Wednesday, March 12, 2025
Homeसमाचारअंगिका समाज ने होली मिलन सह सम्मान सभा का किया आयोजन।

अंगिका समाज ने होली मिलन सह सम्मान सभा का किया आयोजन।

अंगिका समाज अंग, पाकुड़ के तत्वावधान में अंगिका मिलन सह सम्मान समारोह – 2025 का महेन्द्र मिश्र, डाॅ. बिन्दुभूषण, राहुल कुमार, रमेश चन्द्र सिंह, सिताबी राय, भागीरथ तिवारी, डाॅ. मनोहर कुमार, कैलाश झा, संजय कुमार शुक्ला जी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।
स्वागत भाषण प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ तिवारी जी ने अपने सम्बोधन में समस्त आगन्तुकों का हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत कर अंगिका समाज के अतीत व वर्त्तमान पर विशेष चर्चा किये
। सचिव संजय कुमार शुक्ला ने अंगिका समाज में सत्र 2024-25 में अब तक के किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बोले कि अंगिका समाज के द्वारा नारायण सेवा, गरीब पांच कन्या की शादी मे सहयोग, अनाथालय में भोजन का सहयोग, स्वास्थ्य सहायता, योग कक्षाएं ,आदि कार्य किए गए । सेवानिवृत प्रधानाध्यापक महेन्द्र मिश्र ने सम्बोधन मे कहे कि अंग क्षेत्र का इतिहास अति प्राचीन है, बाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि त्रेता युग में अंग देश के राजा रोमपाद थे, जो राजा दशरथ के मित्र थे।
द्वापर में कृष्ण अवतार लिए, इस काल में दुर्योधन ने अपने मित्र कर्ण को अंग देश का राजा बनवाया था, अंग देश की राजधानी भागलपुर था ।भागलपुर का कर्ण गढ़ इसका प्रमाण है। सुपौल के समदा में भी कर्णगढ़ है।
डाॅ. बिन्दुभूषण ने सम्बोधन में कहे कि
7 वीं सदी में वामन जयादित्य द्वारा रचित ग्रन्थ “कोशिका वृत्ति” में उल्लेख है कि प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में एक अंग महाजनपद था और इसकी प्रचलित भाषा “आंगी” थी ।जो आगे जाकर अंगिका में परिणत हो गया , आज भी हमलोग अंगिका में ही बोलते हैं ।

रमेश चन्द्र सिंह, सेवानिवृत सिविल अभियन्ता ने अपने सम्बोधन में कहे
कि -बौद्ध ग्रन्थ “ललित विस्तार” में 64 लिपियों की सूची में अंग लिपियों की सूची में अंग लिपि चतुर्थ स्थान पर अंकित हैं । 16 महाजनपदों के मानचित्र में भी अंग देश अंकित हैं ।
राहुल कुमार जी ने कहा कि भाषा के आधार पर 1912 ईo में बंगाल से बिहार एवं उड़ीसा राज्य अलग हुआ। तत्कालीन गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिंग्स ने बिहार को चार जिलों में बांटा, जिसमें एक जिला भागलपुर था , जिसके अन्तर्गत अंग जनपद था । अंग क्षेत्र का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है।
उक्त अवसर पर भाजपा नेता हिसाबी राय ने कहा कि अंगिका क्षेत्र 1790 ई. में इस जिला के एक भाग का नाम जंगलतरी जो आज हमलोग संतालपरगना के नाम से जानते हैं, यहां मिदनापुर, बांकुड़ा, वीरभूम, एवं सिंहभूम से जनजातियों को लाकर बसाया गया, 1829 में भाषाई आधार पर चार प्रमंडल बनाए गए तो भागलपुर प्रमंडल के अन्तर्गत जंगली के इस भाग को संतालपरगना जिला बनाया गया । वर्तमान में अब यह स्वंय प्रमंडल है, इसके अन्तर्गत छ: जिले हैं ।आज पाकुड की पथरीली धरती पर अंगिका समाज का एकत्रीकरण मील का पत्थर साबित होगा ।
भाजपा नेता दुर्गा मराण्डी ने कहा कि अंग प्रदेश और अंगिका भाषा अत्यन्त प्राचीन है, वर्त्तमान में अंग क्षेत्र बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के विभिन्न प्रमंडल में फैला हुआ है ।
सेवानिवृत्त रेलवे गार्ड सिताबी राय ने कहा कि आइए अंगिका समाज को आगे बढ़ाने में पूरे मनोयोग से हमसब मिलकर काम करने का संकल्प लें, अंगिका समाज का सदस्य बनें , और अंगिका क्षेत्र की गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति, भाषा-परम्परा को समृद्ध-जीवंत बनाए रखने का सार्थक प्रयास करें ।
झारखंड प्रदेश अंगिका समाज ,रांची
अंगिका समाज अंग, जिला इकाई, पाकुड़ की जिला कार्यकारिणी समिति के निर्णय एवं सम्मान हेतु गठित चयन समिति द्वारा प्रस्तावित निम्नांकित सम्मान से अलंकरण हेतु उनसे सम्बन्धित महानुभावों के नामों का चयन किया गया था। जिन्हें आज भव्य अंगिका समाज “होली मिलन सह सम्मान समारोह के शुभावसर पर निम्न रुप से सम्मानित किया गया,

अंग गौरव रत्न सम्मान-2025
1. डाॅ. बिन्दूभूषण
2. श्री राहुल कुमार

अंग साहित्य सेवा भूषण सम्मान-2025
3. श्री महेन्द्र मिश्र- सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, श्यामनगर, पाकुड़
अंगिका सेवा रत्न सम्मान-2025
4. श्री रमेश चन्द्र सिंह- सेवानिवृत्त सिविल अभियन्ता, दुर्गा काॅलोनी,पाकुड़
5. श्री सिताबी राय- सेवानिवृत्त रेलवे गार्ड, रेलवे काॅलोनी,पाकुड़
6. श्रीमती रंजू ठाकुर सामाजिक, छोटी अलिगंज,पाकुड़
अंगिका कला रत्न सम्मान-2025

7. श्रीमती रुमा सिंह- कला के क्षेत्र में-,सिंहवाहिनी,राजा पाड़ा,पाकुड़

उपर्युक्त महानुभावों को शाॅल, मोमेंटो एवं सम्मान- पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
अध्यक्ष डाॅ. मनोहर कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन कर सम्मान समारोह के समापन कर होली मिलन समारोह के लिए कोषाध्यक्ष कैलाश झा को आमंत्रित किया,
कैलाश झा ने होली मिलन समारोह में गायन व वादन के लिए श्याम झा, अजय झा, राजीव झा, रमेश चन्द्र सिंह, संजय शुक्ला, मिथिलेश सिन्हा, नन्द किशोर सिन्हा, आदि उपस्थित महानुभावों ने होली गीत व वाद्य वादन एवं ढोलक की आवाज से होली मिलन समारोह को मनोरम बना दिया ।
कलाकृति केन्द्र, पाकुड की निदेशिका श्री मती रुमा सिंह के शिष्य तान्या सिंह के द्वारा अंग प्रदेश की गाथा पर नृत्य , अनु के द्वारा शिव ( होली नृत्य) गीत के बोल मशाने में होली, एवं नम्रता पाण्डेय के द्वारा होली गीत सिया चलली अवध की ओर पर नृत्य कर उपस्थित सबों का मन मोह लिया ।
सामूहिक राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया । कार्यक्रम के पश्चात सबों के लिए शुद्ध शाकाहारी होली से सम्बन्धित भोजन तैयार किया गया था, जिसे सबों ने बड़े चाव से खाया।
उपर्युक्त कार्यक्रम में अंगिका समाज सहित सभी समाज के दर्जनों गण्य-माण्य उपस्थित थे।

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments