित्यिक अँगड़ाई ली।
पाकुड़।हिंदी के प्रख्यात समालाेचक-साहित्यकार प्रो मनमोहन मिश्र की चौथी पुण्यतिथि पर कल योग भवन पाकुड़ में आयोजित ‘प्रो मनमोहन मिश्र स्मृति संगोष्ठी-सह-पुस्तक विमोचन समारोह‘ में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि ज्ञानेंद्रपति और नीलोत्पल मृणाल (‘डार्क हॉर्स” एवं ‘औघड़’ के उपन्यासकार), विनय सौरभ, देवेश आत्मजयी, अनिरुद्ध प्रसाद विमल, उपन्यासकार रंजन, डॉ पंकज साहा, वरिष्ठ पत्रकार-संपादक संजय मिश्र, वरिष्ठ कवि शंभुनाथ मिस्त्री, अरुण सिन्हा, बांग्ला के अप्रतिम साहित्यकार बनफूल के उपन्यास ‘डाना’ के अनुवादक जयदीप, संजीव नियागी सहित हिंदी, बांग्ला और अंगिका के झारखंड, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश से 40 से ज्यादा लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार, समालोचक, पत्रकार और संस्कृतिकर्मी जुटेंगे।
अजित कुमार के अलावा आसनसोल से कवि नवीनचंद्र सिंह, दुमका से डॉ आरके नीरद, हिमांशु मिश्रा, अमरेंद्र सुमन, विद्यापति झा, दुर्गेश चौधरी, अंजनी शरण, सपन पत्रलेख, नंदन झा, देवघर से डॉ शंकर मोहन झा, उमाशंकर राव ‘उरेंदु’, अनिल कुमार झा, सर्वेश्वर दत्त द्वारी, हिमांशु कुमार झा, रविशंकर साह, नरेश कुंजिलवार, अशोक कुंजिलवार, नीरज चौधरी, ओमप्रकाश पांडेय एवं नरेश साह, गोड्डा से सुधीर मिश्रा, डाॅ प्रदीप प्रभात, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, डॉ मनोज कुमार राही, प्रवीण तिवारी आदि की उपस्थिति इस आयोजन को राष्ट्रीय फलक देगी।
दिन के तीन बजे से आरंभ होने वाला यह कार्यम्रम चार सत्रों में संपन्न होगा।
पहले सत्र डॉ आरके नीरद द्वारा संपादित ‘वाचिक परंपरा के धवल साहित्यकार-समालोचक प्रो मनमोहन मिश्र’ सहित कई लेखकों और कवियों की पुस्तकों का लोकार्पण होगा।
दूसरे सत्र स्मृति आचमन में प्रो मनमोहन मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्याख्यान होगा।
तीसरे सत्र ‘सुरांजलि’ सुर संध्या को समर्पित होगा, जबकि
चौथे सत्र काव्यांजलि में काव्य पाठ होगा।
कार्यक्रम के आयोजक-संयोजक रामरंजन कुमार सिंह, गंगाधर मिश्र, कृपासिन्धु बच्चन एवं आनंद मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर स्वर्गीय मनमोहन मिश्र के बाल सखा, कलिग और हिंदी-संस्कृत के महान विद्वान और हिन्दी के पूर्व विवाघाध्यक्ष स्वर्गीय श्री कांत तिवारी, स्वयं सेवक, स्वादिशी विचारक, पाकुड़ की पत्रकारिता के युगस्तंभ स्वर्गीय दिगेश चंद्र त्रिवेदी को भी श्रद्धांजलि दी जायेगी।
राशन की कालाबाजारी करनेवाले पीडीएस डीलरों की खैर नहीं, शिकायत सही पाये जाने पर रद्द होगा लाइसेंस:-डीसी
उपायुक्त ने कहा कि जिले के साढ़े आठ लाख कार्डधारियों को सरकार द्वारा तय मात्रा में राशन मिले यह सुनिश्चित करें
पाकुड़। के.के.एम कालेज सभागार में फेयर प्राइस शॉप डीलर को जागरूक करने हेतु एक दिवसीय सेमिनार-सह कार्यशाला का आयोजन उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस कार्यशाला में सभी जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं को निर्देश देते हुए उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने कहा कि खाद्यान्न का वितरण पारदर्शी तरीके से किया जाए। पीडीएस डीलरों को सख्त हिदायत दी गई कि सरकार द्वारा तय मात्रा में ही सभी कार्डधारियों को राशन मिले यह सुनिश्चित करें। साथ ही राशन के साथ अनिवार्य रूप से पर्ची भी लाभुकों को देने का निर्देश दिया गया। डीलरों को इस तरह का काम से बचने की सलाह दी गई। इसके साथ ही सभी पीडीएस डीलरों को शत प्रतिशत राशन वितरण करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने बताया कि सभी जन वितरण प्रणाली दुकानों में पोस मशीन से राशन वितरण करें। सभी जन वितरण प्रणाली के दुकानदार लाभुकों के बीच ससमय राशन का वितरण करें। खाद्यान्न वितरण में कटौती तथा लाभुकों के साथ लापरवाही बरतने पर वैसे दुकानदारों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।