ऐसे पत्रकारिता के तीन दशक क्रॉस कर गये हैं।
समाचार और खासकर समीक्षा के लिए कुछ स्थान पॉकेट होते हैं , इनमें एक हेयरकट दुकान भी है।
राजनीति और क्राइम की खबरों के लिए मैं चुराता सूचनाएँ अपने श्रवण से , और कोशिश करता हूँ रोचक प्रस्तूतन का।
खेर पत्रकारिता की विभिन्न विधाओं और न्यूज़ पॉकेट्स पर विस्तार से फिर कभी।
फ़िलवक्त ये प्रस्तुति —
जीत या हर वक़्त की गर्भ में है , लेकिन बाबुधन और नवनीत की उपस्थिति ही तय करेगा परिणाम।
रविवार को सेलून में सेभींग करवा रहा था। थोड़ी ही देर में एक पार्टी के दो महत्वपूर्ण कार्यकर्ता आये और अपनी बारी के इंतजार में बैठ गए। उनकी बातों को ध्यान से सुनने लगा। चुनावी दौर है, स्वाभाविक रूप से चर्चा भी उसी पर थी। चुनावी सभा तो थी नहीं , मंच भी नहीं था , इसलिए उन दोनों की चर्चा में ईमानदारी झलक रही थी।
भाजपा पाकुड़ सीट वर्तमान स्थिति में कभी जीत नहीं सकती , उनमें से एक ने कहा , दूसरे ने हामी भरते हुए कहा यार यहाँ डेमोग्राफी पूर्णतः चेंज हो गया है , लेकिन इससे पहले की स्थिति भी भाजपा के लिए पाकुड़ सीट कभी जितने लायक नहीं रही है।
चर्चा पाकुड़ पर आपसी सहमति के बाद लिट्टीपाड़ा सीट पर गई तो भाजपा के घोषित उम्मीदवार बाबुधन मुर्मू की प्रशंसा , जिला परिषद अध्यक्ष रहते उनके कार्यों, उसके बाद भी लगातार लिट्टीपाड़ा में हर परिस्थितियों में उनकी सकारात्मक सक्रियता आदि पर खूब चर्चा हुई। एक अच्छे उम्मीदवार के रूप में बाबुधन को उतारने पर पार्टी की तारीफ़ों के पूल बाँधे गये। झामुमो के उम्मीदवार जो अभी घोषित नहीं हुआ है पर चर्चा चलते हुए , लिट्टीपाड़ा के आदिवासी मतदाताओं का तीरधनुष चुनाव चिन्ह के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव की बातों तक पहुँची। कुल मिलाकर बाबुधन की तीरधनुष से टक्कर की बातों से होते हुए। महेशपुर के भाजपा प्रत्याशी पूर्व डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम तक पहुँची। डीएसपी रहने के दौर में उनकी मिलनसार प्रकृति , ईमानदारी और निष्पक्ष कार्यशैली पर खूब उदाहरणों के साथ उनकी बातों को मैंनें भी चटकारे ले कर सुना। नवनीत जी एक अच्छे इंसान तो हैं ही , लेकिन क्या राजनीति और मतदाता उन्हें आत्मसात कर पायेगा और ख़ुद नवनीत जी जैसे सीधे सादे इंसान क्या राजनीति के रास्तों को आत्मसात कर पाएँगे ?
कुल मिलाकर इतनी ईमानदार चर्चा को सुनने के दौरान मैंनें फरमाइशें कर अपना बिल तो बढ़ा लिया , लेकिन पाकुड़ सहित लिट्टीपाड़ा महेशपुर सीटों पर बागियों की उनदोनों की आशंकाओं ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि राजनीति में भी अच्छे इंसानों पर कहीं कहीं ईमानदार चर्चा तो होती है।
खैर लिट्टीपाड़ा और महेशपुर सीट पर बाबुधन मुर्मू और नवनीत हेम्ब्रम अपनी छाप तो ज़रूर छोड़ेंगे। ये जीतें या हारें यह वक़्त बताएगा , लेकिन इनकी उपस्थिति परिणाम पर असर जरूर डालेगा।