विभिन्न मीडिया माध्यमों के ख़बर का असर ये दिखा कि फ़र्जी आधार और डोकोमेंट बनाने वाले स्थानों पर छापेमारी हुई।
लेकिन ध्यान देने लायक बात है कि गिरफ्त में कोई नहीं आया , जबकि बीते दिन साहेबगंज में दो व्यक्ति ऐसे ही कार्य करने वाले गिरफ्त में भी आये थे।
नीचे एक सूचनात्मक ख़बर है, आप पढ़ें , इसके पहले की इसी मामले की ख़बर भी पढ़ें ।
आख़िर पाकुड़ में सभी सन्देहास्पद व्यक्ति पश्चिम बंगाल ही क्यों गये थे ? वो भी उसी समय जब छापेमारी हुई ! है न विषम्य। सोचें , मूल्यांकन करें।
ख़बर छापेमारी की कहीं लीक तो नहीं हुई ?
जब सरकारी लोग ही फर्जी आधार पर जमीन तक रजिस्ट्री करवा लें तो कुछ भी हो सकता है।
खैर माननीय न्यायालय सब देखेगा।
अभी सिर्फ सूचना पढ़ें।
पाकुड़: पाकुड़ जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने रविवार, 12 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई की। प्राप्त शिकायत के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) पाकुड़, प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पाकुड़, डीपीओ यूआईडी सेल श्री रितेश श्रीवास्तव तथा पाकुड़ मुफस्सिल थाना की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाया।छापेमारी टीम ने ग्राम पंचायत अंजना, पृथ्वीनगर, चॉचकी, ईलामी, भवानीपुर, फरसा, देवतल्ला, उदयनारायणपुर एवं इस्लामपुर ब्रिज के पास स्थित स्थानों पर एक साथ दबिश दी। प्रशासन को मिली शिकायत में बताया गया था कि इन क्षेत्रों में करीब 10 व्यक्तियों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।टीम को देखते ही अधिकांश संदिग्ध व्यक्ति अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गए। जब छापेमारी दल ने फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि वे पश्चिम बंगाल किसी अन्य कार्य से गए हैं।छापेमारी के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासनिक टीम को बताया कि शिकायत में जिन व्यक्तियों के नाम हैं, वे फर्जी आधार कार्ड बनवाने का कार्य कर रहे थे।जिला प्रशासन ने बताया कि इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। फर्जी आधार कार्ड बनाने के इस गिरोह का जल्द ही भंडाफोड़ किया जाएगा तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।