Saturday, October 18, 2025
Home Blog Page 5

पाकुड़ में खाश जगह बिना किसी डर के बिकता है सरकारी दर पर खरीदे तेल अवैध रूप से ज़्यादा दर पर , अंधेर पर होता है अंधेर।

पिछले दिनों दो हड़ताल (बंद ) से हम रुबरु हुए। इलेक्शन कमीशन के विरुद्ध बिहार बंद और पाकुड़ में भाड़ा बढ़ाने को लेकर कम्पनियों के विरुद्ध डम्फर मालिकों के चक्का बंद। बिहार बंद के कारणों पर तो सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई , लेकिन पाकुड़ में डम्फर मालिकों की सुनवाई फ़िलवक्त टल गई। एक बात जो ग़ज़ब की खुलकर पाकुड़ में सामने आई , कि सरकारी रेट पर खरीदी गई तेल डम्फर मालिकों को ज्यादा रेट पर दी जाती है , और इसपर खुलकर डम्फर मालिक न तो बोल सकते और न ही हम जैसे पत्रकार लिख सकते। अगर ऐसा हुआ तो खैर नहीं।
कहीं कोई संवेदना नहीं , और न ही कोई इंसानियत की कोई मिसाल।
आज एक मित्र के वॉल पर एक कहानी पढ़ी। सारांश था प्रकृति बोलती है , सिर्फ़ उसे सुनने की संवेदना होनी चाहिए और अनुरूप प्रतिक्रिया की मंशा। लेकिन यहाँ पाकुड़ में इसका घोर अभाव है।
खैर पहले आप भी उस कहानी से रुबरु हो जाइये। मैं हूबहू उसे आपके लिए यहाँ परोस रहा हूँ।

2009 में, मशहूर इतालवी फ्रीडाइवर एन्ज़ो मायोर्का अपनी बेटी रॉसाना के साथ सायराक्यूज़ के तट पर गोता लगा रहे थे, जब कुछ असाधारण घटित हुआ।

जैसे ही वे नीले समुद्र में नीचे जा रहे थे, एन्ज़ो को अपनी पीठ पर एक हल्का सा धक्का महसूस हुआ। जब उन्होंने पलटकर देखा, तो सामने एक डॉल्फ़िन थी — लेकिन वह खेलने नहीं आई थी, बल्कि मदद माँग रही थी।

वह डॉल्फ़िन नीचे की ओर तैर गई, और एन्ज़ो उसके पीछे-पीछे चले गए। करीब 15 मीटर की गहराई पर, उन्होंने देखा कि एक दूसरी डॉल्फ़िन एक छोड़े हुए मछली पकड़ने के जाल में फँसी हुई है। बिना कोई देरी किए, एन्ज़ो ने अपनी बेटी से चाकू माँगा और सावधानीपूर्वक उस जाल को काटकर डॉल्फ़िन को आज़ाद कर दिया।

जैसे ही वह डॉल्फ़िन आज़ाद हुई, उसने एक ऐसी आवाज़ निकाली जिसे एन्ज़ो ने बाद में “लगभग इंसानी चीख़” की तरह बताया।

जब डॉल्फ़िन सतह पर पहुँची, तो पता चला कि वह एक गर्भवती मादा थी — और कुछ ही पलों में उसने खुले समुद्र में बच्चे को जन्म दे दिया।

वह नर डॉल्फ़िन जो साथ था, उस दृश्य के चारों ओर चक्कर लगाने लगा, फिर धीरे से एन्ज़ो के पास आया, अपनी नाक से उनके गाल को छुआ — जैसे एक चुंबन — और फिर अपने नए परिवार के साथ गहराइयों में विलीन हो गया।

बाद में एन्ज़ो ने कहा:

“जब तक इंसान प्रकृति की इज़्ज़त करना और उससे संवाद करना नहीं सीखता, वह इस धरती पर अपने असली स्थान को कभी नहीं समझ पाएगा।”

यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति बोलती है — बस ज़रूरत है उसे सुनने की।🙏🏽

कैसी लगी ? आशा है अच्छी लगी होगी। लेकिन यहाँ डम्फर मालिक सभी सिर्फ़ एक जाल में नहीं , बल्कि किश्तों और मेंटेनेंस तथा कोयला चोरी सहित समय की मार के कारण कम बहुत कम त्रिपों के जाल में भी फँसे हैं , लेकिन उनकी चीत्कार और मौन कराह किसी को नहीं दिखती। यहाँ ” एन्जो ” की मानसिकता नहीं दिखती , और नहीं दिखती सम्वेदना की झलक। वरना क्या ऐसी मानसिकता कम सरकारी दर पर तेल खरीद कर अवैध रूप से ज़्यादा दर पर बेचकर आपराधिक कुकृत्य को बिना किसी संवेधानिक डर के अनवरत जारी रखती ?
और डरे भी तो किससे ! ” जब साईंयां ही कोतवाल हो ” तो डर कैसा ? # @ED और @CBI वाले भैया आप पर ही एक अंतिम आशा है।

पूर्व रेलवे महाप्रबंधक का पाकुड़ दौरा, किया बृक्षारोपण।

पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर कर अपने एक दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के तहत अपने लिए समय पर विशेष निरीक्षण यान से पाकुड़ पहुंचे।उनके साथ हावड़ा मंडल के रेल प्रबंधक संजीव कुमार उप महाप्रबंधक वेद प्रकाश तथा मुख्य परिचालन प्रबंधक पूर्व रेलवे सौमित्रो विश्वास कोलकाता सहित हावड़ा मंडल एवं क्षेत्रीय रेल मुख्यालय कोलकाता के सभी प्रमुख का अधिकारीगण मौजूद थे।
पाकुड़ आगमन पर ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन हावड़ा मंडल के अध्यक्ष हिसाबी राय नेतृत्व में महाप्रबंधक पूर्व कोलकाता तथा मंडल रेल प्रबंधक पूर्व रेलवे हावड़ा को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र प्रदान कर तथा पुष्प कुछ देकर उनका जोरदार स्वागत किया गया, स्वागत करने में ईजरप्पा के सचिव राणा शुक्ला निवर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष सम्पा साहा,सह सचिव अनिकेत गोस्वामी,सामाजिक कार्यकर्ता शिलादित्य मुखर्जी,सुशील साहा मौजूद थे।तदोपरांत महाप्रबंधक द्वारा रेलवे स्टेशन परिसर स्थित बगीचा में एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण किया, उसके बाद उनके द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रेलवे स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया।

फेस की बच्चियों ने प्रस्तुत की प्रतिमाओं का विभिन्न सुनहरा सम्मिश्रण , मंत्रमुग्ध हुए अतिथि और आगन्तुक।

फेस की बच्चियों ने दिखाई प्रतिभा, विज्ञान प्रदर्शनी, नाटक का मंचन व नृत्य गायन से किया मंत्रमुग्ध

हौंसला, लगन, अनुशासन से मिलती है कामयाबी, अच्छी संगत भी जरूरी- डीसी

पाकुड़ में फेस संस्था की ओर से बालिका शिक्षण केंद्र की छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से गुरुवार को शहरकोल में समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित समारोह का नाम आगाज दिया गया। पूरे कार्यक्रम में बच्चियों को उच्च शिक्षा हासिल करने और उज्जवल भविष्य के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके लिए हौंसला, मेहनत अनुशासन और अच्छी संगत पर विशेष रूप से जोर दिया गया। आई इंपैक्ट संस्था के माध्यम से अजीम प्रेमजी फिलैंथ्रोपिक इनिशिएटिव के द्वारा प्रायोजित बालिका शिक्षक परियोजना के तहत कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त मनीष कुमार, डीडीसी महेश कुमार संथालिया, समाजसेवी लुत्फल हक, डीएवी के प्राचार्य डॉ विश्वजीत चक्रवर्ती, आई इम्पैक्ट की प्रीति मुंजाल तथा फेस की सचिव रितु पांडेय ने शिक्षण केंद्र की बच्ची संग संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उपायुक्त मनीष कुमार ने फेस के कार्यों की खुलकर प्रशंसा की और बच्चियों को उज्जवल भविष्य के लिए प्रेरित किया। उपायुक्त मनीष कुमार ने बच्चियों को प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से खुद को तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उपायुक्त ने बच्चियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए खुद को मजबूती से तैयार करना होगा। अपने बेहतर भविष्य के लिए लगन और हौंसला के साथ अनुशासन जरूरी है। इसके साथ-साथ आपकी संगति भी आपके भविष्य को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि संगति का प्रभाव मानव जीवन पर बहुत गहरा होता है। अच्छी संगति व्यक्ति को महान बनाती है। जबकि बुरी संगति उसका पतन करती है। अच्छी संगति व्यक्ति को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करती है। जिससे उसका व्यक्तित्व निखरता है। अच्छे लोगों के साथ रहने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है और वह हमेशा कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित होता है। अच्छी संगति व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती है, क्योंकि वह हमेशा सही मार्गदर्शन और प्रेरणा प्राप्त करता है। अच्छी संगति व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा करती है और उसे कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देती है।

पेड़ लगाने के लिए किया प्रेरित

उपायुक्त मनीष कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद सभी से पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मां के नाम एक पेड़ के स्लोगन को दोहराते हुए बेटी के नाम एक पेड़ लगाने का भी आग्रह किया। उपायुक्त ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम लगाएं, जिन्होंने आपको छांव दिया और एक पेड़ बेटी के नाम लगाएं, जिन्हें आप छांव देना चाहते हैं। आयोजित कार्यक्रम को डीडीसी महेश कुमार संथालिया ने भी संबोधित किया और बच्चियों को आशीर्वाद दिया।

अच्छी शिक्षा को आधार बनाकर उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना मुख्य उद्देश्य- रितु पांडेय

आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फेस संस्था की सचिव रितु पांडेय ने कहा कि बच्चियों को अच्छी शिक्षा का आधार देकर उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना फेस संस्था का लक्ष्य रहा है। इस लक्ष्य को धीरे-धीरे हासिल भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के महत्व को समाज और समुदाय समझ रही है और यही हमारी उपलब्धि है। फेस आगे भी इस प्रयास को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि फेस के द्वारा आई इंपैक्ट तथा एपीपीआई के सहयोग से बालिका शिक्षा परियोजना का सफर साल 2014 से शुरू हुआ था। पाकुड़ जैसे पिछड़े जिले के लिए बालिका शिक्षा एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन फेस ने उन सारी चुनौतियों को स्वीकारा और लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ता गया।

अतिथियों का भव्य स्वागत, किया गया सम्मानित

अतिथि उपायुक्त मनीष कुमार, डीडीसी महेश कुमार संथालिया, समाजसेवी लुत्फल हक, डीएवी के प्राचार्य डॉ विश्वजीत चक्रवर्ती, आई इम्पैक्ट की प्रीति मुंजाल का भव्य स्वागत किया गया। अतिथियों के स्वागत में बच्चियों ने नृत्य व गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद फेस की सचिव रितु पांडेय ने सभी अतिथियों को मोमेंटो, गुलदस्ता व उपहार के साथ शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

बच्चियों ने लगाया विज्ञान प्रदर्शनी

आयोजित कार्यक्रम में फेस के द्वारा संचालित 19 शिक्षण केंद्र की छात्राओं ने विज्ञान प्रदर्शनी लगाया। अलग-अलग स्टॉल में छात्राओं ने विज्ञान एवं गणित के ज्ञानवर्धक मॉडल का प्रदर्शनी लगाया। इनमें जल चक्र, पवन चक्की, जल परिशोध, प्रदूषण सहित विभिन्न मॉडल का प्रदर्शनी शामिल था।

उपायुक्त ने प्रदर्शनी का किया अवलोकन

उपायुक्त मनीष कुमार ने छात्रों के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने छात्राओं से अपने निर्मित मॉडल के बारे में जानकारी ली। जिसका छात्राओं ने बेहद ही आत्मविश्वास के साथ उपायुक्त को मॉडल के बारे में बताया। जिससे उपायुक्त मनीष कुमार काफी प्रभावित हुए और छात्राओं की प्रशंसा की।

नाटक का मंचन व नृत्य गायन से छात्राओं ने किया मंत्रमुग्ध

आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं ने बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर नाटक का मंचन कर अतिथि और मौजूद तमाम दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं छात्राओं ने नृत्य और गायन की प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान छात्राओं ने नाटक के जरिए समाज में बाल विवाह के दुष्परिणाम और उसे रोकने का संदेश दिया। नृत्य और गायन के जरिए शांत और स्वच्छ वातावरण का पैगाम भी दिया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में इन्होंने निभाई अहम भूमिका

आयोजित कार्यक्रम के सफल संचालन में स्वयं फेस की सचिव रितु पांडेय काफी सक्रिय दिखी। उनके साथ टीम में शामिल महबूब आलम, अशोक मंडल, शहादत हुसैन, मो. रिजवान, देवज्योति बनर्जी, अजीजुर रहमान आदि ने अहम भूमिका निभाया। प्रिया कुमारी एवं हिना ने मंच का बेबाक अंदाज में संचालन किया।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुनी मन की बात।

आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम का 123 वां संस्करण को पाकुड़ जिले के बूथों पर कार्यकर्त्ताओं ने सामूहिक रूप से सुना। भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने पाकुड़ विधानसभा के बूथ संख्या 162 में सुना। इस कार्यक्रम को जिला महामंत्री रूपेश भगत, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, विजय भगत, राजेंद्र शेखर सिंह, अनिता मुर्मू, सरिता मुर्मू, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सम्पा साहा, हिसाबी राय, राणा शुक्ला , संदीप भगत सहित पाकुड़ नगर अध्यक्ष सोहन मंडल, बीचामहल मंडल अध्यक्ष धनेश्वर साह, गंधाईपुर मंडल अध्यक्ष मनोरंजन सरकार,दादपुर मंडल अध्यक्ष सुशांत घोष, नबीनगर मंडल अध्यक्ष मानसा तुरी,हिरणपुर मंडल अध्यक्ष सुकुमार मंडल, आमड़ापाड़ा मंडल अध्यक्ष आशीष हेंब्रम ,पाकुरिया मंडल अध्यक्ष विजय भगत, बीरकिट्टी मंडल अध्यक्ष फूल बाबू कोड़ा,महेशपुर मंडल अध्यक्ष सुखेन घोष, कैराछतर मंडल अध्यक्ष गौतम पाल के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने बूथों पर सुना साथ ही पाकुड़ रेलवे स्टेशन परिसर स्थित ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के साथ मोदी जी के मन की बात का 123 वां संस्करण भाजपा के वरिष्ठ नेता हिसाबी राय ने सुना।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आपातकाल का समय याद कर इसकी आलोचना की और कहा कि इमरजेंसी के समय लड़ने वाले लोगों को याद रखा जाना चाहिए। इस बीच सेहत पर बात करते हुए उन्होंने खाने में 10 फीसदी तक तेल कम करने की बात दोहराई और लोगों से स्वदेशी सामान खरीदने की अपील भी की।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा, “धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसर का महाअनुष्ठान होती हैं। जितने लोग यात्रा में जाते हैं, उससे ज्यादा लोग उनकी सेवा में जुट जाते हैं। लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हुई है। हिंदू, बौद्ध, जैन परंपरा में कैलाश को श्रद्धा का केंद्र माना गया है। जब कोई तीर्थयात्रा पर जाता है तो एक भाव मन में आता है, चलो बुलावा आया है।” यही भाव हमारी धार्मिक यात्राओं की आत्मा है। ये यात्राएं शरीर के अनुशासन का, मन की शुद्धि का, आपसी प्रेम और मंच भाईचारे के साथ-साथ प्रभु से जुड़ने का माध्य है।
उन्होंने ये भी बताया, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ यानी WHO ने भारत को Trachoma free घोषित कर दिया है। अब भारत Trachoma मुक्त देश बन चुका है। ये उन लाखों लोगों की मेहनत का फल है, जिन्होंने बिना थके, बिना रुके, इस बीमारी से लड़ाई लड़ी। ये सफलता हमारे हेल्थ वर्कर्स की है।
इमरजेंसी के दौर को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने आगे कहा, अभी इंटरनेशनल लेबल ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट आई है। इसमें सामने आया है कि देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं। इन सफलताओं ने एक विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में भारत और सशक्त होगा। जनभागीदारी से देश और आगे बढ़ रहा है।

चेन स्नेचिंग करने वाले अपराधी जान लें , पाकुड़ जेल आपके स्वागत के लिए तैयार है। महिलाएं आस्था की भीड़ में ज़ेवरात पहनने से करें पहरेज।

पाकुड़ में ऐतिहासिक रथ मेला पूरे देश के साथ शुक्रवार को मनाया गया। मेला ऐतिहासिक था , तो स्वाभाविक रूप से सभी परम्पराओं का पालन करते हुए यात्रा निकाली गई। पुलिस बल , प्रशासन सभी मुसतेदी से थे।
रथयात्रा बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
लेकिन एक नई अप्रिय परम्परा की शुरुआत हो गई। हाँलाकि यह छोटे रूप में एक वर्ष पहले ही हो गई थी , पर एक सामान्य घटना के नाते इसे उस समय गम्भीरता से नहीं लिया गया था , लेकिन अपराधी तो पहले एक प्रयोग करते हैं और फिर उसपर अपनी योजना बनाकर बड़े अपराध को अंजाम देते हैं ।
एक महिला रथ के पास प्रणाम कर रही थी , उसके गले में 26 ग्राम का सोने का चेन था , उसके पीछे एक महिला खड़ी थी। महिला के साथ एक पुरूष भी था। उस पुरूष ने प्रणाम करती महिला का चेन बड़ी सफाई से काट दिया , जब तक पुरूष के साथ वाली महिला चेन पर हाथ साफ़ करती , तब तक प्रणाम करती महिला की बेटी ने माँ के गले से चेन फिसलते देखा , और चेन बच गया। किसी को कुछ समझ में नहीं आया बात आई गई हो गई।
लेकिन जैसे ही यात्रा सम्पन्न हुई थाने में लगभग आधे दर्जन महिलाओं ने अपने अपने चेन गायब होने की सूचना दी। लो एन्ड ऑर्डर सम्भालने वाली पुलिस की महिलाओं की चेन गायब होने वाली घटनाओं की शिकायत पर चैन गायब हो गई। पूरा पाकुड़ पुलिस के साथ साथ इस तरह की अप्रत्याशित घटना से बेचैन हो गई।
हाँलाकि एक महिला इस घटना में पकड़ी गई , लेकिन राजापाड़ा से चली यात्रा के दौरान पूरे रास्ते इस तरह की कई घटनाओं से सभी अचंभित रह गए। इन घटनाओं के बाबत ये तो स्पस्ट हो रहा है कि रथ यात्रा की भीड़ में महिला और पुरूष का कोई ऐसा गैंग था , जो सफाई से चेन पुलिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। एक महिला के बैग पर ब्लेड चलाकर मोबाईल और पैसे ग़ायब करने की भी सूचना है। मतलब साफ़ है कि शातिर अपराधियों की गैंग थीं।
#kundan all poyent न्यूज के माध्यम से कई वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहे हैं , जो सन्देहास्पद लोगों को दिखा रहा है , पुलिस विभिन्न वीडियो को खंगाल रही है। एस पी निधि द्विवेदी ने भी पूरे मामले के उद्भेदन का कड़ा निर्देश दे रखा है।
पूरे यात्रा के दौरान पुलिस पूरी तरह मुस्तेद थी। पुलिस की इतनी बड़ी संख्या में मुस्तेदी के बाद भी अपराधियों की मुस्तेदी , उनके शातिर होने का प्रमाण है , लेकिन पाकुड़ पुलिस से बच कर निकलना मुश्किल है। उदभेदन तो होगा ही। उधर मेले में जाली नोट से खरीदारी करती दो महिलाओं में एक भी पुलिस के हत्थे चढ़ी है। सब मामले सुलझ जाएँगे।
लेकिन पाकुड़ की आम जनता और महिलाओं से निवेदन होगा कि आस्था की भीड़ वाले जगहों पर जेवरात पहन जाने से पहरेज करें। वहाँ पुलिस तो होतीं हैं लेकिन उन्हें भीड़ संभालने और लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखने की चुनौती भी होती है। यह एक अपनी आस्था को निर्बाध और सुरक्षित तरीके से एकाग्रता के साथ अर्पित करने की विनम्र सलाह है। फिर उल्टा रथ आ रहा है , अपना और अपने सामान का ध्यान रखें।
और चेन पुलिंग कर पाकुड़ को बेचैन करने वाले अपराधियो बहुत जल्द आप सभी पुलिस की गिरफ्त में होंगे , जेल में रहने के लिए सामान समेट लें।

सरकार की नशे पर दोहरी नीति से माननीय गुरूजी भी होंगे असहमत। नशे के विरुद्ध संघर्ष में शिबू सोरेन रहे हैं उदाहरण।

*हेमंत सरकार भी गजबे है!एक ओर शराब दुकान पंचायत में खोल रही दूसरे तरफ नशा के खिलाफ अभियान में करोड़ों रूपये खर्च कर रही:आजसू जिलाध्यक्ष आलमगीर*

*झारखंड सरकार नशा मुक्ति के लिए करोड़ो खर्च कर रही है, दूसरे तरह शराब दुकान खोलने में व्यस्त है:आलमगीर आलम*

पाकुड़: झारखंड में हेमंत सरकार का दो ऐसा निर्णय अपने आप में उलझा हुआ है. एक ओर राज्य सरकार नशा के खिलाफ अभियान चला रही है. तो दूसरी ओर नई शराब नीति बना कर गाँव में शराब दुकान खोलने की तैयारी कर रही है. ऐसे में अब चर्चा और सवाल दोनों उठने लगा. आखिर जब शराब दुकान बढ़ेगी तो जाहिर है कि झारखंड में शराबियों की संख्या भी बढ़ेगी. तो फिर ये *हेमंत सरकार* नशा के खिलाफ अभियान क्यों चला रही है. नशा तो हर तरह से खराब होता है. चाहे शराब हो या धूम्रपान या तंबाकू सभी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह बातें *आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम* ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी।
सबसे पहले बात शराब नीति की करेंगे. इसमें क्या बदलाव होने वाला है और क्या कुछ नया है. पहले एक प्रखण्ड में एक या दो शराब की दुकान होती थी. लेकिन नई शराब नीति के तहत पंचायत स्तर तक शराब दुकान खोलने की योजना है. इसके अलावा नई शराब नीति के तहत रात 11 बजे तक शराब दुकान खुलेगी.साथ ही दुकान में ही शराब पीने की व्यवस्था होगी. जिससे बिक्री बढ़े और राजस्व में बढ़ोतरी हो सके.
*आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम* ने कहा कि
दूसरी ओर इसी हेमंत सरकार के द्वारा नशा के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.यह किसी भी राज्य सरकार के लिए अच्छी बात है. नशा हर तरह का खराब होता है. चाहे शराब हो या तंबाकू. लेकिन इस नशे के खिलाफ अभियान पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है कि आखिर सरकार करना क्या चाह रही है.पहले शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए दुकान बढ़ा रही है. दूरी तरफ नशा के खिलाफ अभियान चला कर जागरूक कर रही है. इसपर भी करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे है. अखबार से लेकर न्यूज चैनल और शहर में बड़े बड़े होर्डिंग लगा कर नशा को ना कहने के लिए कहा जा रहा है.
*आजसू जिलाध्यक्ष आलमगीर आलम* ने कहा कि शराब को भी झारखंड में बैन कर दे. आखिर तंबाकू और धूम्रपान पर रोक और शराब का ठेका रात 11 बजे तक खोल कर शराब पिलाना यह समझ से बाहर की बात है. कई लोगों ने तो कहा कि जागरूकता के नाम पर करोड़ों का खेल खेला गया है और कुछ नहीं है. सरकार की नीति ही साफ नहीं है कि करना क्या है।
इस प्रेस विज्ञप्ति के बावत उन्होंने फोन पर कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन अभी बीमार हैं , मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। उनका पूरा जीवन संघर्ष का रहा । आदिवासी सहित पूरे समाज में नशा के विरुद्ध जन जागरण के प्रति वे सक्रिय रहे। उन्हें भी सरकार की इस नीति से निराशा तथा असहमति होगी।

जिलेटिन तो जप्त हो गया, डेटोनेटर कहाँ छूट गया हजूर ?

काले पत्थरों के लिए मशहूर पाकुड़ कई और चीजों के लिए मशहूर है। हर मशहूर चीजों से धीरे धीरे रूबरू कराऊँगा , लेकिन फ़िलवक्त जो कहने जा रहा हूँ , वह है अवैध विस्फोटक।
अभी कल ही पाकुड़ पुलिस ने दो बंगाल के लोगों को 1148 जिलेटिन के साथ पकड़ा। समाचार माध्यमों में कोलाहल मचा। बड़ी खेप पकड़ी गई। यह भी कहा गया कि अब जाँच होगी कि यह कहाँ इस्तेमाल होने वाला था।
खैर जाँच तो होनी ही चाहिए , लेकिन क्या जिलेटिन खुद विष्फोट हो जाता है ? यह एक बड़ा तकनीकी सवाल है !
जिलेटिन है तो विष्फोट, लेकिन अकेले यह अमोनियम नाइट्रेट और पेट्रोलियम पदार्थ का एक प्रोसेस किया हुआ स्टीक जैसा विषेष कागज़ में लिपटा एक ऐसा पदार्थ है , जिसमें डेटोनेटर न लगाया जाय तो विष्फोट नहीं होता।
पाकुड़ में पत्थर उद्योग में औद्योगिक विस्फोटक के रूप में उपयोग किया जाता है।
बहुत पहले इसे मेनवली उपयोग किया जाता था , लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिकल विष्फोट किया जाता है। खैर अगर जिलेटिन बरामद हुआ है तो अवैध जिलेटिन भी कहीं न कहीं होगा , पहले उसकी जाँच और जप्ती होनी चाहिए।
विस्फोटक की जप्ती पाकुड़ में कोई नई बात नहीं है। पिछले दस वर्षों का ही पुलिस रेकॉर्ड खंगाला जाय तो दर्जनों गवाहियाँ मिलेंगी। इसी जिलेटिन और डेटोनेटर में डीजल मिलाकर अमोनियम नाइट्रेट भी पत्थर खदानों के विष्फोट छिद्र में डाला जाता है जो उस विष्फोट को कई गुना ज्यादा ताकतवर बना देता है ,जिससे उत्पादन भी कई गुना ज्यादा हो जाता है। मतलब साफ है कम विस्फोटक में ज्यादा उत्पादन।
पाकुड़ में एक ही विस्फोटक बेचने का लाइसेंस है। विस्फोटक अनुज्ञप्ति प्राप्त लीजधारकों को उनके अनुज्ञप्ति की मात्रा के अनुसार ही विस्फोटक सामग्री मिलता है। यह बात और है कि कुछ अनुज्ञप्ति धारी अपनी उत्पादन क्षमता से अधिक मात्रा की अनुज्ञप्ति ले रखे हैं, जिसे वो क्या करते हैं, यह भी जाँच का विषय है।
अब दूसरा सवाल उठता है कि जब अनुज्ञप्तिधारी लीजधारकों को वैध रूप से विस्फोटक आपूर्ति की व्यवस्था है तो फिर ये अवैध विस्फोटक बंगाल या अन्य कहीं से क्यूँ आता है ? वह भी इतनी बड़ी मात्रा में ?
इतना ज्यादा विस्फोटक का यहाँ प्रतिदिन खपत आख़िर होता कहाँ है। कोई अवांछनीय या अलगाववादी तत्व इसका फायदा तो उठा ही सकता है लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में वे शायद ही लें। मतलब साफ है कि ये विस्फोटक यहाँ अवैध खनन में उपयोग होता होगा।
इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का कालाबजारी या तस्करी इस बात का सबूत है कि पाकुड़ में पत्थरों का अवैध खनन होता है और उसमें अवैध विस्फोटकों का धड़ल्ले से उपयोग होता है। इसका सबूत खनन विभाग के उन फाइलों का रिटर्न भी देगा , जिनको विस्फोटक अनुज्ञप्ति नहीं है।
दशकों से जप्त विस्फोटकों का कहाँ उपयोग होगा की जाँच की बात तो सुनता आया हूँ , लेकिन …….
विस्फोटक की कहानी की कई लम्बी किस्तें हैं। धीरे से सब सुनाऊँगा मेरे ब्लॉग पर कलम की सफ़र में। आगे बंगाल तथा अन्य स्थानों से आनेवाले विष्फोट कथा😊और हाँ 1148 जिलेटिन तो जप्त हो ही चुका है , अब उतने ही डेटोनेटर भी जप्त हो जाय तो ठीक हो , बिना डेटोनेटर के जिलेटिन तो बिना सिंदूर और बिंदी की ब्याहता है। हैय कि नय ?🙏

*9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल को झारखंड में सफल बनाओ*

*पार्टी की स्वतंत्र शक्ति बढाओ*
*सीपीएम के पार्टी कार्यकर्ताओं को मदूरै तमिलनाडु में पिछले दिनों संपन्न 24 वें महाधिवेशन के फैसलों की जानकारी दी गई*
*ईरान पर अमरीकी हमले की भर्त्सना की गई*
पाकुड़,23 जुन
सीपीएम ही देश में एकमात्र राजनीतिक दल है जहां आंतरिक लोकतंत्र को पूरी तरह लागू किया जाता है. सीपीएम में नेता उपर से नहीं थोपे जाते बल्कि नीचे से चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा हर स्तर की कमिटी चुनी जाती है जो अपनी कमिटियों के सचिवों का निर्वाचन करते हैं. पार्टी प्रत्येक तीन वर्ष पर आयोजित होने वाले अपने अखिल भारतीय महाधिवेशन से तीन महीने पहले ही केंद्रीय कमिटी द्वारा स्वीकृत राजनीतिक प्रस्ताव का मसौदा जारी करती है जिसपर पार्टी के हर स्तर की कमिटियों में चर्चा कर संशोधन व सुझाव भेजे जाते हैं
इस मसौदे पर केवल पार्टी सदस्य ही नहीं कोई भी आम नागरिक अपने संशोधन या सुझाव भेज सकता है. इस बार राजनीतिक प्रस्ताव पर पूरे देश ही नहीं विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों द्वारा लगभग 4 हजार से ज्यादा संशोधन और सुझाव भेजे गए जिनमें से कई संशोधन स्वीकार कर पार्टी महाधिवेशन ने राजनीतिक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया. अब इस राजनीतिक – सांगठनिक प्रस्ताव के आलोक में पार्टी संघर्ष और आंदोलन का कार्यभार तय करेगी. यह बात आज पाकुड़ जिले के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कही. शिक्षण शिविर के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए डा. काशीनाथ चटर्जी ने बताया कि कम्युनिस्ट पार्टी दूसरी पार्टियों से अलग है जिसका मुख्य उद्देश्य है जनता की जनवादी क्रांति को कार्यरुप देना ताकि देश में सामाजिक – आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के माध्यम से मनुष्य द्वारा मनुष्य का शोषण समाप्त किया जा सके. कम्युनिस्ट एक यैसे समाज की परिकल्पना करते हैं जिसमें भूख, गरीबी, बेरोजगारी नहीं होगी और सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की गारंटी होगी. यह समाजवादी व्यवस्था में ही संभव है जिसके लिए कम्युनिस्ट पार्टी सतत प्रयत्नशील है.
प्रशिक्षण शिविर को विकाश ठाकुर और रवि ने भी अपने अनुभव को साझा किया शिविर में पाकुड़ जिले के सभी प्रखंडों से आए 129 कार्यकताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मानिक दुबे ने की. मौके पर राज्य सचिवमंडल सदस्य प्रो. शिबानी पाल, जिला सचिव गोपीन सोरेन, सैफुद्दीन शेख, मुकुल भट्टाचार्य, रामप्रवेश पासवान, रिजाउल करीम, देबाशीष दत्ता गुप्ता समेत जिला कमिटी के अन्य साथी मौजूद थे.
प्रशिक्षण शिविर के बाद जिला कमिटी की बैठक कर पाकुड़ जिला के जनमुद्दों को चिन्हित किया गया. जिसमें विस्थापन व कोयला परिवहन से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ वर्षा के बाद प्रभावी आंदोलन की कार्ययोजना योजना बनाए जाने के लिए दुमका और पाकुड़ जिला कमिटी की संयुक्त बैठक करने का निर्णय लिया गया.
पार्टी द्वारा 30 जुन को संताल हूल की 169 वीं वर्षगांठ बड़े पैमाने पर मनाए जाने का फैसला लिया गया साथ ही 9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल को पाकुड़ जिले में सफल बनाए जाने का निर्णय लिया गया. ये जानकारी जिला सचिव गोपीन सोरेन ने दी।

*श्रवण के प्रत्येक सोमवारी को संस्था करेंगी भक्तों के बीच निःशुल्क पूजन समाग्री का वितरण*

-शहर के अन्नपूर्णा कॉलोनी में संस्था की बैठक हुई संपन्न …

-पूजन सामग्री को लेकर मंदिरों में शिविर लगाए जाने पर चर्चा .

पाकुड़: शहर के अन्नपूर्णा कॉलोनी स्थित हनुमान मंदिर परिसर में सत्य सनातन संस्था की बैठक रविवार की शाम को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे ने किया। बैठक में पवित्र श्रवण माह के अवसर पर मंदिरों में शिविर लगाकर पूजन सामग्री वितरण व रथ यात्रा को सफल बनाए जाने पर चर्चा की गई। अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे ने कहा कि पवित्र श्रावण माह के प्रत्येक सोमवरी को संस्था की ओर से सेवा शिविर लगा कर निशुल्क पूजन सामग्री वितरण किया जाएगा। भगतपाड़ा शिव मंदिर में जिला अध्यक्ष हर्ष भगत, सत्यम भगत, विशाल भगत , रवि भगत, रतन साहा, कुड़ापाड़ा स्थित बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर में संस्था के उपाध्यक्ष गौतम कुमार ,मिंटू गिरी, दूधनाथ मंदिर में पुरोहित रोहित दास, रेलवे कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में अमित साहा, सानू रजक को निःशुल्क पूजन सामग्री वितरण के लिए जिम्मेवारी दी गई। शिविर में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक भक्तों के बीच निशुल्क बेलपत्र, कच्चा दूध , गंगा जल एवं पुष्प का वितरण किया जाएगा। मंगलवार की संध्या को हनुमान मंदिर में संस्था की ओर से हनुमान चालिसा का आयोजन किया जाएग। इसके अलावे आगामी 27 जून को निकलने वाले रथ यात्रा को सफल बनाने के लिए संस्था के सदस्य सक्रिय रहेंगे। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को बढाये जाने को लेकर एसपी को आवेदन सौंपा जाएगा। मौके पर संस्था के सचिव चंदन प्रकाश, उपाध्यक्ष गौतम कुमार, कोषाध्यक्ष अमर ठाकुर, जिला अध्यक्ष – हर्ष भगत , संदीप त्रिवेदी, मिंटू गिरी , रतन साहा , राकेश सिंह, राकेश मुलायम सिंह, रोहित दास ,चंदन रक्षित , संतोष टेबरीवाल, अक्षय चौरसिया ,मास्टर विजय , शुभम गुप्ता , वरीय सदस्य – कालीचरण घोष सहित अन्य उपस्थित थे।

पाकुड़-बंगाल को जोड़ने वाला अंतरराज्यीय फाटक बना जानलेवा जाम पॉइंट

इलाज के लिए बंगाल जाते हैं पाकुड़वासी, जान जोखिम में डाल कर करते हैं सफर

1C-2C फाटक बना दुर्घटनाओं का केंद्र, ROB ही एकमात्र समाधान: हिसाबी

पाकुड़: झारखंड को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली अंतरराज्यीय मालपहाड़ी सड़क पर स्थित 1C और 2C रेल फाटक अब आमजन के लिए परेशानी साबित हो रहा है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में वाहन इन गेटों से गुजरते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं। अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।इसी चिंताजनक स्थिति को देखते हुए ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन (ईजरप्पा) हावड़ा मंडल के प्रतिनिधियों ने इन रेलगेटों का निरीक्षण किया। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष हिसाबी राय, सचिव राणा शुक्ला, सह सचिव अनिकेत गोस्वामी,सिग्नल विभाग के कनिष्ठ अभियंता रणधीर पासवान और सादेकुल आलम शामिल रहे।

स्वास्थ्य संकट में भी यही रास्ता है जीवन रेखा

पाकुड़ जिला वैसे ही स्वास्थ्य व्यवस्था के मोर्चे पर जूझ रहा है। इलाज के लिए लोगों को अक्सर पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होना पड़ता है – और यही रास्ता उनका जीवन मार्ग बन जाता है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि जिस सड़क से मरीजों को अस्पताल ले जाया जाता है, वही सड़क मौत की ओर भी ले जा सकती है।

हाथ से खुलते रेल फाटक,बिना चौकीदार, बिना अलार्म –यहां हर गुजरता वाहन किस्मत के सहारे ही पार कर रहा है। मरीजों को ले जा रही एंबुलेंसें भी जाम में फंसती हैं, जिससे अनमोल जीवन खोने का खतरा मंडराता है।

हादसों के आंकड़े डराते हैं

1C और 2C दोनों रेलगेटों पर अब तक कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं। टोटो, बाइक, ऑटो तकरीबन हर दिन किसी न किसी रूप में रेल लाइन पर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है जब भारी वाहन जैसे हाईवा गुजरते हैं तो बेल फाटक पर लगा हाथ संचालित फाटक से टक्कर हो जाती है।रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरती 25 हजार वोल्ट की बिजली लाइन एक और बड़ा खतरा है। यह किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकती है।

विभाग जिम्मेदारी से भाग रहा, आमजन भुगत रहा

निरीक्षण के दौरान सिग्नल विभाग के कनिष्ठ अभियंता रणधीर पासवान ने स्थिति पर असमर्थता जताते हुए कहा कि ये गेट उनके अधीन नहीं हैं। 1C रेलगेट इंजीनियरिंग विभाग के अधीन है, जबकि 2C WPDCL (पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) की निजी मालगाड़ी लाइन के तहत आता है। यहां से प्रतिदिन औसतन 14 कोयला रेक गुजरती हैं, जिससे भीषण जाम लगता है।

ईजरप्पा ने ROB निर्माण की उठाई मांग

ईजरप्पा के अध्यक्ष हिसाबी राय ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल यातायात का मुद्दा नहीं,बल्कि जीवन रक्षा का सवाल है।अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता।ईजरप्पा की ओर से रेलवे मंत्रालय एवं संबंधित विभागों से मांग की गई है कि दोनों रेलफाटकों पर अतिशीघ्र रोड ओवर ब्रिज (ROB) का निर्माण कराया जाए। इससे न सिर्फ आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि मरीजों के लिए इलाज का रास्ता भी आसान और सुरक्षित बनेगा।