23 अगस्त को दुमका में बच्ची अंकिता ज़िंदा जला दी जाती है, दुमका के विधायक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन परिवार से मिलते हैं 7 सितंबर को.. पूरे देश की अंतरात्मा कराह रही थी और विधायक जी अपने अंतर्वस्त्रों की ख़रीदारी कर रहे थे? शर्म मगर इनको आती नहीं pic.twitter.com/ewoujngtPw
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) September 8, 2022
हेमन्त जी आप हम झारखंड निवासियों के मुखिया हैं।इस नाते राजनैतिक अभिवावक भी ।
निश्चित रूप से आप अपने परिवार में भी तत्काल बड़े हैं , तो अपने परिवार का भी गुरुजी जी के बाद उपमुखिया भी।
आपके अनुज, हाँ छोटे भाई जो दुमका से आपके स्थान पर विधायक हैं , को समझाते नहीं !
ई त आपके पार्टी और परिवार के सम्माने का ढोल बजा रहे हैं।
इधर पेट्रोल छींट कर अपराधी नाबालिग को जिंदा जला रहा है , और वो गंजी जंघिया खरीदने दिल्ली जाते हैं।
कहाँ क्या बोलना है , यह भी…?
खैर ऐसे आदमी की संवेदनहीनता देखकर उन्हें विधायक बनना कहाँ की संवेदनशीलता है ! ये तो आप जरूर आईने के सामने खुद से पूछिएगा।
हे भगवान ! कहाँ गुरुजी , और उनके घर ऐसे ….?
झारखंड की विडंबना है कि , आपका विधायक और विधायक पत्रिनिधि ..!
आश्चर्य नहीं दुख होता है।
अपने कुनबे को संभालिये, और कहीं से बोलने का प्रशिक्षण इन माननीयों को दिलवाइये हजूर।
सिर्फ़ सरकार बचाने में नहीं , गुरुजी का सम्मान भी बचाइए।
और हाँ हमें भी अपने राज्य का निवासी बताने में शर्म न आए, कम से कम इतना तो कीजिए मालिक।
जहाँ विधायक को जो राजनैतिक वातावरण में बचपन से पला-बढ़ा हो उसे बोलते समय स्थान, काल और पात्र का ध्यान न रहे , तो शर्मिंदगी तो हमारी जायज़ है कि नई है ?