आज ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन पाकुड़ शाखा द्वारा यूनियन की मान्यता के लिए हुए चुनाव में पूर्व रेलवे में 42% मत प्राप्त कर प्रथम स्थान पाने की खुशी में एक विजय जुलूस यूनियन शाखा कार्यालय परिसर से निकलकर प्लेटफार्म नंबर १ होते हुए माल गोदाम तक जाकर वहां से सिक लाइन एवं याड तक जुलूस गई । याड पहुंचने के उपरांत शाखा सचिव संजय कुमार ओझा ने इस जुलूस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन की यह जीत बहुत बड़ी जीत है और रेल कर्मियों ने जिस प्रकार ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के प्रति अपना विश्वास जताया है उससे जाहिर होता है की ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन से हमारे रेल कर्मियों को बहुत आशा है। इस जीत के बाद ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन का प्रत्येक सिपाही और भी जिम्मेदारी के साथ काम करने को उत्सुक है और आशा करते हैं कि आने वाले समय में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन पाकुड़ शाखा ने जो भी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन सबों के ऊपर क्रमबद्ध प्रयास किया जाएगा , ताकि पाकुड़ एवं आसपास के क्षेत्र में काम करने वाले रेल कर्मी के लिए सुविधाजनक स्थिति बनाई जा सके एवं जिस विभाग में कर्मचारियों की संख्या कम है ,उसे बढ़ाने के लिए भी क्रमबद्ध आंदोलन किया जाएगा । साथ ही उन्होंने अपने साथी कर्मचारी से अनुरोध किया कि जितने भी रेल कर्मचारी हैं वह अपने-अपने पदों पर रहते हुए पदों से जुड़े हुए दायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ करें ,ताकि हम रेल को और भी आगे ले जा सकें ।अपने कार्यालय क्षेत्र के आसपास स्वच्छता बरकरार रखें । साफ सफाई का ध्यान रखें एवं अपने कार्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार का जातिवाद, क्षेत्रवाद या संप्रदायवाद, इत्यादि को भूलकर हम सभी एक रेलकर्मी होकर रेल के कार्यों को आगे बढ़ाने में अपना समग्र योगदान करें ।साथ-साथ उन्होंने इस विजय जुलूस सह संकल्प रैली के माध्यम से सभी कर्मचारियों से आह्वान किया की आने वाले समय में रेल प्रशासन द्वारा किसी भी रेल श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर किया जाएगा ।ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन पाकुड़ शाखा द्वारा शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से किए गए हर कार्य मे सभी रेल कर्मचारियों ने सहभागिता का आश्वासन भी दिया ।इस प्रकार सभा संबोधन के पश्चात विजय जुलूस पुनः उसी मार्ग से होते हुए अपने शाखा कार्यालय पहुंचा । शाखा कार्यालय पहुंचकर सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया ।यह जुलूस कामरेड अखिलेश चौबे के नेतृत्व में कामरेड निलेश प्रकाश ,कामरेड प्रीतम कुमार मंडल, कामरेड सुमन घोष ,कामरेड गौतम यादव ,कामरेड कुंदन कुमार सिंह, कामरेड सुधीर कुमार ,कामरेड रामकुमार यादव ,कामरेड अमर कुमार मल्होत्रा, कामरेड विक्रम भारती ,कामरेड बिहारी कुमार , कामरेड कलीम अंसारी ,कामरेड पिंटू लाल पटेल कामरेड दयाशंकर प्रसाद, कामरेड संतोष कुमार, कामरेड भगवत प्रसाद शर्मा कामरेड निरंजन कुमार ,कामरेड संदीप दत्ता, कामरेड कुमार विकास सहित सैकड़ो रेल कर्मी मौजूद रहे।
मासिक समीक्षा बैठक में पाकुड़ पुलिस अधीक्षक ने दिये कई निर्देश और सराहना पत्र।
*पुलिस अधीक्षक, पाकुड़ की अध्यक्षता में दिनांक-12.12.2024 को मासिक अपराध गोष्ठी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमे माह नवम्बर में किये गए कार्यो की समीक्षा के उपरांत सभी थाना/ओपी प्रभारी/संबंधित शाखा प्रभारी को निम्नांकित आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया*-
1. विधानसभा आम निर्वाचन 2024 को निष्पक्ष/भयमुक्त/शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पाकुड़ जिले के पुलिस पदाधिकारियों/पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
2. माह नवम्बर 2024 में प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों की समीक्षा की गई एवं माह नवंबर के अंत तक कुल लंबित 431 को घटा कर 400 से नीचे लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
3. थाना/ओपी में लंबित सभी कांडों का विस्तृत समीक्षा कर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा प्रतिवेदन समर्पित करने हेतु सभी डी.एस.पी./पुलिस निरीक्षक प्रभाग को निर्देशित किया गया।
4. अनावश्यक रूप से लंबे समय से कांडों को लंबित रखने वाले अनुसंधानकर्ता को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कारवाई हेतु प्रतिवेदन समर्पित का निर्देश सभी डी.एस.पी/पुलिस निरीक्षक प्रभाग को दिया गया।
5. माह नवम्बर के अंत तक प्रतिवेदन सभी कांडों का पर्यवेक्षण प्रतिवेदन दिनांक 15.12.2024 तक समर्पित करने हेतु सभी पुलिस उपाधीक्षक/पुलिस निरीक्षक प्रभाग को निर्देशित किया गया।
6. अमरापारा से दुर्गापुर रेलवे साइडिंग तक कोयला रोड में ट्रकों से कोयला चोरी कर साइकिल/मोटरसाइकल एवं अन्य वाहनों से अवैध कोयला परिवहन/भंडारण करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध विधि सम्मत करवाई करने का निर्देश दिया गया।
7. अवैध कोयला/बालु/पत्थर के उत्खनन/परिवहन/भंडारण के विरुद्ध जिला खनन टास्क फोर्स द्वारा चलाए जा रहे छापामारी अभियान के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को उपलब्ध कराने एवं आवश्यक सहयोग करने का निर्देश दिया गया।
8. विगत दिनों में घटित चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु नियमित रूप से सघन वाहन जांच अभियान चलाने एवं पेट्रोलिंग पार्टी को मुस्तैदी के साथ भ्रमणशील रहने हेतु निर्देशित किया गया विशेषकर रात्रि में अत्यधिक सतर्कता के साथ भ्रमणशील रहने का आदेश दिया गया।
9. सभी थाना/ओपी प्रभारी को अपने स्तर से अभियान चलाकर लंबित वारंट/कुर्की का निष्पादन करने हेतु निर्देशित किया गया।
10. परिवाद पत्र/पासपोर्ट/चरित्र सत्यापन का निष्पादन निर्धारित समय में करने हेतु निर्देश दिया गया।
11. Dail 112 द्वारा प्राप्त शिकायत पर जांचोपरांत त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
12. थाना में आने वाले फरियादियों/आवेदको का शालीनता के साथ उनकी समस्याओं को सुनने एवं त्वरित जांचोपरांत विधि सम्मत आवश्यक कारवाई करने का निर्देश दिया गया।
13. यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन नियमित रूप से कार/मोटरसाइकिल/टोटो चालक का हेलमेट/सिटबेल्ट/रजिस्ट्रेशन/ इंश्योरेंस इत्यादि की जांच करने का निर्देश दिया गया।
*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से डॉक्टरों की कमी एवं उर्दू विद्यालयों को पुन:चालू करने की मांग रखा:झामुमो पूर्व केंद्रीय सदस्य शाहिद इक़बाल*
*उर्दू विद्यालयों सहित विलय किये गये विद्यालयों के मुख्यमंत्री से स्वतंत्र करने की मांग शाहिद इकबाल ने किया*
पाकुड़: माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से झारखंड विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष में भेंट के दौरान पाकुड़ जिले के जनसमस्याओं से संबंधित झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने एक आवेदन दिया। झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने कहा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी का ध्यान आकृष्ट करते हुए पाकुड़ सदर अस्पताल में डॉक्टर, नर्स की काफी कमी है। ANM 153 पद है जिसमें केवल 30 कार्यरत है। महिला, बच्चा एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ के डॉक्टर नहीं है। पाकुड़ जिले में 103 डॉक्टरों का पद है जिसमें पाकुड़ जिले में सदर अस्पताल एवं पीएचसी में 26 डॉक्टर ही कार्यरत है। जिसमें अध्ययन अवकाश में 9 डॉक्टर, 3 इस्तीफा और 3 डॉक्टर अनाधिकृत रूप से गायब है। कुल मिलाकर के पाकुड़ सदर अस्पताल पीएचसी की स्थिति चिंताजनक है।
शाहिद इक़बाल माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को आवेदन देकर ध्यान दिलाया कि 2016-17 में रधुवर सरकार के कार्यकाल में झारखंड के 4096 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय का अन्य विद्यालययों में विलय कर दिया गया था। जिसमें पाकुड़ जिले के छः उर्दू विद्यालय भी शामिल थे। विशेष सूत्रों से पता चला है कि इस इस विषय पर
हेमंत सरकार विलय किया गया विद्यालय की पुनर्वापसी के लिए कार्य कर रही है। ज्वलंत समस्याओं की ओर माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का ध्यान आकृष्ट करने के बाद पाकुड़ जिले के इन समस्याओं के समाधान में तत्परता के साथ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
हार या जीत अपनी जगह है , समाज के लिए काम करना है कर्तब्य : अज़हर इस्लाम
शुक्रवार को पूर्व एनडीए प्रत्याशी अजहर इस्लाम जी ने अपने निजी आवास पर एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का दिल से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने पूरे चुनाव में अपनी मेहनत और समर्पण से उनका साथ दिया।
अजहर इस्लाम जी ने कहा, “चुनाव में हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन यह हमें अपने क्षेत्र के विकास और जनता की सेवा के प्रति हमारी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटा सकता।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के साथ लगातार जुड़े रहें, उनकी समस्याओं को समझें और उनके समाधान में जुटे रहें।
बैठक में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकुड़ विधानसभा के हर नागरिक का जीवन स्तर सुधारना और क्षेत्र में विकास की नई लहर लाना उनकी प्राथमिकता बनी रहेगी। उन्होंने कहा, “यह हार एक नई शुरुआत है। आपका समर्थन और विश्वास ही हमारी असली ताकत है। हम सब मिलकर पाकुड़ को बेहतर बनाएंगे।
*माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 06 दिसम्बर 2024 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक सम्पन्न हुई।*
*मुख्यमंत्री सचिवालय रांची*
*विज्ञप्ति संख्या – 309/2024*
*06 दिसम्बर 2024*
*झारखंड मंत्रालय, रांची*
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*माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 06 दिसम्बर 2024 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक सम्पन्न हुई।*
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*अन्यान्य :-*
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*माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार के सभी माननीय मंत्रीगणों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के सम्पादन हेतु निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परामर्श दिया गया। सभी माननीय मंत्रीगण सरकार के इस कार्यकाल में वर्णित इन तथ्यों का विशेष ध्यान रखेंगे..*
*1. मंत्रिपरिषद् में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद् की बैठक में प्रस्ताव आ सके।*
*2. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर feedback लें।*
*3. विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें।*
*4. वैसी योजनाएँ जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें।*
*5. कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें।*
*6. राज्य में आपके विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें।*
*7. वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएँ हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें।*
*8. भवन जैसे Infrastructure वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि, बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय।*
*9. वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करें।*
*10. अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें।*
*11. पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर adjustment करें।*
*12. आप्त सचिव तथा निजी Staff रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें।*
*13. कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे।*
*14. अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहाँ की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें।*
*15. क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में feedback प्राप्त करें और माननीय मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएँ।*
*16. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो।*
*17. सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को Press Conference कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।*
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*TeamPRD(CMO)*
लाज़मी सवाल – **पाकुड जनसंपर्क कार्यालय के वाट्सएप ग्रुप में सभी पत्रकारों को शामिल न करने पर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष ने उठाए सवाल**
पाकुड, झारखंड: वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के झारखंड इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अनंत तिवारी ने पाकुड जनसंपर्क कार्यालय द्वारा संचालित वाट्सएप ग्रुप ‘पाकुड सूचना भवन’ में सभी पत्रकारों को शामिल न करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
एक आधिकारिक पत्र में, तिवारी ने जिला जन संपर्क पदाधिकारी से आग्रह किया है कि उन्हें स्पष्ट जानकारी दी जाए कि क्यों सभी पत्रकार इस ग्रुप का हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समूह का मुख्य उद्देश्य सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाना और उनका प्रचार-प्रसार करना है, जिसमें पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
तिवारी ने इस मुद्दे पर स्पष्टता मांगी और पूछा कि क्या पत्रकारों को जोड़ने के लिए कोई विशेष मानदंड निर्धारित किया गया है। उन्होंने नियमावली को सार्वजनिक करने की अपील भी की। इसके साथ ही, चेतावनी दी कि यदि उनके पास कोई उचित कारण नहीं है और सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में बाधा उत्पन्न की जा रही है, तो वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया इस मुद्दे पर लिखित शिकायत दर्ज कराएगी।
अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने धरना प्रदर्शन करने की भी बात कही, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
समाज के विभिन्न हिस्सों से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया आई है, जिसमें पत्रकारों का मानना है कि उनके बिना इस ग्रुप का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा। अब देखना यह है कि जिला जन संपर्क कार्यालय इस विषय पर क्या कदम उठाता है और पत्रकारों की चिंताओं का समाधान कैसे किया जाता है।
भाजपा ने मनाया संविधान दिवस , बाबा साहब अम्बेडकर के आदमकद प्रतिमा पर किया माल्यार्पण।
संविधान दिवस के ७५ वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी पाकुड़ के द्वारा जिला अध्यक्ष अमृत पाण्डेय के नेतृत्व में पाकुड़ नगर में स्थापित संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नमन किया।
मौके पर भाजपा नगर अध्यक्ष सोहन मंडल,भाजपा नेता हिसाबी राय जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी महामंत्री रूपेश भगत अनामिका कुमारी अनिकेत गोस्वामी पवन भगत आदि मौजूद थे।
माल्यार्पण के उपरांत जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि आज का दिन काफी खास है,आज ही के दिन हमारे देश ने संविधान को अपनाया था। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में हमारा संविधान बना जिसके बाद आज तक इस सर्वोपरि माना जाता है।आगे भाजपा नेता हिसाबी राय ने कहा कि संविधान दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है बल्कि हमारे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज यानी सविधान को याद करने का दिन है।इस दस्तावेज को बनाने में बाबा साहब डॉ• भीमराव अंबेडकर जैसे महान लोगों का बड़ा योगदान था। उन्होंने ही हमारे देश में पहले कानून मंत्री के रूप में काम किया था।हमारे देश ने संविधान को 26 जनवरी 1949 को स्वीकार किया और लागू हुआ।जिसके कारण 26 जनवरी को हम सभी भारतवासी गणतंत्र दिवस के रूप में इस दिन को मनाते हैं।इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश को लोगों को संविधान और संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देना है।
चुनावी रंग ढंग में बदल चुका है पत्रकारिता की चुनौती
आज कल चुनाव ने ऐसा रंग-ढंग अपना लिया है , जो वर्षों पहले नहीं हुआ करता था। चुनाव एक लोकतांत्रिक त्यौहार के तौर पर हुआ करता था। सभी पार्टियों के लोग एक दूसरे से जब मिलते थे , तो लगता ही नहीं था, कि वे चुनावी मैदान में एक अपर के प्रतिद्वंद्वी हैं।
तीन दशकों की पत्रकारिता और उम्र के पाँच दशकों को गुजार चुकने के बाद आज एक पत्रकार के तौर पर चुनावी समीक्षा या समाचार लिखने में स्वयं को असहज पाता हूँ।
जमीनी हकीकत को लिख पाना असहज करता है।
अब तो पार्टियाँ भी अनेक हैं, और बागी तथा निर्दलीयों की तो बाढ़ सी है। सभी अपने ही समाज और जान पहचान वाले। सच लिखो तो अप्रिय बनने की स्थिति उत्पन्न होती है। जीतने वाले जीत कर राजधानी चले जायेंगे।
हम सच लिखने वाले यहीं पीसने के लिये रह जाएंगे।
जात पात-सम्प्रदाय पर चलने वाली आज की राजनीति खूनी संघर्ष की उपज मंडी बन गई है , जबकि पहले ऐसा नहीं था। हारने वाले जितने वाले को बधाई देता था। चुनाव के बाद समकुछ सामान्य हो जाता था।
पर आज ऐसा नहीं है।
समाज में चुनाव के बाद सभी एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते थे।
जो भी हो आज के दौर में सबसे पीड़ित चुनाव के बाद पत्रकारों को ही होना पड़ता है। आम जनता के सवालों का भी सामना पत्रकारों को ही करना पड़ता है , और असम्मानजनक परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है।
मतदाताओं के लिए वादे और रेवड़ियाँ सभी प्रत्याशी बाँटते हैं , लेकिन पत्रकार यहाँ भी फाँके में रह जाते हैं। जो ठेकेदार नहीं बन सके , वैसे पत्रकारों के पास सामान्य इलाज तक कराने की औकात नहीं होती , लेकिन सरकार और नेताओं को उनकी सुध तक लेने की ज़हमत नहीं होतीं।
पत्रकारों को भी चाहिए कि वे नेताओं की नहीं , आम जनता की बात लिखें कहें , लेकिन…..
न्यूज पॉकेट से सुनी चर्चा पर समीक्षा । कुछ लोगों की उपस्थिति भी असर डाल जाती है परिणामों पर।
ऐसे पत्रकारिता के तीन दशक क्रॉस कर गये हैं।
समाचार और खासकर समीक्षा के लिए कुछ स्थान पॉकेट होते हैं , इनमें एक हेयरकट दुकान भी है।
राजनीति और क्राइम की खबरों के लिए मैं चुराता सूचनाएँ अपने श्रवण से , और कोशिश करता हूँ रोचक प्रस्तूतन का।
खेर पत्रकारिता की विभिन्न विधाओं और न्यूज़ पॉकेट्स पर विस्तार से फिर कभी।
फ़िलवक्त ये प्रस्तुति —
जीत या हर वक़्त की गर्भ में है , लेकिन बाबुधन और नवनीत की उपस्थिति ही तय करेगा परिणाम।
रविवार को सेलून में सेभींग करवा रहा था। थोड़ी ही देर में एक पार्टी के दो महत्वपूर्ण कार्यकर्ता आये और अपनी बारी के इंतजार में बैठ गए। उनकी बातों को ध्यान से सुनने लगा। चुनावी दौर है, स्वाभाविक रूप से चर्चा भी उसी पर थी। चुनावी सभा तो थी नहीं , मंच भी नहीं था , इसलिए उन दोनों की चर्चा में ईमानदारी झलक रही थी।
भाजपा पाकुड़ सीट वर्तमान स्थिति में कभी जीत नहीं सकती , उनमें से एक ने कहा , दूसरे ने हामी भरते हुए कहा यार यहाँ डेमोग्राफी पूर्णतः चेंज हो गया है , लेकिन इससे पहले की स्थिति भी भाजपा के लिए पाकुड़ सीट कभी जितने लायक नहीं रही है।
चर्चा पाकुड़ पर आपसी सहमति के बाद लिट्टीपाड़ा सीट पर गई तो भाजपा के घोषित उम्मीदवार बाबुधन मुर्मू की प्रशंसा , जिला परिषद अध्यक्ष रहते उनके कार्यों, उसके बाद भी लगातार लिट्टीपाड़ा में हर परिस्थितियों में उनकी सकारात्मक सक्रियता आदि पर खूब चर्चा हुई। एक अच्छे उम्मीदवार के रूप में बाबुधन को उतारने पर पार्टी की तारीफ़ों के पूल बाँधे गये। झामुमो के उम्मीदवार जो अभी घोषित नहीं हुआ है पर चर्चा चलते हुए , लिट्टीपाड़ा के आदिवासी मतदाताओं का तीरधनुष चुनाव चिन्ह के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव की बातों तक पहुँची। कुल मिलाकर बाबुधन की तीरधनुष से टक्कर की बातों से होते हुए। महेशपुर के भाजपा प्रत्याशी पूर्व डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम तक पहुँची। डीएसपी रहने के दौर में उनकी मिलनसार प्रकृति , ईमानदारी और निष्पक्ष कार्यशैली पर खूब उदाहरणों के साथ उनकी बातों को मैंनें भी चटकारे ले कर सुना। नवनीत जी एक अच्छे इंसान तो हैं ही , लेकिन क्या राजनीति और मतदाता उन्हें आत्मसात कर पायेगा और ख़ुद नवनीत जी जैसे सीधे सादे इंसान क्या राजनीति के रास्तों को आत्मसात कर पाएँगे ?
कुल मिलाकर इतनी ईमानदार चर्चा को सुनने के दौरान मैंनें फरमाइशें कर अपना बिल तो बढ़ा लिया , लेकिन पाकुड़ सहित लिट्टीपाड़ा महेशपुर सीटों पर बागियों की उनदोनों की आशंकाओं ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि राजनीति में भी अच्छे इंसानों पर कहीं कहीं ईमानदार चर्चा तो होती है।
खैर लिट्टीपाड़ा और महेशपुर सीट पर बाबुधन मुर्मू और नवनीत हेम्ब्रम अपनी छाप तो ज़रूर छोड़ेंगे। ये जीतें या हारें यह वक़्त बताएगा , लेकिन इनकी उपस्थिति परिणाम पर असर जरूर डालेगा।
मुद्दे गर्म कर गठबंधन के नाम पर सीट छोड़ना कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं , रंग को भंग कर सकते हैं पिंकू शुक्ला और समर्थक।
चुनावी घोषणा के बाद , विभिन्न राजनैतिक पार्टियों की भी टिकटार्थी और उम्मीदवारों की भी पुष्ट अपुष्ट घोषणाएं आ और चुनावी चर्चे की हवा में गुम भी हो रही हैं।
राजनेताओं का जन्मसिद्ध अधिकार भी परम चरम पर है। पाले बैनर बदले जा रहे हैं, और बदलने की उम्मीद भी है।
इतनी बातें-नबातें-कुबातेँ और भीन्न बातें हैं कि लिखने में न चाहते हुए भी कई कई बार ” भी ” शब्द आ ही जा रहा है।
बंगलादेशी , भ्र्ष्टाचार आदि को मुद्दे बनाकर मैदान में जो पार्टी ताल ठोक रही थीं , उसमें गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे पर ज़्यादा असन्तोष नज़र आ रहा है। उधर एक तथाकथित अफ़वाह पर दुमका में एक ही पार्टी के दो गुटों के समर्थक आपस में भिड़ गए।
इधर पाकुड़ में डेमोग्राफी बदलने और घुसपैठ की बातों पर ताल ठोक गये राष्ट्रीय और बड़ी पार्टी के बड़े नेताओं ने पाकुड़ सीट आजसू को दे दिया की चर्चे पर ही लम्बे समय से भाजपा में असंतोष की बू सोसल मीडिया पर आ रही है।
बू नहीं महक कह लें , तो गठबंधन की इस सीट पर ये असन्तोष की महक कब बू बन जाय कहना मुश्किल है। भाजपा कार्यकर्ता ये गले नहीं उतार पा रहे कि इस सीट को बिना लड़े आजसू की झोली में डाल दी जाय।
चर्चा है कि पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष मुकेश शुक्ला उर्फ पिंकू शुक्ला निर्दलीय उम्मीदवार बन आजसू को उफ़ बोलवा दें। ऐसे जिलापरिषद उपाध्यक्ष के तौर पर किये गए उनके कार्यों को भाजपा के असंतुष्ट कार्यकर्ता अनदेखा नहीं कर सकते। इसलिए अगर शुक्ला जी बगावत कर गये , तो कमल के मतदाताओं के भी बगावत की उम्मीद सोसल मीडिया पर दिखती है। हाँलाकि ये सभी आशंकाए हैं, लेकिन ऐसी आशंकाए ही तो चुनावी मौसम मनोरंजन की माध्यम होतीं हैं।
ऐसे बागियों की संख्या कम होगी ऐसा नहीं है। पूरे जिले में तीनों विधानसभा क्षेत्र में कई पार्टियों को बागियों से निपटना होगा।
लेकिन बंगलादेशी घुसपैठ के मुद्दे को गर्म कर अगर भाजपा पाकुड़ सीट पर ही चुनाव न लड़े , तो सोसल मीडिया पर आ रही महक गठबंधन के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं दे रहा।
अभी चर्चा ये है कि पार्टी के अंदर सब सुलझा लिया जाएगा , लेकिन अगर बागियों ने नहीं माना तो गठबंधन का बना बनाया खेल बिगड़ सकता है।