Wednesday, October 15, 2025
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*दिशोम गुरुजी का जाना झारखंड के लिए गहरा आघात उनकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं , एक जीवन जो प्रेरणा था, मानो आसमान में खो गया : शाहिद इक़बाल*

*मिट्टी का ऋण कभी खत्म नहीं होता और गुरुजी शिबू सोरेन इस मिट्टी की आवाज थे: *

पाकुड़: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद झारखंड के निर्माता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन के निधन पर झामुमो पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शाहिद इक़बाल ने कहा कि हम सबों के बीच से गुरुजी का जाना गहरा आघात है। उनके निधन से हुई क्षति का पूर्ति कर पाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा गुरुजी ने अपना सब कुछ न्योछावर कर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ी।
अंततः इस लड़ाई में उनकी जीत हुई। आज उन्हीं के दम पर झारखंड राज्य खड़ा है। उनके निधन से देश ने महान क्रांतिकारी नेता खो दिया है। दिशोम गुरु ने लड़कर झारखंड राज्य लिया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना एक जनआंदोलन की उपज थी। उनके नेतृत्व में बड़ी संख्या में नौजवान, आदिवासी, अल्पसंख्यक, किसान, छात्र,छात्राएं इस आंदोलन से जुड़ते गए। साल 2000 में झारखंड अगल राज्य बना तो यह दिशोम गुरुजी की तपस्या का फल था। वह आदिवासी अस्मिता के सबसे सशक्त प्रहरी, पीड़ितों की सबसे मुखर आवाज और मजदूरों के लिए अनथक लड़ने वाले सेनानी थे।
झारखंड में बहुत ही खालीपन का एहसास हो रहा है। मिट्टी का ऋण कभी खत्म नहीं होता और शिबू सोरेन इस मिट्टी की आवाज थे।
दिशोम गुरुजी का निधन से झारखंड को जो क्षति हुई है उनका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है। ईश्वर अपने चरणों मे उन्हें स्थान दें।

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