तृतीया हर हिन्दू कलेंडर के माह में दो बार क्रमशः शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आते हैं। साधारणतया इस तिथि को महिलाएं शिवपूजन तथा अपने पति के लिए उपवास रखती हैं। लेकिनअक्षय तृतीया या वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। और इस दिन भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी की पूजा के साथ विष्णु के छठे अवतार Prshuram की भी पूजा करते हैं।
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माना जाता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैँ उनका अक्षय फल मिलता है। इस कारण इसे अक्षय तृतीया कहते हैँ। इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ और मांगलिक काम किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया में क्या करें- इस दिन कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। जैसे- विवाह, गृह-प्रवेश, जमीन-जायदाद खरीदना, वस्त्र-आभूषण खरीदना आदि। इस दिन सारा दिन शुभ मुहुर्त ही रहता है। इस दिन किए गए जप, तप और दान का कई गुणा अधिक फल मिलता है। इस दिन किया गया जप, तप, हवन और दान अक्षय हो जाता है। इस दिन गंगा स्नान जरूर करे। गंगा स्नान न कर पाने पर, स्नान के पानी मे एक चम्मच गंगाजल मिला दें।यह भी उपलब्ध न हो तो गोक्षरन अर्क एक बूँद मिला कर स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
शुभ-मुहूर्त-:
अक्षय तृतीया 3 मई 2022
अक्षय तृतीया प्रारंभ 3 मई को सुबह 5:18 से
अक्षय तृतीया तिथि समाप्त 4 मई 2022 को सुबह 7:32 बजे तक
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त सुबह 5:39 बजे से 12:18 तक
सोना खरीदने का शुभ समय – 05:38 से 6:15 तक
रोहिणी नक्षत्र 3 मई सुबह 12:33 से 4 मई को सुबह 3:19 तक
पूजा विधि-:
घर के मंदिर में ईशान कोण में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान लक्ष्मीनारायण के की मूर्ति स्थापित कर विधिवत पूजन करें कांसे, सोने , चांदी या मिट्टी के दिये में गाय के घी का दीपक जलाएं,सुगंधित धूप जलाए,गोलोचन से तिलक करें, अक्षत,रोली,सिंदूर,इत्र,अबीर गुलाल आदि 16 चीजों से देवी का षोडशोपचार पूजन करें फिर भगवान लक्ष्मी-नारायण को चावल की खीर का भोग लगाकर भोग को प्रसाद के रुप में बांटे।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप 108 बार करें मंत्र
जो व्यक्ति दीक्षित हैं, वे लक्ष्मीनारायणायय के बीज मन्त्रों का जप करें। बीज मंत्र सभी जगह नही बताए या लिखे जाने की परंपरा नहीं है। अपने गुरु या पुरोहित से पूछकर जान लें।
या फिर सभी लोग ॐ लक्ष्मीनारायणायय नमः का जप करें।
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पूजन में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
मां लक्ष्मी की तस्वीर पर सुहाग का सामान अर्पण करें। घर के मंदिर में मां लक्ष्मी के पास 11 गोमती चक्र रखें। लक्ष्मी जी के चाँदी के चरण पादुका मंदिर में रखे। दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें और साथ ही दूध दही अर्पण करें। इस दिन दान करने के लिए बहुत ही खास दिन माना जाता है। चावलों की खीर बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाकर प्रसाद में बांटे।
अक्षय तृतीया के दिन करें यह दान
गौ ,भूमि,तिल ,स्वर्ण,घी ,वस्त्र,धान्य गुड़,चांदी नमक,शहद ,मटकी,
खरबूजा एवं कन्या दान
क्या करे , क्या न करें
अक्षय तृतीया को उपवास करें। पूरा दिन न कर पाएं तो एक बार ही खाएं। भोजन में नमक का उपयोग न करें।
सात्विक चिंतन-मनन करें। किसी का बुरा न सोचें, चाहें तथा न करें। ब्रम्हचर्य का पालन करें तथा मिथ्यावादन कदापि न करें।