Thursday, October 23, 2025
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महिला दिवस पर भी छूट गई संध्या के दर्द की कहानी , क्या उसके जीवन में कभी सवेरा आएगा ?

हाँ हाँ उसका नाम संध्या सरकार है। संध्या अपने नाम के अनुरूप संध्या वर्ण की है, और उसकी जिंदगी की कहानी भी कालिमा और अंधकारमय है।
आप जब कभी दिन निकलने के बाद पाकुड़ के राजापाड़ा में स्थित ऐतिहासिक नित्य काली मंदिर में जाएं तो अपने आप में बड़बड़ाती हुई संध्या अपने हाथ में झाड़ू थामे मंदिर प्रांगण की सफाई करती मिल जाएगी। उसका बड़बड़ाना माँ नित्य काली से प्रार्थना भी हो सकती है, लेकिन लोग उसे मानसिक रूप से असंतुलित कहते हैं। लेकिन उसकी सफ़ाई करने की धुन में चलती झाड़ू कहीं असन्तुलित नहीं दिखती। पूरा मंदिर प्रांगण संध्या की चलती झाड़ू से सुबह के उजाले की तरह चमचमाता दिखता है।
माँ काली के मंदिर को हर सुबह चमक परोसने वाली बेचारी संध्या के माता पिता नहीं हैं। भाई बहन , परिवार नाम का कोई गम और खुशी बाँटने वाला भी संध्या के जीवन में नहीं है। हाँलाकि कुछ पूछने पर बहुत कुछ तारतम्यता में बता भी नहीं सकती बेचारी। ऐसा लगता है मानो उसकी आँखें कुछ पूछने पर कह रही हो—-
” दुख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूँ जो अब तक नहीं कही ”
महाशिवरात्रि और महिला दिवस पर भी इसकी और किसी की नज़र नहीं गई। ईश्वर तो नाराज़ ही होंगे शायद , लेकिन ईश्वर ने अपने आँगन में इसे जगह दी है।
ईश्वर ने इस नित्यकाली मंदिर के पुजारी को इसके प्रति दया का ऐसा भाव दिया है कि प्रतिदिन मंदिर में झाड़ू लगाने के एवज़ में उसे तीस रुपये और अपने घर में दोनों वक़्त का भोजन पंडित भरत भूषण मिश्र जी देते हैं।
किसी बड़े दिल के व्यक्ति ने उसे अपने खाली घर में रहने को जगह फ़िल्वक दे रखा है , लेकिन ये उसे कब तक उपलब्ध है , या तो भगवान जाने या फिर वक़्त।
आज महिला दिवस पर पंडित जी ने उसकी ब्यथा और अनिश्चितता भरी जिंदगी पर मुझसे कहा कि अगर सरकार संध्या सरकार को रहने के लिए जमीन और घर उपलब्ध करा दे तो शायद उसकी अनिश्चित जिंदगी को एक निश्चितता मिल जाय। सम्भव है कि इससे उसे जीने का ऐसा बहाना मिल जाय , कोई उसी के तरह बेघर उसका हाथ थाम कर साथ जीने मरने की कसम खा ले।
बचपन में मुझसे पढ़ने वाले पंडित जी ने मुझसे उसके लिए कुछ ऐसा करने को कहा कि उसकी जिंदगी संवर जाये।
मैं अपनी नॉकरी गवाँ चुका पत्रकार ठहरा। मैंनें पंडित जी से इसकी कहानी को अपने पेज़ पर शब्द देने का वादा किया।
जो भी हो , लेकिन संध्या जैसी लड़कियों की कहानी को अगर महिला दिवस के दिन भी जगह नहीं मिलती, तो दुखद है।
आज की पत्रकारिता को जब अर्श और फर्श में अंतर नहीं दिखता तो , पत्रकारिता से आशा रखना भी बेमानी होगी।
खैर जिस आँगन में संध्या सफाई करती है , वो आँगन करुणामयी माँ नित्यकाली का है। एक न एक दिन संध्या के जीवन में भी सवेरा जरूर आएगा , भोर होगी।

पेयजल समस्या दूर होने पर बंधी आस, शायद अब जल्द हो इंतजार ख़त्म

*पानी की किल्लत दूर करने के लिए पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पदाधिकारी को दिया निर्देश:शाहिद इक़बाल*

*बंगाल से पम्प हाउस में बिजली जुड़ते ही पाकुड़ में पेयजल का किल्लत समाप्त हो जाएगा: शाहिद इक़बाल*

पाकुड़: पेेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री श्री मिथिलेश ठाकुर से झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल एवं झामुमो नेता विकास साहा ने मिलकर पाकुड़ शहरी जलापूर्ति योजना कार्य मे प्रगति लाने हेतु आवेदन दिया ताकि इस योजना से जनता लाभ उठा सकें। विदित हो कि उक्त योजना से सम्बंधित बिजली का कार्य भी पूरा हो चुका है एवं अन्य औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई है। कुछ त्रुटी बची हुई है बिजली का आवेदन कर दिया गया है, बंगाल से बिजली नहीं जोड़ी गई है। बिजली जोड़ते ही शहर में पानी का किल्लत से जनता को निजात मिल जायेगा। पेेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री मिथिलेश ठाकुर के समक्ष यह बातें रखी गई मंत्री महोदय ने कहा कि पाकुड़ में पानी का किल्लत गर्मी में होने नहीं दूँगा। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने उक्त विषय पर अधिकारियों से बात भी किये।
पाकुड़ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पानी का अस्तर बहुत ही नीचे चला गया है फलस्वरुप पानी की किल्लत सदैव बनी रहती है गर्मी के मौसम में जनता अत्यंत परेशान हो जाती है।

झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने कहा कि फरक्का गंगा फीडर कैनल से पाकुड़ शहरी क्षेत्र में शहरी जलापूर्ति योजना का शिलान्यास वर्ष 2011 में तत्कालीन मंत्री श्री हेमंत सोरेन जी द्वारा शिलान्यास किया गया था उस समय तत्कालीन उपायुक्त डॉ सुनील कुमार सिंह एवं नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अर्धेन्दू गाँगुली उपस्थित थे। पाकुड़ के शहरी क्षेत्र के आम जनता को जलापूर्ति में किसी प्रकार का कमी ना हो।
अत्यंत विलंब होने के कारण झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इक़बाल ने पुनः तकालीन मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी को दिनांक 28 अप्रैल 2023 को इस योजना के क्रियान्वन में प्रगति हेतु आवेदन देकर ध्यान आकृष्ट कराया था। परंतु दुखद बात है आज तक शहरी जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन में विलंब हो रहा है इसको लेकर जनता में कई वर्षों से त्राहिमाम मचा हुआ है।

संस्था ने शिकायत दर्ज कर पुलिस को सौंपा गौ वंश और एक तस्कर

*सत्य सनातन संस्था के सदस्यों ने पकड़ा गौ तस्कर को किया नगर थाना को सुपुर्द।*

फोटो

पाकुड़ :- मंगलवार को सत्य सनातन संस्था के सदस्यों के द्वारा के. के. एम. कॉलेज के पास कुछ गौ तस्कर को पकड़ा गया।जिसमें कुछ नंदी वंश एवम् गौ माता को एक महिंद्रा पिकप ट्रक गाड़ी WB 57E /5775 में ठूस कर हिरणपुर से पाकुड़ के रास्ते प० बंगाल ले जाया जा रहा था। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष ( कार्य.) सागर चौधरी ने बताया व नगर थाना में लिखित शिकायत में लिखा कि मैं अपने निज आवास से निजी कार्य हेतु बाजार जा रहा था। रास्ते में एक महिंद्रा पिकअप ट्रैक नाली में गिरा मिला।जिसपर ड्राइवर सहित अन्य दो सहयोगी बैठे हुए थे।जब मैं मदद करने के लिए गया तो तकरीबन 7 गौवंश/ नंदीबंश बुरी तरह से उक्त पिकप ट्रक में ठूस कर भरा हुआ था।पूछने पर चालक फिटू शैख पिता – सोहराब शेख ग्राम – पुठीमारी ब्रिज, थाना – समशेरगंज जिला मुर्शिदाबाद बताया । सागर चौधरी ने आगे बताया कि चालक ने जानकारी दिया कि मेरे साथ जो दो लोग है। यह भी मेरे सहयोगी है। हमलोग मेरे गाड़ी मालिक मैनूल हक के कहने पर गौ तस्करी करता हूं एवम यह गौवंश हमलोग हिरणपुर निवासी इलियास के यहां से लाते है तथा इसे काटकर बाजार में खपाया जाता है । हमलोगो ने उसके बातो से अपने संगठन के अन्य लोगो को सूचना दिया जिससे हमारे स्मस्थ सहयोगी संस्था के अध्यक्ष रंजित चौबे, सुभम गुप्ता,सुकू राय, मिंटू गिरी एवम अन्य पहुंचे तब तक वहा चालक का अन्य दो सहयोगी मौके से भाग गए।तब तक दो टाइगर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची जिसके सहयोग से हमलोग ने उक्त गौवश को थाना लाकर आए और लिखित आवेदन दिया । जिसके आधार पर थाना द्वारा आगे करवाई किया जा रहा है गौवंश को गौशाला में रखा गया है जहा गौबश का इलाज चल रहा है।

भाजयुमो ने लगाया चौपाल , लगाए चार सौ पार के नारे

भाजयुमो ने लगाया युवा चौपाल नारा दिया अबकी बार चार सौ पार।
भारतीय जनता युवा मोर्चा पाकुड़ के तत्वावधान में युवा चौपाल का आयोजन भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अनिकेत गोस्वामी के नेतृत्व में तलवाडांगा में किया गया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजपा के जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय,जिला उपाध्यक्ष हिसाबी राय,हीरानंदनपुर पंचायत के मुखिया निपु सरदार,युवा नेता प्रवीण मंडल,दिनेश लालवानी,विधानसभा के विस्तारक जयप्रकाश यादव आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम मैं युवाओं को संबोधित करते हुए भाजयुमो पूर्व जिला महामंत्री अनिकेत गोस्वामी ने कहा कि आज भारत को परम वैभव पर ले जाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और युवाओं के बिना कोई भी चुनाव नहीं जीता जा सकता,उन्होंने सभी युवाओं से इस लोकसभा चुनाव में 400 पार और भाजपा के विचार से जुड़ने का आग्रह किया।
*भारत के युवा देश-विदेश में बाजार रहे हैं डंका*
कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि आजादी से अब तक कांग्रेस सरकार ने देश को घोटालों और भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं किया आज देश-विदेश में युवा भारत का डंका बज रहे हैं। युवा चौपाल पूरे देश में युवाओं को परस्पर एक साथ लाने के लिए भाजपा जगह-जगह अपने कार्यक्रमों के माध्यम से केन्द्र सरकार के कार्यों से अवगत करा रही है।
*किसान और युवाओं को मिल रहा लाभ*
कार्यक्रम में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हिसाबी राय ने केंद्र की मोदी सरकार सभी जाति के युवाओं के लिए जन-कल्याणकारी योजनाएं चल रही है,जिसका हम सभी किसी न किसी रूप में लाभ ले रहे हैं।आज केन्द्र की भाजपा सरकार किसान और उद्यमी युवाओं को ध्यान में रखकर लाभान्वित कर रही है।
युवा चौपाल में उदय यादव,दीप दास,बाबू साहा,सुभो घोष,सुनील सरदार अमृत सरकार,मिथुन घोष,सूरज हाजरा,पुरुषोत्तम राय, संतोष राय,नीरज सरकार,कौशिक सिंह,अजय पाल,विपल्व भंडारी,सोनू ठाकुर श्याम ठाकुर,पंकज गुप्ता आदि दर्जनों युवा मौजूद थे।

नशे की लत और पैसे की भूख युवा वर्ग को ले जा रहा अपराध की अंधेरी राह 😥

पिछले दिनों नगर के एक मुहल्ले में चार युवकों को नगर की पुलिस ने एक टीम बनाकर 9 जिंदा कारतूस और कट्टे के साथ गिरफ्तार किया।
पुलिस कप्तान को गुप्त सूचना मिलने के बाद प्रशिक्षु डीएसपी के साथ पुलिस की पूरी टीम बनी। बहुत तकनीकी ढंग से छापेमारी हुई , और चार आरोपी पकड़े गए, फिर भी दो कुख्यात भागने में सफ़ल रहे , लेकिन कानून के साथ ये कब तक लुका छिपी खेल सकते हैं ? गिरफ्त में आएँगे तो जरूर। अपराधियों का ये गिरोह पत्थर तथा कोयला व्यपारियों से रंगदारी की मांग करते थे, ऐसा आरोप है।
पत्थर व्यपारियों से रंगदारी माँगने का आरोप तो समझ मे आता है, लेकिन कोयला व्यपारियों की बात समझ में नहीं आती। क्या कोल कम्पनियों के अलावे भी कोई व्यक्तिगत रूप से कोयला का व्यापार करता है ? ये सवाल इसलिए कि मीडिया में ये बात आई थी, और मेरी जानकारी में शायद वैधानिक रूप से पाकुड़ में कोई  शायद ही ऐसा कोयला वयापारी है। हाँ कोयला तस्करों की बात अलग है।
खैर इन अपराधियों का गिरोह पुलिस की सक्रियता से गिरफ्त में आये, लेकिन सवाल उठता है, कि ऐसे गिरोह पाकुड़ जैसे शांत जगह में पनपे कैसे ?
आपने मीडिया में देखा पढ़ा होगा कि कुमारपुर गाँव का एक सीधा सरल और मिलनसार युवा विमान चंद्रवंशी उर्फ बिट्टू अपने पिता का ट्रेक्टर की देख रेख करते , अचानक कोयला तस्करी के चँगुल में फँस गया। ऐसे में संगति में बदलाव आया और नशे की गिरफ्त में आ गया। फिर एक बार जो पैर लड़खड़ाए तो फिर अंजाम सलाखों के पीछे तक ले गया।
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि पाकुड़ में बढ़ते नशे के कारोबार और पत्थर कोयले के अवैध कारोबार ने यहाँ के युवकों को बेरास्ता कर दिया। पड़ोसी राज्यों के अपराधियों ने भी इस ओर का रास्ता किया। यहाँ नशे और पैसे और ज्यादा की भूख में जकड़े युवकों ने बाहें फैला कर उनका स्वागत किया , तथा एक दुःसाहसी गिरोह ने आकार ले लिया।
इस गिरोह के दुःसाहस का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये वीडियो कॉल पर कट्टे दिखा कर व्यपारियों को धमका रहे थे।
ये दुःसाहस नशा करने पर ही अपना रंग दिखाता है। आपको आश्चर्य होगा कि गांजा , गाँजे के साथ चीलम या सिगरेट में भरकर ड्रग्स पीने वाले नशेड़ियों के आवश्यकता के मद्देनजर अब रेडीमेट विशेष कागज़ के चीलम बाजार में उपलब्ध हैं, जिसमे सिगरेट जैसे फिल्टर और तम्बाकू को टाइट भरने के लिए भी व्यवस्था उपलब्ध है। ( चित्र में रेडीमेड चीलम )
ऐसे भी नशे और अपराध का बहुत पुराना रिश्ता रहा है ।
अगर इस बार पुलिस ने ये कारवाई नही की होती तो……..

विभिन्न माँगों को ले भाजपा ने दिया धरना, सौंपा मांगपत्र।

भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश के आह्वान पर जेएसएससी परीक्षा पत्र लीक, बिजली बिल में बढ़ोतरी एवं झारखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में पाकुड़ प्रखंड कार्यालय के समीप एक दिवसीय धरना दिया गया धरना के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से झारखंड के महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया

धरना का नेतृत्व भाजपा नगर अध्यक्ष पंकज कुमार साह, मंडल अध्यक्ष मनोरंजन सरकार, मंडल अध्यक्ष अरुण चौधरी , मंडल अध्यक्ष सदानंद रजवार के नेतृत्व एवं भाजपा जिला अध्यक्ष अमृत पांडे के गरिमामय उपस्थिति में एक दिवस की धरना प्रखंड कार्यालय के समीप दिया गया

धरना में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुग्रहित प्रसाद साह ,आज के धरना कार्यक्रम प्रभारी हिसाबी राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे

धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आज के मुख्य वक्ता अनुग्रहित प्रसाद साह कार्यकर्ताओं को संबोधित होते हुए कहा कि जेएसएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामला यह स्पष्ट दर्शाता है कि वर्तमान झारखंड जेएमएम एवं कांग्रेस की गठबंधन सरकार यहां के छात्र युवाओं के सुरक्षित भविष्य एवं जीवन के प्रति संवेदनशील एवं गैर जिम्मेदार होने के साथ झारखंड के वर्तमान एवं भविष्य को गहरे अंधकार में धकेल देने पर तुली है जिसके विरुद्ध हम सभी ठोस कार्रवाई करने की मांग करते हैं ताकि झारखंड के युवाओं छात्रों के साथ पूरे झारखंड का भविष्य सुरक्षित हो एवं भविष्य में इसकी पूर्णाविधि ना हो
वही झारखंड में बिजली बिल में तानाशाही तरीके से बढ़ोतरी किए जाने के विरुद्ध आम जनता की ओर से या मांग करते हैं कि आम लोगों के आर्थिक स्थिति पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा और पढ़ने वाला है इसे देखते हुए ऐसे तानाशाही बढ़ोतरी के आदेश को रद्द करने हेतु ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग भारतीय जनता पार्टी मांग करती हैं

अबू आवास योजना में भी आए दिन विभिन्न शिकायतें देखने सुनने को मिल रही है जिसमें बिचौलियों के माध्यम से हो रही भारी भ्रष्टाचार को देखते हुए वर्तमान झारखंड सरकार की गरीबों के हितों सुरक्षित करने में फेल हो चुकी है गरीब लोगों को केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय विभिन्न आवास योजना का लाभ समय पर मिलना चाहिए ये भारतीय जनता पार्टी एवं मांग करती है
आज की घटना कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित हुए जिसमें मुख्य रूप से निवर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष सम्पा साहा भाजपा जिला के मंत्री पार्वती पासवान प्राची चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता विश्वनाथ भगत , भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता मंगल हसदा,सपन दुबे, किसान मोर्चा के नेता जिला प्रवक्ता विक्रम कुमार मिश्रा, शिबू हेंब्रम साधन रविदास पर विधानसभा के विस्तारक जयप्रकाश यादव पूर्व नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, प्रवीण मंडल,सादेकुल आलम,युवा मोर्चा के नेता रतन भगत ओबीसी मोर्चा के नगर अध्यक्ष अभिक दास नगर उपाध्यक्ष प्रिका पटेल, सोहन मंडल,मोहन सरकार, सोमित चौबे,कोकिल रविदास,दीपक साह, गोलक मंडल, स्वाधीन रविदास, करणों मंडल,नागेश्वर साह ,नागेंद्र ठाकुर, शंभू घोष, सिंटू महतो,महेंद्र रजक ,जितेन रजक, गौर राजभर ,बबलू मरांडी, आशा देवी, सुसांत घोष,अजीत रजक, तीरो चंद दास कृष्णा रविदास ,अशोक कुमार, दिलीप कुमार, पालन हक्कानी,गुलाब अम्बिया,उस्मान शेख,कयामत शेख आदि मौजूद थे।

राजनीति के चक्कर में दंगे की आग आम गरीबों को दे जाते हैं नासूर ज़ख्म, नेताओ को कुर्सियाँ।

आज राजनीति ऐसी करवटें बदल रही है, कि जाति और सम्प्रदाय के बीच नेताओं की कूटनीति खेल रही है। राज्य और देश के विषय में सोच ने किनारा कर रखा है। ये पार्टियाँ और नेताओं के चक्कर में आम लोगों को भुगतना पड़ता है। हम इस दूषित राजनीति में ऐसे फँस जाते हैं कि एक दूसरे की जान तक के दुश्मन बन जाते हैं, और समाज में कराह तथा जीवनभर के आँसू रह जाते हैं।

ऐसा ही एक संस्मरण आपके सामने परोस रहा हूँ।

समय बड़ा बेसमय हो गया था, दशक 1980 के अंतिम पड़ाव पर था। सन 1989।
मैं अपनी पढ़ाई के लिए पाकुड़(अब झारखंड, तत्कालीन बिहार के अंतिम छोर के कस्बाई अनुमंडल) जिला से भागलपुर में था।
भागलपुर एक जाना पहचाना , मेरे ननिहाल का निकटतम होम टाउन था। 1986 के अंतिम दिनों में मैं पढ़ाई के लिए वहाँ था। 1989 में शहर दंगे की चपेट में आ गया।
मैं अपने शैशवावस्था से पाकुड़ में ही किशोरावस्था से होते हुए युवा हुआ। मुझे उस समय ये पता नहीं था, कि जाति और धर्म व्यक्ति को बाँटता है , क्योंकि पाकुड़ में ये माहौल ही नहीं था। हमें पता ही नहीं चलता था कि समाज में ऐसा कुछ होता है , लेकिन आज लोगों को ये अविश्वनीय लगेगा। हँलांकि पाकुड़ भी अब बाहरी सोच की हवाओं से मानसिकता के प्रदूषण को झेलने लगा है, लेकिन आज भी यहाँ की हवाओं में खूनी ज़हर जगह नहीं बना पाया है।

मेरी संगति और दोस्ती भागलपुर में भी इन बंधनों से दूर ही रहा।
अचानक एक दिन भागलपुर में दंगा हुआ , पहली बार राजनीति और उसके बदनाम पहलुओं के साथ सम्प्रदाय शब्द से रूबरू हुआ।
बदमिज़ाज राजनीति के पहलुओं से मेरा साक्षात्कार यहाँ पहली बार हुआ। विद्रोह और पुलिस से लेकर जनता तक की बिद्रोही स्वभाव के अस्वाभाविक पहलु से मैं परिचित हुआ। बड़े बड़े पदासीन नेताओं को पिट जाते तक देखा।
दुखद ये कि निरीह और निर्दोषों को अकाल मरते मिटते देखा।
बचाव और सहयोग के हाथ को बढ़ते और उन हाथों को भी कटते देखा । क्या देखा और क्या न देखा , इस सवाल से भी लोगों को बचते देखा।
इन सबके बीच मैंनें अपने आँसू को सूखते और दिल को रोते देखा।
यहाँ से ही सरोकार के लिए मैंनें अपनी कलम को चलते देखा। फिर उस कलम की सफ़र को प्रकाशन के अभाव में दम घुटकर सिसकते देखा।
इन सबके बीच मैं पीड़ितों से मिलता रहा। दंगे की खूनी आग तो दब चुकी थी , लेकिन दबी राख़ में सिसकते दर्द भरी कहानियाँ, उन कहानियों में कहीं असह्य दर्द , दर्द में छुपी हुई घृणा और द्वेष , कहीं बदले की मानसिकता तो कहीं चलो झुलसी जिंदगी को एक नई राह पर ले चलूँ का भाव , न जाने और कितना कुछ दिखता गया , और मैं लिखता गया।
उस समय कोई इंटरनेट या डिजिटल प्लेटफार्म नहीं था। कागज और कलम पर लिखता रहा। जो दिखा उन्हीं दर्दों को शब्दों में उकेरता गया। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा , लेकिन सत्यात्मक तथ्यों को कहीं प्रकाशन का मंच नहीं मिला। पढ़ने को बहुत कुछ मिलता , लेकिन जमीन की बातें कम और मसालों की सुगंध ज़्यादा थीं।
” यूँ ही तन्हाई में हम दिल को सज़ा लेते हैं,
नाम लिखते हैं तेरा ,लिखकर मिटा देते हैं,
जब भी नाक़ाम मुहब्बत का कोई ज़िक्र करे,
लोग हँसते हैं, हँसकर मेरा नाम बता देते हैं ”
कुछ इसी तरह के दर्द को लिए हम हक़ीक़त की कहानी लिखते गए, और जमा करते गए।
हाँ दंगा पीड़ितों में मैं दर्द की कहानियों को टटोलता जहाँ गया , हर जगह मुझे सम्प्रदाय से इतर एक पीड़ित ही मिला। हर पीड़ित गरीब , रोज कमाने खानेवाले और दिन निकलते ही अपनी मेहनत से समाज , राज्य और देश को कुछ न कुछ देने वाले दीन ही दिखे।
आश्चर्य था , कोई सामर्थवान हिन्दू या मुसलमान मुझे दंगा पीड़ित नहीं दिखा। किसी कौम का कोई बड़ा या छुटभैया नेता तक पीड़ित नहीं दिखा, जिन्होंने ऐसे नरसंहार की पृष्ठभूमि तैय्यार की।
धर्म के ठेकेदारों ने ऐसा अधार्मिक पृष्टभूमि बनाई कि मानवता कराह उठी थी। जिधर देखता सिर्फ़ एक दर्द की कराह थी। अफवाहों की ज़हरीली हवा कहीं से उठती और मनुष्य को हैवान बनाती गुज़र जाती।
मेरी थैली में सैकड़ों दर्द की कहानी कागज़ों पर उकरी पड़ी थी।
मुझे मेरे पिता ने सकारात्मक पहलुओं पर लिखने की शिक्षा दी थी , मैं उन दर्दो की कराह में भी कोई सकारात्मक पहलू ढूँढता, लेकिन पीड़ितों की करुण चीत्कार मुझे दहला देता , और कहीं मैं स्वयं को बेबस पाता। मेरी कलम भटक पड़ती। मेरी उम्र की अपरिपक्वता मुझे अपनी चपेट में ले लेती। कभी कोई तो कभी और कोई मुझे दोषी लगता।
कुछ दिनों में दर्द के उन पहलुओं ने , जो न तो हिन्दू था , न मुसलमान , जो सिर्फ़ और सिर्फ़ मानवता की कराह भर थी , ने मुझे मानसिक रूप से विचलित कर दिया।
राजनीति की उठापटक और लाशों के सीने पर कूटनीति की नूराकुश्ती ने मुझे विचलित कर रखा था।
गंगा किनारे घण्टो बैठ कर सोचा करता कि कुर्सी के लिए इतनी गोद सूनी कर , घर के चिराग़ तथा कितने ही बच्चों के सर से ममता और पालन की छाँव छीन ये कैसे सामान्य बने रह सकते हैं ?
अपनी कहानियों के प्रकाशन के अभाव में एक दिन मैं भी इतना निराश हो चला कि गंगा किनारे गंगा माँ से कहा कि जितनी लाशों को बिना उसके मज़हब को पूछे तूने उन्हें अपनी गोद में जगह दी माँ , उन तक उनके अपनों की दर्द और आँसुओं का ये संदेश भी पहुँचा देना।
मैंनें अपने लिखे सभी दर्दो की कहानियों को पन्ने दर पन्ने गंगा की लहराती आँचल में डाल दिया।
कहानियाँ तो गंगा की आँचल में चलीं गईं, लेकिन मेरी कलम आँसुओं की राह भी चल चुकी थी अपने सफ़र में।
सच कहने लिखने की मेरी आदत ने पीठ तो बहुत थपथपाए , लेकिन उतने ही छुरा मेरे पीठ ने खाये।
” सच्ची बात कही थी मैंनें,
लोगों ने सूली पे चढ़ाया,
मुझको ज़हर का जाम पिलाया,
फिर भी उनको चैन न आया ”

चुनाव एवं अन्य मामलों पर उपायुक्त ने की कई बैठक , आसन्न लोकसभा चुनाव को ले दिये निर्देश।

*शनिवार को समाहरणालय सभागार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, कोल कम्पनी के प्रतिनिधि, बार एसोसिएशन, मीडिया प्रतिनिधि एवं विभिन्न उपक्रम के साथ बैठक की।*

बैठक में *उपायुक्त श्री मृत्युंजय कुमार बरणवाल* ने संबंधित अधिकारियों को कहा कि आपके जितने भी कर्मी है सभी का वोटर आईडी कार्ड बना रहना चाहिए। इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले में 650 पीडीएस डीलर है। सभी पीडीएस डीलर को voter helpline app डाउनलोड करायें। साथ ही 4 मार्च 2024 को सभी मतदान केन्द्रों पर चलने वाले सोशल मीडिया अभियान #IamVerifiedVoter में शामिल हो। उपायुक्त ने कोल कम्पनियों के प्रतिनिधियों को चुनाव का पर्व, देश का गर्व से संबंधित लोगो 8 हजार मैगनेटिक स्टीकर बनाने का निर्देश दिया। ये स्टीकर जिला के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी, मीडिया कर्मी, कोल कम्पनियों के प्रतिनिधि, पेट्रोल पंप के स्टाफ, रेलवे के स्टाफ आदि सभी लोग प्रतिदिन स्टीकर लगाकर कार्यालय जाएंगे, वोटिंग के दिन तक लगाना है। कोल कम्पनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि सभी हाइवा में चुनाव से संबंधित पोस्टर लगाए। साथ ही उपायुक्त ने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया कि सभी श्रमिकों को एसएमएस भेजकर वोटिंग के दिन अपने मतदान केंद्र पर आकर वोट करें। वहीं शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि के.के एम कालेज एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज में सभी छात्र छात्राओं को वोटर हेल्पलाइन डाउनलोड करवायें।

*मौके पर सहायक समाहर्ता डॉ कृष्णकांत कनवाड़िया, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, निदेशक आइटीडीए श्री अरुण कुमार एक्का, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजीव कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संजय पीएम कुजूर, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री राहुल कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री नयन कुमार, श्रम अधीक्षक श्री रमेश प्रसाद सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।*

लॉटरी के सफेदपोशों के गिरेबान तक पहुँचेंगे कानून के हाथ ?

पाकुड़ सदर प्रखंड के मनिरामपुर के दो युवक बीते दिनों लाखो के अवैध एटीएम लॉटरी के साथ पकड़े गये। ये तो मात्र एक वानगी है। जिले के सभी प्रखंडो में ऐसी लोटरियाँ अपना पैर पसारे हुए है। आख़िर इस अवैध लॉटरी की नदी की कोई तो उदगम स्थल होगा ?
फ़िल्वक जानकार बताते हैं कि इस अवैध की नदी में कई अवैध नाले विभिन्न स्थानों से आकर मिलते हैं। इसमें हिरणपुर प्रखंड से भी एक बड़ी भागेदारी है। सूत्रों के अनुसार हिरणपुर के साहा और यादव जी की जोड़ी एक कलम की छाँव तले भी इबारत , लिखते हैं, तो पाकुड़ में मंडल जी , भगत जी और बाबा जी अपनी कहानियों को अमलीजामा पहनाने का काम करते हैं।
ये सारे साहा जी, यादव जी , मंडल जी , भगत जी , बाबा जी आदि सभी सांकेतिक उदाहरण हैं। यहाँ इतने समाजिक सौहार्द के साथ अवैध लॉटरियों के नाले बहाये जाते हैं, कि ये सभी मिलकर एक नदी बन जाती है। यहाँ के माफियाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों के अलावे बंगाल में भी प्रिंटिंग के यूनिट बैठा रखे हैं। ये एटीम लोटरियाँ बंगाल में तो बिकती नहीं , क्योंकि वहाँ लॉटरी पर प्रतिबंध नहीं है , स्वाभाविक रूप से वहाँ अन्य राज्यों सहित बंगाल के भी ओरिजनल लोटरियाँ ही बिकतीं हैं, और अवैध एटीम लॉटरी के लिए पाकुड़-साहेबगंज तो है ही।
कुल मिलाकर स्थानीय स्तर पर छापकर बाज़ार में उतरने वाले इस अवैध लॉटरी की कहानी के पीछे बड़े बड़े सफेदपोशों के हाथ को नकारा किसी क़ीमत पर नहीं जा सकता।
पुलिस ने इस मामले में लोगों को चिन्हित कर आगे और करवाई की बात कही है। आगे सिर्फ़ परिणाम का इंतजार लोगों को रहेगा।
बिना कोई टेक्स चुकाए किये जाने वाले इस अवैध लॉटरी ने कितने ही दिनों से गरीबों की जेब पर डाका डाला है। ये लॉटरी बेचने वाले एक ओर मालामाल हो रहे हैं, तो दूसरी ओर इस बुरी आदत के शिकार इसे खरीदने वाले और फ़कीरी के फाँके में डूबते जा रहे हैं।

अवैध लॉटरी पर पुलिस की कारवाई ने रंग उड़ा दिये हैं सफेदपोश माफियाओं के

पाकुड़ नगर थाने की पुलिस ने एटीम लॉटरी की एक बड़ी खेप के साथ दो लोगों को हिरासत में लेकर बड़े घर भेज दिया। ऐसे पुलिस की ये बड़ी कारवाई सराहनीय और चौकाने वाली है।
क्योंकि बड़े पैमाने पर ये एटीम लॉटरी का खेल बहुत दिनों से चल रहा था, लेकिन इतने बड़े पैमाने एटीम लॉटरी कभी जप्त नहीं किया गया था।
अब स्वाभाविक रूप से सवाल पाकुड़ या संथालपरगना से बाहर के पाठकों के मन में उठेगा कि ये लॉटरी होता क्या है!
वास्तव में ये लॉटरी स्थानीय तौर पर छापा जाता है और इसे कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह अपने एक सिम्बल के साथ छपवाता है, तथा तगड़े कमीशन पर बेरोजगार युवाओं को बेचने के लिए उपलब्ध कराता है। प्रतिदिन अलग-अलग माफियाओं का लाखों की संख्या में ये एटीएम लॉटरी बाज़ार में खपा दिया जाता है।इसे ढोना( केरी ) करना भी आसान है। जैसे आपने 10 लॉटरी खरीदा तो एक लॉटरी पर ही 1गुना 10 अंकित होता है, यानी आप 10 लॉटरी के धारक हो गये।
खैर एक बात और कि इसके खेल भी प्रतिदिन नहीं होता , और तो और सिक्किम या केरला लॉटरी के जिस नम्बर पर इनाम लगता है, उसी के आधार पर महीने में एक बार इनाम दिया जाता है।
अब ज़रुरी नहीं , कि किसी आम आदमी या खरीददार को ही इनाम मिले , बल्कि ये इनाम किसी आश्रयदाता मतलब प्रोटेक्शन देने वाले को भी मिल सकता है। अच्छा ये बताना तो भूल ही गया कि जिसे एटीएम लॉटरी लग गई, उसे पैसे भी इनामवाले मिल ही जाये। हाँ अगर कोई विशेष व्यक्ति है, तो उसे कम बेसी कर इनाम के पैसे मिल जाते हैं।
इस अवैध लॉटरी के खेल में बहुत खेल है भैया।
अच्छा इस अवैध लॉटरी के धंधे ने अपना पैर पसारा कैसे ? तो ये बताना लाज़मी है कि पहले भी यहाँ लॉटरी का कारोबार था। स्वाभाविक रूप से लोगों को इसकी लत लगी हुई थी। कई लोग इनाम मार भी जाते थे। इस लॉटरी ने पाकुड़ को चार करोड़ इनाम मारने वाले भी दिये हैं, लेकिन वो लॉटरी दूसरे राज्यों के वैध लोटरियाँ होतीं थीं। आम जनता में गरीबी और रोजगार की कमी, उसपर लॉटरी द्वारा जुआ खेलने की बुरी लत तथा बर्बाद होते परिवारों को देख राज्य सरकार ने लॉटरी पर प्रतिबंध लगा दिया। फिर भी दूसरे राज्यों के वैध लोटरियाँ यहाँ आतीं रहीं, जो यहाँ आते ही अवैध हो जातीं थीं। इसमें बेचनेवाले पकड़ाते रहे।
इसी को मौका बना कर धुरंधरों ने स्थानीय एटीएम लॉटरी को जन्म दिया, और जुआ के एडिक्टेड गरीब इसके शिकार बनते रहे।
एटीएम लॉटरी के कारोबारियों ने अब तक यहाँ करोड़ों बनाये , और इसे बनाने में जमकर सुविधाशुल्क भी बाँटे। हुआ तो यहाँ तक कि ये अवैध कारोबारी इतने अपनी भरती जेब से इतने रसूखदार बन गए कि दूसरे राज्यों की वैध लोटरियाँ भी बाजार से दबाबों के कारण गयाब होतीं रहीं और एटीम लॉटरी के अवैध बाज़ार ने बाज़ार पर कब्ज़ा कर लिया।
ये अवेध धंधा खादी, ख़ाकी और कलम का भी पोषण करने लगी , और ये सभी मिलकर एटीम लॉटरी का।
लेकिन वो कहते हैं न कि कानून के हाथ बहुत मजबूत और लम्बे होते हैं। व्यवस्था बदली , शासन-प्रशासन में टीम बदली, परिस्थितियों ने भी रंग बदल लिया, और रंग दिख गया।
होली के दस्तख़त के बीच , पुलिस की करवाई ने कितनों के रंग उड़ा दिए।
पुलिस इस मामले की रंग से जाँच कर दे , कितने ही रंग चढ़ेंगे और कितने ही सफेदपोशों के रंग उड़ेंगे कहना मुश्किल है। फ़िल्वक तो पुलिस ने एक जनोपयोगी बड़ी कामयाबी हासिल की है।