Wednesday, October 16, 2024
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जहाँ जा रहा ये नवयुवक, जुट रही आशाओं को संजोई भीड़ , लोगों को दिख रहा राजनीति की नई पौध में नई उम्मीद।

अजहर इस्लाम एक कोंग्रेसी पारिवारिक पृष्ठभूमि का वर्तमान में आजसू का सम्भावित पाकुड़ विधानसभा प्रत्याशी , पत्थर व्यवसायी और समाजसेवी गाँव गाँव घूमकर जनसम्पर्क कर रहे हैं।
जहाँ भी जा रहे हैं , इस नवयुवक के जयकारे लग रहे हैं। जुटी भीड़ के चेहरे पर दिखती एक नई आस की किरण और अजहर के वादों पर तालियाँ तथा जयकारे लुटाती हर उम्र के लोगों को देखकर ऐसा लगता है कि , बहुत दिनों से छले गये मतदाताओं को एक सार्थक नेतृत्व मिल गया।
ये बात और है कि बाजी किसके हाथ लगी चुनावों में मतगणना के बाद ही पता चलता है।
लेकिन अजहर की सभाओं में जुटती भीड़ और उनसे मिलते लोगों को देख तो ऐसा लगता है कि यहाँ के मतदाताओं को वादे और वादाखिलाफी के सिवा शायद कुछ नहीं मिला।
इस समीक्षा में साथ लगे चित्र को देख कर ऐसा लगता है कि मतदाताओं की अनुभवी झुर्रियों में एक विश्वास तथा आशा की किरण इस युवा की ओर झाँक और देख रही है।
अजहर भी विश्वास दिला रहा है कि जो 20 वर्षों में नहीं हुआ वो अगर मतदाताओं का सहयोग रहा तो अगले 5 सालों में दिखेगा।
अभी भी गाँव गाँव लोग अपनी बुनियादी पानी , बिजली , सड़क , नाले की कहानी सुना कर अचंभित करते हैं , कि विकास की बयार बहाने की बात करने वाले नेताओं ने इतने दिनों तक क्या सिर्फ वादाखिलाफ़ी भर किया है।
समाज सेवा और तिलक लगाकर राखी बंधवाने वाले हिन्दू मुस्लिम से ऊपर उठकर बहनों की रक्षा की कसम उठाने वाले अजहर ने सबको चोंका दिया। खाशकर उस पाकुड़ में जहाँ एक लम्बे अंतराल के बाद साम्प्रदायिक सौहार्द कुछ पल के लिए बिगड़ा भी था। हँलांकि प्रशासन की सराहनीय सक्रियता ने अनहोनी नहीं होने दिया। लेकिन अजहर ने मानो सौहार्द की फटी चादर को तो सिल दिया।
सामाजिक और साम्प्रदायिक सद्भाव के विश्वास ने भी अजहर में एक उम्मीद देखी है। ये मैं नहीं उनकी सभाओं में जुटती भीड़ कह रही है।
समाजसेवा के और भी उदाहरण के व्यक्तित्व यहाँ हर जात पात और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर काम करने वाले हैं , लेकिन चुनावी मैदान में अजहर की चर्चा ही इन दिनों चर्चा में है।
ऐसे सभी पार्टियों के लोग और प्रतिनिधि पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं , लेकिन अजहर इस्लाम में आमलोगों को एक नई पौध में नई उम्मीद दिख रही है।
हर गाँव की सभाओं में जुटती भीड़ फिलवक्त तो यही कहती नजर आती है।

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