राशन की कालाबाजारी करने और लाभुकों को कम सामग्री देनेवाले जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) डीलरों को बख्शा नहीं जाएगा।इस तरह के मामलों में शिकायत सही पाये जाने पर उनका लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि ट्रांसपोर्टर के द्वारा जो भी आनाज वितरण किया जाता है उसे सही रूप से लाभुकों को वितरण करें। लाभुक एवं डीलर को किसी भी प्रकार की समस्या हो वह डायरेक्ट मुझसे संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। शिकायत गलत पाए जाने पर उस डीलर एवं अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। अभी जो 99 प्रतिशत अनाज का वितरण किया जा रहा है। 13 हजार लाभुकों को जीपीडीपी के माध्यम से अनाज दिया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है आपका जो अधिकार है उस पर आवंटित किया गया है उसे ही वितरण करें। कम भी वितरण नहीं, ना अधिक वितरण करें।
मौके पर सहायक समाहर्ता श्री कृष्णकांत कनवाड़िया, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री संजय कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, एसएमपीओ पवन कुमार, सभी एमओ एवं जिले के सभी डीलर उपस्थित थे। उधर लिट्टीपाड़ा के जनतदरवार में भी श्री वर्णवाल सरकारी योजनाएं जमीन पर सटीक उतर पाए , इसके लिए दृढ़ संकल्प दिखे।
लिट़्टीपाड़ा प्रखंड में आमजनों की समस्या से रूबरू हुए उपायुक्त, पदाधिकारियों को दिये निर्देश
जनता की समस्याओं का समाधान हो सबकी प्राथमिकताः- उपायुक्त
उपायुक्त ने पानी की समस्या को लेकर कहा कि मिशन मोड में सर्वे कराकर पानी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा
सोमवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में लिट़्टीपाड़ा प्रखंड परिसर में जन संवाद-सह-जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उपायुक्त ने कहा कि जन संवाद-सह- जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराया जाना है। साथ ही ग्रामीण इससे योजनाओं का लाभ व जानकारी भी ले सकें। उक्त बातें जिले के उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने कही।
उपायुक्त ने जनता दरबार में आये लोगों की समस्याओं को सुना। विभिन्न पंचायतों से आए लोगों ने अपनी समस्याओं से उपायुक्त को अवगत कराया। जनता दरबार में मुख्यत: पानी की समस्या, रोड की समस्या, स्वास्थ्य, राशन वितरण आदि से संबंधित शिकायत प्राप्त हुए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि जनता दरबार कार्यक्रम में मुख्यतःपानी एवं रोड की समस्या के आवेदन ज्यादा प्राप्त हुए हैं। उपायुक्त ने कहा कि लिट्टीपाड़ा प्रखंड पहाड़ी क्षेत्र है। पहाड़ी क्षेत्र रहने के कारण यहां गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या बहुत ज्यादा उत्पन्न होती है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत जितने भी चापाकल खराब पड़े हैं उसे जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा। वहीं उन्होंने सड़क की समस्याओं को लेकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क की समस्याओं को जल्द दूर किया जाएगा। कहा कि लिट्टीपाड़ा में सड़क निर्माण को लेकर जल्द सर्वे कराकर निर्माण कार्य के लिए पहल किया जाएगा। वहीं उपायुक्त ने प्रखंड परिसर में पौधरोपण किया। साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए लाेगों से भी अधिक से अधिक संख्या में पौधा लगाने की अपील की।
मौके पर उप विकास आयुक्त मो० शाहिद अख्तर, सहायक समाहर्ता श्री कृष्णकांत कनवाड़िया, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री संजय कुमार दास, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती रजनी देवी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री विजन उरांव, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग श्री राहुल श्रीवास्तव, जिला कृषि पदाधिकारी श्री अरुण कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री संजय कुमार, एसएमपीओ पवन कुमार, बीपीओ मानिक दास, बीपीआरओ के.सी दास समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
पाकुड़। हिंदी के प्रख्यात समालाेचक-साहित्यकार प्रो० मनमोहन मिश्र की चौथी पुण्यतिथि पर 23 अगस्त को पाकुड़ में आयोजित ‘प्रो मनमोहन मिश्र स्मृति संगोष्ठी-सह-पुस्तक विमोचन समारोह‘ में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि ज्ञानेंद्रपति और नीलोत्पल मृणाल (‘डार्क हॉर्स” एवं ‘औघड़‘ के उपन्यासकार), विनय सौरभ, देवेश आत्मजयी, अनिरुद्ध प्रसाद विमल, उपन्यासकार रंजन, डॉ पंकज साहा, वरिष्ठ पत्रकार-संपादक संजय मिश्र, वरिष्ठ कवि शंभुनाथ मिस्त्री, अरुण सिन्हा, बांग्ला के अप्रतिम साहित्यकार बनफूल के उपन्यास ‘डाना’ के अनुवादक जयदीप, संजीव नियागी सहित हिंदी, बांग्ला और अंगिका के झारखंड, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश से 40 से ज्यादा लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार, समालोचक, पत्रकार और संस्कृतिकर्मी जुटेंगे।
अजित कुमार के अलावा आसनसोल से कवि नवीनचंद्र सिंह, दुमका से डॉ० आरके नीरद, हिमांशु मिश्रा, अमरेंद्र सुमन, विद्यापति झा, दुर्गेश चौधरी, अंजनी शरण, सपन पत्रलेख, नंदन झा, देवघर से डॉ० शंकर मोहन झा, उमाशंकर राव ‘उरेंदु’, अनिल कुमार झा, सर्वेश्वर दत्त द्वारी, हिमांशु कुमार झा, रविशंकर साह, नरेश कुंजिलवार, अशोक कुंजिलवार, नीरज चौधरी, ओमप्रकाश पांडेय एवं नरेश साह, गोड्डा से सुधीर मिश्रा, डाॅ० प्रदीप प्रभात, डॉ० ब्रह्मदेव कुमार, डॉ० मनोज कुमार राही, प्रवीण तिवारी आदि की उपस्थिति इस आयोजन को राष्ट्रीय फलक देगी।
दिन के तीन बजे से आरंभ होने वाला यह कार्यम्रम चार सत्रों में संपन्न होगा। पहले सत्र डॉ० आरके नीरद द्वारा संपादित ‘वाचिक परंपरा के धवल साहित्यकार-समालोचक प्रो मनमोहन मिश्र‘ सहित कई लेखकों और कवियों की पुस्तकों का लोकार्पण होगा।
दूसरे सत्र स्मृति आचमन में प्रो० मनमोहन मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्याख्यान होगा। तीसरे सत्र ‘सुरांजलि’ सुर संध्या को समर्पित होगा, जबकि चौथे सत्र काव्यांजलि में काव्य पाठ होगा।
कार्यक्रम के आयोजक-संयोजक रामरंजन कुमार सिंह, गंगाधर मिश्र, कृपासिन्धु बच्चन, कैलाश झा एवं आनंद मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक, स्वादिशी विचारक, पाकुड़ की पत्रकारिता के युगस्तंभ स्वर्गीय दिगेश चंद्र त्रिवेदी को भी श्रद्धांजलि दी जायेगी।
पाकुड़। बुधवार 15 अगस्त के ठीक एक दिन बाद को वार्ड नंबर 04 के समुदायिक भवन मे “सहयोग संघर्ष समिति” ने पाकुड़ के तीन वरिष्ठतम मूर्धन्य पत्रकार को सम्मानित करने का कार्यक्रम से पत्रकारों का दिल भर आया। हमेशा विभिन्न शिकायतों, समस्याओं और आरोपों को सुनने से इतर जब सम्मान के लिए हमारे बुजुर्ग पत्रकारों का नाम पुकारा गया, तो एक आश्चर्य के साथ मन आह्लादित हो गया।
अमरदीप गोस्वामी की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंच का संचालन समिति के संगरक्षक बबलू भगत ने किया। मुख्य अथिति के रूप में पाकुड़ सिविल सर्जन उपस्थित रहे।
अमरदीप गोस्वामी ने बताया की मंच को पाकुड़ के कुछ युवाओं द्वारा आर्थिक रूप से सहयोग कर बनाया गया है। इसका उद्देश्य पाकुड़ जिले के उन असमर्थ परिवारों की मदद करनी है जो पूर्ण रूप से लाचार अवस्था में जीवन यापन कर रहे है। इसी के तहत समिति के सदस्यो ने आज अलीगंज निवासी गुड़िया परवीण खदानपाड़ा निवासी 85 वर्षीय वृद्ध दंपत्ति धीरेन राजा माल एवं खदानपाड़ा निवासी टी० बि० से पीड़ित विधवा महिला सुमित्रा देवी जी को एक माह का समस्त राशन गया। इसी के तहत पाकुड़ में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना सम्पूर्ण जीवन देने वाले तिन वरिष्ठ पत्रकारों जिनमे ओमकार भगत जी, काशीनाथ साहा जी, एवं लाल मोहन साहा जी है, उन्हे पाकुड़ के सिविल सर्जन M K टेबरीवाल, KKM कॉलेज के पूर्व के प्रोफेसर त्रिवेणी भगत जी, पाकुड़ के समाज सेवी प्रवीर भट्टाचार्य जी, पाकुड़ सिविल सर्जन, मीरा फाउंडेशन की मीरा प्रवीण सिंह, वार्ड नंबर 05 की पूर्व वार्ड सदस्य सीमा सोनी भगत, वार्ड नंबर 04 के पूर्व वार्ड सदस्य रुपाली सरकार ने शाल ओढ़ाकर एवं कलम, डायरी देकर सम्मानित किया।
सभी सम्मानित सदस्यों ने बारी बारी अपनी बातों को रखा। सिविल सर्जन ने उपस्थित लोगो को इस समिति के उद्देश्य को लेकर सराहा एवं सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में बताया और गरीबो के लिए हर सम्भव चिकित्सा से मदद का वादा किया। मंच का समापन समिति के संगरक्षक नविन सिंह ने किया। समिति के संगरक्षक नीरज तिवारी की इस कार्यक्रम में अहम भूमिका रही।
इस कार्यक्रम में आलोक साहा, इलू कुमार, नेपु सरदार, उदय सेन, लालू कुमार, छोटन कुमार, गोतम कुमार, खुसबू देवी, अमित तिवारी, अमित मिश्रा, बाबुधन मुर्मू इत्यादि उपस्थित रहे।
स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव काल में जिलाधिकारी के व्यत्तम समय में मुझे जो सबसे महत्वपूर्ण ख़बर हाथ लगा, वो जिला जनसंपर्क कार्यालय की हु ब हु प्रेस विज्ञप्ति थी।
अमृत महोत्सव काल मे कई दिनों पहले से तैयारियां के बाबत व्यस्त जिले के मुखिया जिलाधिकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए स्वयं बैठकें कर रहे थे। हर नियत कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, स्वयं हर कार्यक्रम की मॉनिटरिंग भी कर रहे थे। कार्यक्रमों की जिम्मेदारी तय कर लेबर डीभाईडेशन कर एक सफल मैनेजर की भूमिका भी निभा रहे थे।
इसके बाद भी 15 अगस्त की तैयारीयों के बीच 14 अगस्त को जनवितरण की सम्पूर्ण जिले की टीम के साथ गरीबों की रसोई तक अनाज पहुँच सके, के लिये बैठक कर अनाज अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सके का मंथन कर रहे थे।
गरीबों के हक़ का अनाज उनकी रसोई तक न पहुँचे तो कोई महोत्सव अमृतत्व के साथ कैसे मनाया जा सकता है ! कैसे अमृत महोत्सव कहने भर की कल्पना की जा सकती है। ये नजरिया उन्हें और इस व्यस्तता में की गई इस बैठक ने उनके कार्यशैली को औरों से अलग दिखाया।
15 अगस्त और उससे पहले हुए कार्यक्रम एक रूटिंग वर्क था, इसी जरूरी रूटिंग वर्क के बीच, जनवितरण पर जनोपयोगी मीटिंग का व्यस्तता के बीच नहीं छोड़ना ही मेरे लिए ख़बर है, लिखने का विषय है। हमें हर चीज को अलग नजरिए से देखने को पढ़ाया सिखाया गया है।
पता है, ये आलेख अन्यथा लिया जाएगा।
लेकिन सच्चाई यही है, कि यही असली ख़बर हमसे छूट गया था, हमने सिर्फ़ मीटिंग हुई का ख़बर बनाया था, जो अधूरा जान पड़ता था। हाँ अगर ये चमचई है तो है, लेकिन सच्चाई भी …
उपायुक्त ने आपूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की
सोमवार को उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी व जिले के सभी एमओ व एजीएम, डीएसडी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न एजेंडों पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
इस दौरान उपायुक्त ने एनएफएसए, ग्रीन कार्ड, आदिम जनजाति परिवार कल्याण योजना, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना, किरासन, चीनी, नमक वितरण इत्यादि का प्रखंडवार समीक्षा करते हुए शत प्रतिशत योग्य लाभुकों को योजनाओं का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीलरों के द्वारा राशन वितरण के दौरान कम वजन, कही अधिक रेट लेने तथा आमजनों के साथ दूर्व्यवहार करने की सूचना मिलेगी तो ऐसे डीलरों के खिलाफ त्वरित करवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेना लाभार्थियों का हक है और लाभ प्रदान करना हम सबकी जिम्मेदारी है। आधार सिडिंग के सभी कार्यों को शत प्रतिशत पूर्ण किया जाए। उपायुक्त ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बिना स्लिप का कोई भी डीलर राशन वितरण ना करें ऐसा करते हुए कोई डीलर मिले उस पर सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। पीटीजी परिवार को डाकिया योजना के तहत उपलब्ध कराए जा रहे खाद्यान्नों की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्राथमिकता के तहत पीटीजी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही साथ इसका ऑनलाइन करना भी सुनिश्चित करें। जिला आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पाकुड़ जिला अंतर्गत 9 मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र संचालित हैं। उपायुक्त ने सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि दाल भात केन्द्र का औचक निरीक्षण करते हुए जांच की जाए की केंद्रों का संचालन एवं साफ-सफाई सही तरीके से किया जा रहा है या नहीं। यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो ऐसे केंद्र पर करवाई करना सुनिश्चित करें। सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि यदि कोई मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र के संचालक केंद्र चलाने में सक्षम नहीं है तो नये दाल भात केंद्र का विधिवत चयन कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिन जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं का खाद्यान्न वितरण का प्रतिशत कम पाया गया है तो उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए निलंबन संबंधी प्रस्ताव भेजे।
पाकुड़ प्रशासन के दोनों सिविल और पुलिस के मुखिया उपायुक्त और एस पी ने स्वतंत्रता दिवस के पूर्व से ही स्वयं तमाम कार्यक्रमों की शुरुआत से ही नेतृत्व कर स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव को एक जनजागरण का रूप दे दिया। समरसता के चिंतन वाले पाकुड़ में दोनों प्रशासनिक प्रधानों ने अपनी सीधी सक्रियता से आमजन के दिलों में जगह बनाई, तो जनता ग्रामीण स्तर तक महोत्सव के रंग में रँगा है। ऐसे में संथाल वीरों की मौन गवाही और कहानी कहता मॉर्टेलो टावर पर कुछ न कहना बेमानी और आश्चर्यजनक होगा।
तकरीबन 156 वर्ष पहले संथाल विद्रोह की कहानी कहता पाकुड़ के सिद्धो-कान्हो पार्क में स्थित मार्टेलो टावर पर चर्चा के बिना के बिना पाकुड़ ही नही बल्कि पूरे संथालपरगना और संथाल जनजाति की वीरता, त्याग तथा स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत के साथ अन्याय प्रतीत होता है।
मुझे इस समय ये लिखते हुए भी संकोच सा लगता है, कि पार्क के आँगन में ये टावर है, या फ़िर संथाल वीरों की खून से सींची जमीन की गोद मे पार्क है! सन्तोष है, कि पार्क का वीर शहीद सिद्धो-कान्हो के नाम पर रखा गया, और इसमें लगे एक-एक पौधे एक-एक वीर संथाल शहीदों की कहानी कहता नज़र आता है।
अभी समय नहीं था, कि इस पर लिखा जाय, लेकिन मुझे ये कहने में संकोच नहीं होता कि इस टावर को देखते ही कितने सवालों के थपेड़े मस्तिष्क पर पड़ता है, और फ़िर स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस तथा हूल दिवस पर वीर शहीदों की कहानियों से अखबारों के पेज इस क़दर भरा-पूरा होता है, कि ये सवाल उस भीड़ में कहीं खो सा जाता है।
लेकिन इससे पावन समय कुछ और इसपे लिखने के लिए नहीं हो सकता। जब भी इस टावर पर कुछ कहा गया, तो संथाल आंदोलन को विद्रोह कह दिया गया, ये विद्रोह मात्र नहीं था, ये देश को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उग्र होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने को प्रेरित करने की कहानी कहता है। इस आंदोलन ने उग्र विरोध को पँख और सोच दिया, लेकिन इस टावर ने कई सवाल भी खड़े किये, जो आज भी खामोशी से खड़ा हमें पूछता है।
सोचिए ब्रटिश सेना हमारे संथाल वीरों से किस क़दर भयभीत थे, कि एक ही रात में गगनचुम्बी टावर नुमा किला बना डाला! इसके अंदर से गोलियां चलती ब्रिटिश पुलिस-सेना और अपने पारम्परिक हथियारों के साथ सीना ताने खड़ी संथाल वीरों की सेना! कहते हैं दस हज़ार संथाल आंदोलनकर्ता अंग्रेजों की गोली से मारे गये थे। सोचिए गोलियों से छलनी होते अपने साथी को देखने के बाद भी तीर-धनुष लेकर संथाल वीरों ने कैसे उनका सामना किया होगा?
इन सवालों के साथ और कुछ सवाल मुझे हमेशा कुदेरता है, कि
क्या ब्रिटिशों ने इस टावर को बनाने के लिए मजदूर भी ब्रिटेन से मंगवाया था?
क्या इस ऐतिहासिक टावर के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ होनी चाहिए?
क्या पुरातत्व विभाग को इसके स्वरूप को मूल रूप में कायम रखने की जिम्मेदारी नही देनी चाहिए ?
क्या इस टावर के मूल स्वरूप पर लालफीताशाही और ठेकेदारी के काले कारनामों ने दाग नही लगा दी?
कई सवाल हैं, जो मुझे कुरेदता है। सबसे बड़ा सवाल कि किन परिस्थितियों में इस टावर के पीछे बिलकुल सटे हुए पत्थर के खदान दशकों पहले खुद गए? सोचिए कि गहरे खुदे पत्थर खदान में कितनी ब्लाष्टिंग हुईं होंगी, लेकिन वीर संथाल शहीदों की कहानी कहता ये टावर खड़ा रहा।
उस समय डॉ आर के नीरद, स्वर्गीय कुमार रवि दिगेश और स्वयं मेरी कलम नही सिसकती और अपनी आँसुओं से अखबारों के सीनों को नहीं चीरती तो शायद किसी दिन पत्थरों के बीच की ब्लाष्टिंग में ये कहानियां सुनता टावर भी पिस गया होता।
खैर अभी कुछ दिन पहले वीर संथाल शहीदों के कहानी पर पर्दा डालने की फिर एक प्रयास हुआ था, लेकिन आदिवासी छात्रों ने आंदोलन कर उसे सफ़ल नहीं होने दिया। अब कम से कम टावर के पीछे के खदानों में भरे पानी और उसके संरक्षण तथा सौंदर्यीकरण के साथ इसकी भब्यता बड़ाई जा सकती है। संथाल शहीदों के नाम और गाँव का सर्वे और एक शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक दिल्ली की तर्ज़ पर बनाया जाय, तो…… मुझे लगता है, ये सच्ची श्रद्धांजलि संथाल वीरों को होगी।
कुछ सवाल उठा कर मैं उन वीरों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस, पावन मास सावन, एवं मातृपक्ष दुर्गापूजा से पहले आसन्न पितृपक्ष में उन्हें अपनी शब्दांजलि देने का प्रयास कर रहा हूँ। आप भी इन सवालों पर विचार जरूर करें, निवेदन है।