एक बार फिर से नियो जेल विस्फोटक माल पहाड़ी थाना पुलिस ने जप्त किया है। 730 पीस की संख्या में ये जप्ती कोई पहली बार नहीं है। इसबार भी गुप्त सूचना और मोटरसाइकिल पर विस्फोटक लाने वाला तस्कर मोटरसाइकिल छोड़ कर भाग गया का मामला पूर्व की तरह कॉमन रहा। बिना नम्बर का मोटरसाइकिल और 730 पीस नियो जेल विस्फोटक जी पुलिस के हाथ लगा।
आश्चर्य ये है कि कान्हूपुर के रास्ते बंगाल से इस तस्कर के आने की सूचना मिलते ही पुलिस ने छापेमारी टीम बनाई, और फिर एक तस्कर बोरे में लदा विस्फोटक छोड़ भागने में सफल रहा। एक अनट्रेंड भगोड़ा, ट्रेंड पुलिस की टीम को चकमा दे गया, ये कहानी ही एक चकमा है?
ये सवाल इसलिए कि हरबार ऐसा ही होता है। हाँ एक बात और कि विस्फोटक पकड़े जाने का कोई अनुसंधान अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच सकी अब तक।
ये विस्फोटक कहाँ से आ रहा था? रटारटाया जवाब बंगाल से। बंगाल में कहाँ से? कहाँ जा रहा था? सबका जवाब सन्नाटा।
अरे भैया कभी तो तकनीकी ढंग से अनुसंधान हो, लेकिन ऐसे मामलों में अनुसंधान, अनुसन्धित हो कर ढाक के तीन पात रह जाता है।
अगर ये विस्फोटक पत्थर खदानों के लिए है, तो अवैध खनन हो रहा है, अगर नहीं तो नक्सलियों जैसे गलत हाथों में इसका कितना गलत इस्तेमाल हो सकता है, इसका अंदाजा ही रूह कँपा देता है।
खैर जो भी हो इन विस्फोटकों के धंधे के चेहरे से पर्दा हटाना पुलिस के लिए एक चुनोती तो है ही।