विश्व मंच और डोनाल्ड ट्रंप
हाल के दिनों में , विश्व के सर्वाधिक शक्ति शाली देश के शक्तिशाली नेता का बयान आया । यह बयान शक्तिशाली देश भारत की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में आया । यह हास्यास्पद बयान विश्व के शक्तिशाली,एक नेता का हो सकता है ,विश्वास करने योग्य नहीं है । भारत की अर्थव्यवस्था को मृत बोला गया।
अब अर्थशास्त्र और राजनीति अथवा अंत राष्ट्रीय वातावरण का बहुत ज्ञान नहीं रखने वाला व्यक्ति भी ट्रंप के बयान को बचकाना कह सकता है ।
निसंदेह ट्रंप और मोदी जी में तुलना ठीक नहीं ।होना भी नहीं चाहिए ।इसमें कोई संदेह नहीं कि ट्रंप ने पुरुषार्थ कर एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया है ।पर पुरुषार्थ से वो वह अर्जित नहीं कर पाए ,जो भारत कर पाया ।
भारत धर्म,अर्थ काम और मोक्ष की बात करता है ।पर ,ट्रंप के लिए धर्म और मोक्ष कोई मायने नहीं रखता होगा ,पर मोदी जी ,भारत को आत्मसात् किए है,इसलिए ये शांत ,संतुलित और निरंतर शारीरिक और मानसिक रूप से दृढ़ हैं।
पुरुषार्थ हमे अंतर्मुखी होना सिखाता है ,पर ट्रंप के लिए यह कुछ और है ।
मागा का नारा देकर सत्ता में आए ट्रंप अब विचलित सा व्यवहार कर रहे है।
एक समय था जब बड़ी से बड़ी बातें सचिव स्तर के या विदेश मंत्रालय कहते थे ,पर अब छोटी से छोटी बातें स्वयं राष्ट्रपति कहतें हैं।
यह शायद बड़ा बदलाव है जो कही न कही अमेरिका को कमजोर करता है।
देह की एक सीमा है।दिमाग तो देह पर निर्भर करता है।उम्र भी कोई चीज होती है ।
भारत के दर्शन और परंपरा का आप अनुकीर्तन करते है तो सौ वर्षों तक और उससे भी अधिक वर्षो तक दोनों ही स्तर पर स्वस्थ रह सकते है। पर ,अन्य देशों की जीवन शैली पर भी निर्भर करता है।
डोनाल्ड साहब और मस्क का प्रकरण, एपल के सी ई ओ को भारत में निर्माण करने के लिए धमकी हो या फुलवामा और टैरिफ , प्रत्येक मामला बहुत कुछ कहता है।रूस से तेल खरीदना हो या अब पाकिस्तान भारत को तेल देगा जैसी बातों पर लोग हास परिहास कर रहे हैं।
भारत शास्त्री जी के कार्यकाल को नहीं भूला है।
परमाणु परीक्षण पर अमेरिकी रवैए को नहीं भूला है और चाइना के धोखे को भी नहीं भूला है।
अगर कोई समर्थ देश इस तरह परेशान है तो समझना चाहिए कि भारत ऊंचाई पर जा रहा है ।आर्थिक रूप से लगातार मजबूत कर रहा है।
कोरोना महा मारी के मार से निकल कर , वैश्विक मंदी में भी स्थिर रहकर अपने को मजबूत रखा ।
जहां तक पाकिस्तान से तेल लेने की बात है तो भारत बैठा नहीं है ,वैकल्पिक ऊर्जा में भारत अव्वल आने वाला है।
हम ऐसा काम कर रहे है कि पेट्रोल की जरूरत ही हमें न हो ।
ट्रंप साहब फैसला लीजिए ,पर अपने पद का बोध लेकर और अगर भारत के बारे में ,तो भारत बोध होना आवश्यक है।
जहां तक दोस्ती की बात है तो हमारा दर्शन है ,हमारा ध्येय है “वसुंधरा परिवार हमारा”।
डॉ संजय
अगस्त 04 /25
श्रावण शुक्ल पक्ष , दशमी,सोमवार