Tuesday, December 30, 2025
Homeआध्यत्मिकगुरु नानक देव जी जयंती पर पाकुड़ गुरुद्वारे में उमड़ा श्रद्धा का...

गुरु नानक देव जी जयंती पर पाकुड़ गुरुद्वारे में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब।

लंगर-प्रसाद का हुआ वितरण, समानता, सेवा और सत्य के संदेश से गूंजा वातावरण

सिखों के प्रथम गुरु एवं मानवता के महान उपदेशक श्री गुरु नानक देव जी की जयंती बुधवार को पाकुड़ सिख साद संगत गुरुद्वारा और सिंधी समाज के गुरुद्वारे में बड़े ही हर्षोल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाई गई। इस अवसर पर पूरे गुरुद्वारे परिसर में श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गुरुद्वारे में उमड़ पड़ी। अखंड पाठ की समाप्ति के बाद बाहर से पधारे भाई साहब ने मनमोहक कीर्तन प्रस्तुत किए। अरदास के पश्चात पाठ की समाप्ति हुई और फिर लंगर प्रसाद का वितरण किया गया। पाकुड़ के अलावा दूर-दराज़ से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया और सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। गुरुद्वारा कमिटी एवं सिंधी समाज की ओर से आतिशबाजी कर गुरु पर्व की खुशियां मनाई गईं।

*जीवनी*

गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को रायभोई दी तलवंडी (वर्तमान ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन से मानवता को यह संदेश दिया कि ईश्वर एक है, मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है और सेवा ही सच्ची उपासना। कम उम्र से ही असाधारण प्रतिभा के धनी गुरु नानक देव जी ने सांसारिक भेदभाव से ऊपर उठकर तीन मूल सिद्धांत दिए नाम जपो, किरत करो और वंड छको। उन्होंने समाज में व्याप्त जात-पात, ऊंच-नीच, अंधविश्वास और अन्याय का विरोध किया तथा समानता और प्रेम का संदेश दिया। अपने साथी भाई मरदाना के साथ उन्होंने चार उदासियां (धार्मिक यात्राएं) कीं और पूरे विश्व में सत्य, प्रेम, शांति और एकता का संदेश फैलाया। गुरु नानक देव जी की वाणी “एक ओंकार सतनाम” आज भी हर दिल में गूंजती है और हमें यह याद दिलाती है कि परमात्मा सर्वव्यापक है और सभी में समान रूप से विद्यमान है। उनकी शिक्षाएं बाद में गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित की गईं, जो आज भी मानवता का मार्गदर्शन कर रही हैं। गुरु नानक देव जी ने सिखाया कि धर्म केवल पूजा या अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है जिसमें प्रेम, सेवा, त्याग और न्याय का भाव सर्वोपरि है। 1539 ईस्वी में करतारपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में उन्होंने ज्योति ज्योत समाई, पर उनके उपदेश आज भी विश्व को दिशा और रोशनी दे रहे हैं।

*उनका यह अमर संदेश.*

*“ना कोई हिंदू, ना कोई मुसलमान, सबका मालिक एक है”*

आज भी सामाजिक समरसता और विश्व-भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल है।
गुरु नानक देव जी की वाणी और विचार हर उस हृदय में उजाला करते हैं, जहां मानवता की लौ अब भी जल रही है। उनका जीवन संदेश देता है कि जब तक सत्य और प्रेम की ज्योति जलती रहेगी, तब तक अंधकार कभी टिक नहीं सकेगा।

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments