Saturday, July 27, 2024
HomeBlogराहुल को न देख पाने की रही बेचैनी

राहुल को न देख पाने की रही बेचैनी

राहुल गांधी की न्याय यात्रा बंगाल से झारखंड पाकुड़ के रास्ते शुक्रवार को आया। दोपहर से ही राहुल के दीदार के लिए लोगों की भीड़ रास्ते पर जुटी हुई थी। दोपहर बाद दो बजे राहुल के पाकुड़ नगर से होकर विभिन्न कार्यक्रमों के करते गुजरने की बात कही गई थीं।
लेकिन वे बंगाल बॉर्डर से पाकुड़ के नसीपुर में एक जनसभा के दौरान लेट हो गए , और संध्या 6 बज जाने के कारण कार के अंदर ही बैठ कर पाकुड़ नगर से गुजर गए।
स्वाभाविक रूप से लोगों को निराशा हुई।
हँलांकि लिट्टीपाड़ा में रात्रि विश्राम के बाद वे आगे की यात्रा पर निकल गए।
राहुल गांधी देश के बड़े नेता हैं। उनके परिवार के इतिहास को देखते हुए उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। ऐसी उनकी यात्राओं की योजनाओं को बनाते समय उनके योजना कर्ताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी यात्रा अधिकतम समय सूर्य की रोशनी में दिन में हो , तो ज्यादा से ज़्यादा समय तक वे अधिकतम लोगों से रूबरू हो सकें। क्योंकि जैसे ही सूर्य अस्त होगा उनकी सुरक्षा व्यवस्था उन्हें खुली गाड़ी में रहने की इजाज़त नहीं दे सकता। ऐसे में लोगों को निराशा नहीं होगी और जनता की नाराजगी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
लेकिन एक बड़े कार्यक्रम के दौरान , पाकुड़ की जनता घण्टों इंतज़ार के बाद एक बड़े और प्रिय नेता को देखने से बंचित रह गए।
अगर रात्रि विश्राम पाकुड़ नगर में होता तो सुबह सुबह यात्रा में आगे बढ़ने के दौरान आम जनता राहुल को देख भी पाते और सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को भी ज़्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
राहुल गांधी के ऐसे अव्यवहारिक कार्यक्रम बनाने वाले लोगों को ऐसी बातों पर ध्यान रखना मुझे लाज़मी जान पड़ता है।
खैर राहुल जी पाकुड़ आये , सुखद अहसास हुआ, लेकिन आम जनता अधिक से अधिक उन्हें नहीं देख पाई , इससे निराशा भी।

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments