कार्रवाइयों में हो रही कानूनी कोताही, अरे ED घर बसाने नहीं आई, वापस लौट ही जाएगी | अपनी आगे की सम्भावनायें बनाये रखनी है
संथालपरगना के सभी जिले में अवैध खनन के विरुद्ध प्रशासन रेस है। स्वयं जिले के सिविल मुखिया पुलिस कप्तान को लेकर रद्दीपुर जैसे सुदूर इलाके जा रहे हैं। जबकि चुनाव भी सर पर था। अद्भुत सक्रियता, अकल्पनीय तथा अद्वितीय सक्रियता से आम जनता हतप्रभ हैं। सच कहें तो हम पत्रकार भी अचंभित हैं। पहले जब हम अवैध खनन पर कुछ प्रशासन से पूछते थे। तो रटा रटाया जवाब मिलता था। ऐसा नहीं होता, या जाँच कराएँगे कह कर टाल दिया जाता था।
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अब क्या हो गया ?
अब तो स्वयं जिले के मुखिया केमरे पर अवैध को स्वीकार कर रहे हैं। ख़ुद अवैध खनन को स्वीकार कर करवाई की सूचना दे रहे हैं। उन सूचनाओं को सूचना विभाग डिजिटली प्रसारित कर रहे हैं। कुछ लोग जो हमें मतलब पत्रकारों को अवैध की खबरों पर हँसते थे,चिढ़ाते थे। अब आँख चुराने लगे हैं।
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यूँ सूचना प्रसारित कर रहे सूचना विभाग, नीचे पढ़िये–
जिला खनन टास्क फोर्स जिले में अवैध माइनिंग, अवैध परिवहन के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। उपायुक्त पाकुड़ के निर्देशानुसार आज मालपहाड़ी थाना के सुंदरापहाड़ी मौजा में चार अवैध रूप से संचालित क्रेशर को सील करते हुए उसके संचालकों-
(1) अब्दुल शेख (2) सलाउद्दीन शेख (3) अक्कीबुल शेख (4) शमसुद्दीन शेख
पर बिना लाइसेंस के क्रेशर चलाने के कारण मालपहाड़ी ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है।
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साथ ही साथ ओजारुल शेख और अल्लीउल शेख के क्रेशर का सीटीओ फेल होने के बाद भी संचालित रहने के कारण टास्क फोर्स द्वारा उसे सील किया गया और इसकी सूचना प्रदूषण विभाग झारखंड सरकार को दिया जा रहा है।
मौके पर जिला खनन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी पाकुड़ सदर, खान निरीक्षक, माल पहाड़ी ओ0पी0 के प्रभारी अंचल निरीक्षक, अंचल अमीन सहित अन्य उपस्थित थे।
अब भी कहा जा रहा, कुछ नहीं होगा
हँलांकि कहने और देखने में कार्रवाई हो रही है। लेकिन अगर कानूनी तकनीकी ढंग से देखा जाय तो इसमें कई खामियाँ हैं। हाँलाकि अख़बार और मीडिया क्रशरों के ध्वस्त करने की ख़बर छाप-चला रहे हैं। लेकिन मैंनें किसी भी क्रशर को ध्वस्त होने का वीडियो नहीं देखा। ध्वस्त करने के नाम पर सिर्फ पेलोडर-बुलडोजर से क्रशर के फीतों तथा उसके स्टैंड के एंगीलों को गिराया जा रहा है। और वहाँ खड़े होकर फोटो तथा वीडियो खिंचाया जा रहा है। ये फीते और स्टेंड मामूली खर्चे पर फिर खड़े हो जाएंगे। तथा खिंचाए गए फ़ोटो वीडियो से ये सावित किया जाएगा कि मैंनें आपके क्रशर को बचा लिया। फिर इस पर सुविधाशुल्क वसूले जाएँगे।
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करवाई की बनाई जा रही सिर्फ रेकॉर्ड
ये करवाई की कयावद सिर्फ एक रिपोर्ट भर बना कर भेजना है। लोगों को करवाई की झलक भर दिखानी है। जाँच एजेंसियों को भरमाना है। को ED यहाँ घर बसाने आई है, चले जायेंगे वापस। करवाई करनी है, यो क्रशरों के फाउंडेशन को ध्वस्त कर दिखाए प्रशासन। नही ऐसा नहीं किया जाएगा। Puja गईं जेल ,जाएं। नपेंगे बड़े अफ़सर नप जाएं। राजनीति विखरेंगी बिखर जाएं। हमें तो आगे भी चुना और राजस्व की चपत लगाने की संभावना बनाए रखनी है। अच्छा कोई भी जानकर बता देगा ये गैर तकनीकी करवाई और FIR पर खड़ी केश कोर्ट में कैसे भरभरा कर गिर जाएगी। खैर कोई बात दे इससे पहले सैकड़ों क्रशर सील हुए, क्या हुआ उनका। दर्जनों FIR हुए , कहाँ खड़ी है वो !
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अति का अंत स्वाभाविक है। भत भरमाओ भई जनता , अधिकारी और एजेंसियों को। सँभल जाओ। या फिर पूछ आओ Puja से जेल की बनींदी रातें और बेदर्द कीड़ों मकोड़ों की कहानियों को।