शहर , नगर , गाँव , रास्ते , दुकान या कहीं और कोई अपराध हो जाता है तो आम आदमी सबसे पहले पुलिस को कोसता है। लेकिन जब यही पुलिस किसी असम्भव से लगने वाले अपराध का उद्भेदन करती है , तो बहुत कम लोग पुलिस की सराहना करते हैं।
पुलिस के पास कोई आम आदमी से ज़्यादा कुछ होता है तो सरकारी पावर और वर्दी।
हाँ ये वर्दी जो है , उसका ख़ौफ अपराधियों में ऐसा होता है, कि अगर किसी चौराहे पर एक वर्दी पहने चौकीदार भी खड़ा हो तो सौ अपराधी भी अपना रास्ता बदल लेते हैं।
पाकुड़ में पिछले दिनों चेन और कंगन उड़ाने के ऐसे अपराध हुए , कि आम लोगों की चैन और नींद गायब हो गई।
पाकुड़ पुलिस ने उन अंतर्राज्यीय अपराधियों को ट्रेस कर दूसरे राज्य से धर दबोचा। फिर मुख्य सड़क से और थाने से फलाँग भर की दूरी से दो स्कार्पियो गाड़ी लेकर अपराधी चलते बने। सी सी टी भी में अपराध के वीडियो देख आम लोगों को ऐसा लगा कि पाकुड़ में ये क्या हो रहा है !
अपराधियों ने अपराध कर हमारे जांबाज पहरेदारों को चुनौती दी , जवाब भी अपराधियों को जोरदार मिला , वो भी चंद दिनों में—-
पुलिस की टीम ने इन्हें भी चोरी गये गाड़ियों के साथ बिहार से धर दबोचा। पूरी टीम इसके लिए सराहना के पात्र हैं।
कई घटनाएं इन दिनों पाकुड़ में ऐसी हुईं , जिनपर पुलिस की त्वरित कार्यवाही सराहनीय रही। लेकिन सराहना करने में लोगों ने थोड़ी कंजूसी दिखाई , जबकि किसी अप्रिय घटना की जवाबदेही तय करने में जल्दबाजी दिखती है।
हाँ कुछ बातें हैं जो पुलिस पर सवाल उठाते हैं, लेकिन सफल करवाई पर एक आध लोगों को छोड़ पुलिस की सराहना में कंजूसी ही दिखाते हैं।
ये जो वर्दी के अंदर हाड़ माँस का एक पुतला नुमा आपको दिखता है न , ये हमारे समाज का एक ऐसा तपस्वी होता है, जो चाह कर भी त्यौहारों में अपने बच्चों और परिवार से दूर हमारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। वे अपनी खुशियाँ भी अपनों से नहीं बाँट पाते।
अगर हम-आप त्योहारों में मिलकर खुशियाँ मनाएं , तो ये वर्दी वाला भी अपने परिवार के साथ साथ खुशियाँ मनाए।
लेकिन हम तो इंसान बाद में हैं , पहले जात पात में फिर सम्प्रदाय में बंटे हैं।
खैर तारीख़ें जो हमें नहीं समझा न सकीं , उसपर लिखना ही बेकार है। छोड़िए इन बातों को। है न ?
लेकिन पुलिस जो हमारे घर और समाज का ही एक इंसान है , और कानून का हाथ है , उनकी सफलता पर खुलकर सराहना कीजिए। जैसे अख़बार में पुलिस की सफलता की ये ख़बर लहराई है , वैसे ही लहराकर तारीफ़ पाकुड़ पुलिस टीम की होनी चाहिए।
मैं वसुलदारों की नहीं , इन अपराधियों को अपनी औकात और सही ठिकाने पर में लाने वाले पहरेदारों की टीम को एक सेल्यूट देने की बात कह रहा हूँ।
जय हिंद❤️
बहुत सुंदर रिपोर्टिंग आभार
अशेष धन्यवाद
आभार🙏