Tuesday, December 30, 2025
Homeसमाचारपाकुड़ कल्याण विभाग में 12.38 करोड़ का महाघोटाला उजागर, विभागीय कर्मियों–ठेकेदारों पर...

पाकुड़ कल्याण विभाग में 12.38 करोड़ का महाघोटाला उजागर, विभागीय कर्मियों–ठेकेदारों पर एफआईआर।

पाकुड़ जिले के कल्याण विभाग में करोड़ों के महाघोटाले का खुलासा हुआ है। कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार एक्का ने नगर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि विभाग के ही कुछ कर्मियों ने मिलीभगत कर खाता संख्या 11440445629 से 12 करोड़ 38 लाख 66 हजार रुपये की अवैध निकासी की है।

बैंक में संदिग्ध हस्ताक्षर से खुला मामला

8 दिसंबर को एसबीआई बाजार शाखा के प्रबंधक अभिनव कुमार ने कल्याण पदाधिकारी को फोन कर बताया कि उनके द्वारा भेजे गए एडवाइस में किया गया हस्ताक्षर बैंक में संग्रहीत हस्ताक्षर से मेल नहीं खा रहा है। प्रबंधक ने यह भी बताया कि एडवाइस लेकर बैंक पहुंचा कर्मचारी अक्षय रविदास संदिग्ध लग रहा था। हस्ताक्षर संदिग्ध पाए जाने के तुरंत बाद विभाग का कंप्यूटर ऑपरेटर सूरज कुमार केवट और फिर कार्यालय अधीक्षक मानवेंद्र झा बैंक पहुंचे। अधीक्षक एडवाइस को अपने साथ ले गए और ‘दूसरा एडवाइस लाने’ की बात कहकर निकल गए। इधर शाखा प्रबंधक लगातार पदाधिकारी से संपर्क में थे, जबकि झा ने बैंक कर्मियों से कहा कि पदाधिकारी आवास चले गए हैं। इससे बैंक प्रबंधक का शक और बढ़ गया।

कर्मियों ने एडवाइस फाड़ डाला

कल्याण पदाधिकारी ने जब इस मामले में कर्मियों से सख्ती से पूछताछ की, तो लगभग 15 घंटे बाद कंप्यूटर ऑपरेटर सूरज कुमार ने कबूल किया कि संदिग्ध एडवाइस को फाड़कर नष्ट कर दिया गया है।

विवरणी जांच में सामने आया करोड़ों का खेल

इसके बाद बैंक से 1 फरवरी 2025 से अब तक के खाते का पूरा विवरण मंगाया गया। इसकी जांच विभाग के कर्मचारियों राकेश रंजन सोरेन, मोहम्मद तहसीन और मोहम्मद ईर्तिका द्वारा की गई।
जांच में पाया गया कि कई एडवाइस में दर्ज पत्र संख्या, तिथि और निर्गत पंजी आपस में मेल नहीं खाते। इसी आधार पर 12.38 करोड़ रुपये के गबन की पुष्टि हुई।

पुराने कार्यकाल पर भी संदेह

एफआईआर में यह भी दर्ज है कि 1 फरवरी से पहले, तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मण हरिजन के कार्यकाल में भी इसी तरह की फर्जी निकासी के संकेत मिले हैं। बैंक द्वारा भेजे गए 74 एडवाइस में से 7 एडवाइस ऐसे हैं, जिनकी तिथि और पंजी मिलान नहीं खाती। इसके अलावा आरोपी अक्षय रविदास को 4 दिसंबर को ही अनुसूचित जनजाति विद्यालय, डुमरचिर में विरमित कर दिया गया था, फिर भी वह 8 दिसंबर को एडवाइस लेकर बैंक पहुंचा—जिससे बड़े घोटाले की पुष्टि होती है। कल्याण पदाधिकारी ने कहा है कि एसबीआई अधिकारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला

सोची-समझी साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपये निकालने के आरोप में निम्नलिखित व्यक्तियों पर कांड संख्या 319/25, बीएनएस की धारा 316(4), 316(5), 318(4), 336(3), 338, 61(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है— कार्यालय अधीक्षक, मानवेंद्र झा, कंप्यूटर ऑपरेटर, सूरज कुमार केवट, अनुसेवक अक्षय रविदास, अन्य खाताधारी/लाभुक/फर्म,
मुकेश कुमार, मिथु कुमार झा, मिंटू कुमार मिश्रा, शिव इंटरप्राइजेज, विप्लव साहा, वीणा देवी, निरंजन कुमार मिश्रा, पूर्णिमा कुमारी, पूजा कुमारी, प्रीतम कुमार झा, प्रदीप कुमार झा, प्रताप रविदास, मनीषा मुर्मू, ज्ञानी देवी, राजेश कुमार दास, संगीता कुमारी, साहा इंटरप्राइजेज, चंदा देवी, अरुण कुमार गुप्ता, अमित कुमार अमर, आदित्य कुमार कश्यप, गौरव कुमार और लालू भास्कर। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और आगे की कार्रवाई जारी है।

Comment box में अपनी राय अवश्य दे....

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments