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with my pen…
एक परिचय
जहाँ भी आप जाएं , एक स्वाभाविक प्रक्रिया है कि आप अपना परिचय दें। किसी भी माध्यम से आप से मिलने वाले की भी स्वाभाविक प्रतिक्रिया होगी, कि वो सबसे पहले आपको जाने।
ऐसे में मैं स्वयं के विषय मे अपको बताऊँ ये आवश्यक है।
मेरा नाम “कृपा सिन्धु तिवारी” है। पत्रकारिता की दुनियाँ में लोग मुझे “कृपासिन्धु बच्चन” के नाम से भी जानते हैं।
पत्रकारिता, लेखन और सामाजिक मामलों में संवेदनशीलता और फिर उसे शब्दों में पिरोना मुझे पैतृक सम्पत्ति के रूप में विरासत में मिली है।
विषय लेखनी की…
मेरा प्रयास रहेगा की उन विषयों पर लेखनी लिखी जाये, जो समाज को तर्क-विवेक, बुद्धि-जन्य, ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करें.
मेरी लेखनी समाज को तर्क प्रस्तुत करेगी, जिसमें समाज को अपने ज्ञान और विवेक से उसे ग्रहण कर समाज में ही इसका प्रयोग करने का मार्ग प्रशस्त करेगी.
विषय प्रत्येक पाठक से जुड़ा हो ये मेरा प्रयास रहेगा.
“
पिछले 30-32 वर्षों से मैं कृपासिंधु जी को जनता हूँ. छात्र जीवन में हम सभी मित्रगण उन्हें बच्चन जी के नाम से पुकारते और जानते थे. हम दोनों बहुत दिनों तक छात्र जीवन मे साथ रहे, नतीजतन उनकी सोच और लेखनी से मैं विशेष रुप से परिचित रहा. मुझे पूरा विश्वास है, कि आप सभी इनके शब्दों की बुनाहट से जरूर लाभ उठाएंगे.
बच्चन भाई को अशेष बधाई के साथ अनन्त शुभकामनाएं और बड़ा भाई होने के नाते आशीर्वाद देता हूँ, कि वे आपलोगों को अपनी लेखनी से सार्थकता के साथ सींचते रहें.
बहुत शुभकामनाएं भाई बच्चन..
डॉ0 निशिकांत दुबे, सांसद
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र
झारखंड
बच्चन की कलम…

सन्थाल परगना की उत्कृष्ट पत्रकारिता स्वर्गीय नन्दलाल परशुराम के नाम पर हर वर्ष होगी पुरस्कृत
सन्थाल परगना की उत्कृष्ट पत्रकारिता स्वर्गीय नन्दलाल परशुराम के नाम पर हर वर्ष होगी पुरस्कृत

जय जय पाकुड़ का अवैध खनन, कोई अजय बोल दे, तो गलत ही होगा। सचमुच अजेय ही
जय जय पाकुड़ का अवैध खनन, कोई अजय बोल दे, तो गलत ही होगा। सचमुच अजेय ही

बस हाथ की लेखनी ही काफ़ी है नन्दलाल परशुराम सर के लिए
बस हाथ की लेखनी ही काफ़ी है नन्दलाल परशुराम सर के लिए

जादोपटिया : कलाकार की कृतियाँ , जो बन गईं भिक्षापात्र
जादोपटिया : कलाकार की कृतियाँ , जो बन गईं भिक्षापात्र

पत्रकार के साथ एक संत भी थे नन्दलाल परशुराम
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