आईकॉन ऑफ हिंदुस्तान अवार्ड से नवाजे गए समाजसेवी लुत्फल हक
–हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर ने अपने हाथों दिया अवार्ड
पाकुड़। पाकुड़ के चर्चित और नामचीन समाजसेवियों में शुमार लुत्फल हक ने एक बार फिर जिले वासियों को गर्वित किया है। लुत्फल हक को समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए चीन प्रांत के मकाऊ में आईकॉन ऑफ हिंदुस्तान अवार्ड से सम्मानित किया गया है। देश के मशहूर पत्रकार और हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर ने अपने हाथों लुत्फल हक को अवार्ड प्रदान किया है। आयोजित सम्मान समारोह में भारत देश के अलग-अलग हिस्सों से तीन दर्जन जानी-मानी हस्तियां शामिल हुए थे। इनमें लुत्फल हक का नाम भी खास तौर पर शामिल किया गया था। देश-विदेशों में दर्जनों बार सम्मानित किए जा चुके लुत्फल हक गरीबों की मदद के लिए जाने जाते हैं। असहाय और जरुरतमंद लोगों को मदद पहुंचाना उनकी पहचान बन चुकी है। पाकुड़ जैसे पिछड़े और छोटे से जिले से निकलकर चीन प्रांत के मकाऊ में सम्मान हासिल करने वाले समाजसेवी लुत्फल हक ने जिले का नाम रोशन किया है। अवार्ड प्रदान के दौरान भरे समारोह में लुत्फल हक की दरियादिली से खुश हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर भी खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने लुत्फल हक की तारीफों के पुल बांध दिए। प्रधान संपादक शशि शेखर ने लुत्फल हक के सामाजिक कार्यों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि गरीबों की मसीहा बनकर जो काम सालों से करते आ रहे हैं, वह वाकई में प्रेरणादायक और प्रशंसनीय भी है। कहा कि जिस वक्त कोरोना वायरस के कहर से पूरा देश खौफ में था, लोग सिर्फ अपनी जान बचाने के लिए ही सोचने पर मजबूर हो गए। लुत्फल हक ने लोगों की मदद के लिए अपने दोनों हाथ खोल दिए। जिनके घर के चूल्हे रोजाना मेहनत मजदूरी से जलते थे, उन गरीब मजदूरों के परिवारों के सामने संकट आन पड़ी थी। उस दौरान लुत्फल हक जैसे समाजसेवी ने गरीबों के घर राशन पहुंचाया। लोगों की जान बचाने के लिए इन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर, सैनिटाइजर और मास्क मुहैया कराया। पाकुड़ रेलवे स्टेशन में रोजाना लगभग 300 गरीबों को हर दिन भोजन कराया जा रहा है। आर्थिक रूप से मदद पहुंचा कर गरीब बेटियों की शादी में सहयोग कर उनका घर बसा रहे हैं। लुत्फल हक गरीबों की उम्मीद बन गए हैं। निश्चित रूप से लुत्फल हक समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। इधर लुत्फल हक ने दूरभाष पर कहा कि शशि शेखर जी का मैं शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे इस मंच पर सम्मानित किया। यह सम्मान मैं उन बेबस भाई बहनों और माताओं को समर्पित करना चाहूंगा, जिनकी दुआओं ने मुझे यहां तक पहुंचाया। मेरी उन भाई-बहनों और माताओं के आशीर्वाद से ही मुझे यह सम्मान नसीब हुआ है। निश्चित रूप से समाजसेवा में मुझे इससे हौंसला मिलेगा। लुत्फल हक ने कहा कि मैं खुदा से बस यही दुआ मांगता हूं कि इसी तरह गरीबों की सेवा का अवसर मिलता रहे।